Weather Update: भारत के शहर भीषण गर्मी से निपटने को तैयार नहीं, रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Weather Update: भारत के प्रमुख शहरों में भीषण गर्मी से बचाव के लिए दीर्घकालिक समाधान की कमी है। सस्टेनेबल फ्यूचर्स कोलैबोरेटिव की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, नीति निर्माता सिर्फ तत्काल राहत देने वाले उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जबकि लंबे समय तक प्रभावी रहने वाली रणनीतियों की कमी बनी हुई है।  

 9 प्रमुख शहरों का अध्ययन, स्थिति चिंताजनक  

रिपोर्ट में दिल्ली, बेंगलुरु, फरीदाबाद, ग्वालियर, कोटा, लुधियाना, मेरठ, मुंबई और सूरत में गर्मी से बचाव की तैयारियों का विश्लेषण किया गया। इसमें सामने आया कि इन शहरों में पानी की उपलब्धता, कार्यस्थल समय में बदलाव और अस्पतालों की तैयारियों जैसे तात्कालिक उपाय किए जा रहे हैं। लेकिन हीट एक्शन प्लान को लेकर कोई ठोस दीर्घकालिक नीति नहीं बनाई गई है।  

हीटवेव का खतरा बढ़ेगा, समाधान जरूरी  

विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले वर्षों में हीटवेव की तीव्रता और अवधि बढ़ने की आशंका है। यदि शहरी नियोजन में बदलाव, ग्रीन कवर बढ़ाने, ऊर्जा व्यवस्था मजबूत करने और कमजोर वर्गों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया, तो गर्मी से होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ सकती है।  

संस्थान और प्रशासन में तालमेल की कमी  

रिपोर्ट में बताया गया कि नगर निकाय और सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की भारी कमी है। हीट एक्शन प्लान का संस्थागत ढांचा कमजोर है और इसे प्रभावी रूप से लागू करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नजर आती है।  

क्या करने की जरूरत? रिपोर्ट में अहम सुझाव  

1. स्थानीय प्रशासन को दीर्घकालिक रणनीति अपनानी होगी, जिसमें ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, गर्मी सहन करने योग्य इमारतें और सार्वजनिक स्थानों को अधिक आरामदायक बनाने पर जोर दिया जाए।  

2. आपदा प्रबंधन निधि से हीटवेव से निपटने के लिए धन जुटाने की व्यवस्था करनी होगी।  

3. हीट ऑफिसर्स की नियुक्ति कर उनके अधिकार बढ़ाने होंगे, ताकि वे गर्मी से जुड़ी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू कर सकें।  

4. शहरी नियोजन में बदलाव कर गर्मी से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों को प्राथमिकता देनी होगी।  

हीटवेव से बचने के लिए ठोस रणनीति जरूरी  

सस्टेनेबल फ्यूचर्स कोलैबोरेटिव के विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को भीषण गर्मी से बचने के लिए तत्काल उपायों से आगे बढ़कर दीर्घकालिक समाधान अपनाने होंगे। अन्यथा, भविष्य में गर्मी का संकट और गंभीर हो सकता है।  

Budget 2025: विकसित भारत की नींव, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बड़ा बढ़ावा

बजट 2025 में इंफ्रा डेवलपमेंट को मिलेगा बूस्ट, राज्यों को 1.5 लाख करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त लोन  

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 पेश करते हुए विकसित भारत के विजन को मजबूती देने के लिए कई बड़े ऐलान किए। इस बार का बजट खासतौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग और अर्बन डेवलपमेंट को गति देने वाला है। वित्त मंत्री ने राज्यों को 1.5 लाख करोड़ रुपये तक का ब्याज मुक्त लोन देने की घोषणा की, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को तेजी मिलेगी।  

इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए राज्यों को ब्याज मुक्त लोन  

वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि राज्यों को 50 साल के लिए बिना ब्याज का 1.5 लाख करोड़ रुपये तक का लोन मिलेगा। यह लोन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए दिया जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया कि देश के विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।  

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा, मेक इन इंडिया पर जोर  

सरकार ने मेक इन इंडिया को और मजबूत करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को कई प्रोत्साहन देने का ऐलान किया। खासतौर पर टॉय इंडस्ट्री को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना लाई जाएगी। इसके अलावा एमएसएमई और माइक्रो बिजनेस सेक्टर को आगे बढ़ाने के लिए भी नई योजनाओं की घोषणा की गई है।  

अर्बन डेवलपमेंट के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का अर्बन चैलेंज फंड  

शहरी विकास को नई रफ्तार देने के लिए मोदी सरकार ने स्वामिह फंड-2 के तहत 15,000 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की, जिससे 1 लाख नए घर बनाए जाएंगे। 2025 के अंत तक इनमें से 40,000 यूनिट्स तैयार हो जाएंगी। इसके अलावा अर्बन चैलेंज फंड 1 लाख करोड़ रुपये का होगा, जिसका इस्तेमाल ग्रोथ हब, जल आपूर्ति और स्वच्छता पर किया जाएगा।  

 मैरीटाइम डेवलपमेंट और उड़ान योजना का विस्तार  

– मैरीटाइम डेवलपमेंट फंड के तहत 25,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे बंदरगाहों और समुद्री व्यापार को मजबूती मिलेगी।  

– उड़ान योजना का भी विस्तार किया गया है, जिसमें 120 नए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी डेस्टिनेशन जोड़े जाएंगे। इससे छोटे शहरों और गांवों में भी हवाई यात्रा का विस्तार होगा।  

 एमएसएमई सेक्टर को बड़ा समर्थन, स्टार्टअप्स के लिए भी राहत  

– एमएसएमई के लिए कवर 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है।  

– स्टार्टअप्स को मिलने वाले कवर को 20 करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया है।  

– फुटवियर और लेदर इंडस्ट्री के लिए सरकार ने 4 लाख करोड़ रुपये के कारोबार और 22 लाख नई नौकरियां देने का लक्ष्य रखा है।  

बजट 2025: विकसित भारत के लक्ष्य की ओर एक और कदम  

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 पेश करते हुए कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, स्टार्टअप्स और एमएसएमई सेक्टर को बूस्ट देने के लिए बड़े ऐलान किए गए हैं।  

Lady Of Justice: सुप्रीम कोर्ट में ‘न्याय की देवी’ की प्रतिमा में बड़ा बदलाव, आंखों से पट्टी और हाथ से तलवार हटाई

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता
न्यूज़ डेस्क। Lady Of Justice: सुप्रीम कोर्ट में ‘न्याय की देवी’ की प्रतिमा में बड़ा बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत अब प्रतिमा की आंखों से पट्टी हटा दी गई है और हाथ में तलवार की जगह संविधान की प्रति दी गई है। इस नई प्रतिमा को सुप्रीम कोर्ट के परिसर में पिछले साल स्थापित किया गया था, लेकिन हाल ही में इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसने जनता और कानूनी विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। (Supreme Court Of India)

पारंपरिक रूप से, ‘न्याय की देवी’ को आंखों पर पट्टी और हाथ में तलवार के साथ दिखाया जाता है, जो न्याय की निष्पक्षता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन इस नई प्रतिमा में आंखों से पट्टी हटाकर न्याय की प्रक्रिया में पारदर्शिता और संविधान को सर्वोच्चता दी गई है। इस बदलाव को न्यायिक व्यवस्था के आधुनिक दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, जहां कानून और संविधान को सर्वोपरि माना गया है।

प्रतिमा के इस नए रूप को लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे न्याय की नई व्याख्या के रूप में देख रहे हैं, जहां कानून और संविधान की अहमियत को प्रमुखता दी गई है, वहीं कुछ पारंपरिक दृष्टिकोण के समर्थक इस बदलाव पर सवाल उठा रहे हैं।

AIR TRAIN: दिल्ली एयरपोर्ट पर चलेगी देश की पहली एयर ट्रेन, यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Air Train in Delhi:  दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर यात्रियों के लिए जल्द ही एक नई और अत्याधुनिक सुविधा उपलब्ध होने वाली है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने घोषणा की है कि एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 से टर्मिनल 2 और 3 के बीच अब देश की पहली एयर ट्रेन चलाई जाएगी। यह ऑटोमेटेड पीपल मूवर (APM) सिस्टम, यात्रियों को जाम और समय की कमी से बचाने के उद्देश्य से लाया जा रहा है, ताकि यात्री टर्मिनलों के बीच फ्री में सफर कर सकें और उनकी फ्लाइट छूटने का खतरा न रहे।

क्या है एयर ट्रेन की खासियत?
दिल्ली एयरपोर्ट पर आने वाले लाखों यात्रियों के लिए यह एक बड़ी राहत साबित होगी। इस नई *एयर ट्रेन* का मुख्य उद्देश्य टर्मिनलों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाना है, जिससे यात्रियों को टर्मिनल 1 से टर्मिनल 2 या 3 पर पहुंचने में लगने वाले समय और जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

APM की मुख्य विशेषताएं:
– ऑटोमेटेड सिस्टम: यह एयर ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमेटेड होगी, यानी इसे चलाने के लिए किसी मैन्युअल ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होगी।
– एलिवेटेड ट्रैक: एयर ट्रेन का ट्रैक *एलिवेटेड* होगा, जिससे सड़क यातायात से कोई बाधा नहीं होगी।
– फ्री यात्रा: यात्रियों के लिए इस एयर ट्रेन में सफर मुफ्त होगा, जो टर्मिनलों के बीच तेजी से आवाजाही में सहायक साबित होगी।
   एयर ट्रेन की लॉन्चिंग और निर्माण
इस प्रोजेक्ट के लिए *डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण मॉडल* के आधार पर कार्य किया जाएगा। DIAL ने इसके लिए पहले ही टेंडर जारी कर दिए हैं और आने वाले महीनों में इस परियोजना पर तेजी से काम शुरू हो सकता है।

IGI एयरपोर्ट: देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है, जहां रोज़ाना हजारों यात्री घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए आते-जाते हैं। तीन टर्मिनलों वाले इस एयरपोर्ट पर यातायात में बढ़ोतरी के कारण टर्मिनल 1 और 2/3 के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की ज़रूरत महसूस की जा रही थी। एयर ट्रेन के माध्यम से यह समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी।

इस नई सुविधा से यात्रियों का सफर और भी सुगम और तेज़ हो जाएगा। दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रेन के आने से यातायात का दबाव कम होगा और यात्रियों के लिए समय की बचत भी होगी।

कुछ ऐसी दिखाई देगी एयर ट्रेन

नहीं रुलाएगा प्याज! : मोदी सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर लगाया बेन, लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा फैसला

चीनी से एथोनॉल बनाने पर भी रोक, ताकि महंगाई पर किया जा सके कंट्रोल

पब्लिक वार्ता – नई दिल्ली,
जयदीप गुर्जर। केंद्र की मोदी सरकार ने मार्च 2024 तक प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने का फैसला किया है। लोकसभा चुनाव अब केवल 4 महीने दूर है, ऐसे में माना जा रहा है की मोदी सरकार इस महाचुनाव से पहले महंगाई को लेकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। प्याज के देश से बाहर एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के इस फैसले से उसकी बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड  (DGFT) ने इस फैसले को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक प्याज के एक्सपोर्ट पॉलिसी में संशोधन करते हुए उसे प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्याज के एक्सपोर्ट पर बैन का फैसला शुक्रवार 8 दिसंबर, 2023 से लागू हो चुका है। डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के मुताबिक 8 दिसंबर 2023 को खुदरा बाजार में प्याज की औसत कीमत 56.82 रुपये प्रति किलो है। जबकि पिछले साल यानी 8 दिसंबर 2022 को औसतन प्याज की कीमत 28.88 रुपये प्रति किलो थी। एक साल में प्याज की कीमतों में करीब दोगुना उछाल आया है।

हालांकि सरकार ने कहा कि तीन परिस्थितियों में प्याज के एक्सपोर्ट को लेकर छूट दी जा सकती है। जिसमें पहला नोटिफिकेशन के जारी होने से पहले जहाज पर प्याज की लोडिंग की जा चुकी हो। दूसरा, नोटिफिकेशन के जारी होने से पहले शिपिंग बिल भरा जा चुका हो और पोर्ट पर प्याज की लोडिंग के लिए पहुंच चुका हो। इस परिस्थिति में एक्सपोर्ट की अप्रूवल तभी मिलेगी जब अथॉरिटी ये कंफर्म कर दे कि जहाज की बर्थिंग की जा चुकी है। और तीसरी परिस्थिति ये कि एक्सपोर्ट किया जाने वाला प्याज कस्टम को सौंपा जा चुका हो और सिस्टम में उसकी एंट्री हो चुकी हो। वहीं यह छूट केवल 5 जनवरी 2024 तक ही मिल सकेगी। आपको बता दे इससे पहले केंद्र सरकार गेहूं, चावल, चीनी के निर्यात पर भी रोक लगा चुकी है। गुरुवार को सरकार ने चीनी की कीमतों में उछाल के बाद गन्ने से एथेनॉल बनाने पर रोक लगा दी है जिससे घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में कमी लाई जा सके।

नोट बदला या नहीं ? : 2 हजार का नोट 1 अक्टूबर से हो जाएगा बंद, कितने नोट आये और कितने अब भी बाकी?

2 हजार रुपये का नोट बदलने की अंतिम तारीख 30 सितंबर है, आप एक दिन में 20 हजार तक बदल सकेंगे। खास बात यह है की नोट बदलने के लिए कोई फॉर्म या स्लिप नहीं भरना होगा।

पब्लिक वार्ता – नई दिल्ली,
जयदीप गुर्जर।
आज से 5 माह पूर्व यानी 19 मई 2023 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 2 हजार रुपये के नोट को सर्कुलेशन यानी चलन से बाहर करने का एलान किया था। आरबीआई के अनुसार 2 हजार रुपये के नोट बैंक में जाकर बदलवाना या फिर खाते में जमा करवाने को कहा गया था। साथ ही नोट बदलने के लिए आरबीआई ने बैंकों को कहा कि वो कैश डिपॉजिट नियमों का पालन करें। इसके लिए आरबीआई ने 23 मई से 30 सितंबर 2023 तक बैंकों में 2 हजार रुपये के नोटों को बदलने और जमा करने की बात कही थी। साथ ही कहा था कि पैनिक ना हो इसलिए ये नोट लीगल टेंडर में बने रहेंगे। नोट जमा करवाने के लिए अब लोगों के पास केवल 16 दिन और शेष बचे है। असुविधा और नुकसान से बचने के लिए तुरंत अपने नजदीकी बैंक में जाकर 2 हजार के नोट को बदलवाने का काम जरूर कर ले।

देशभर में कितने नोट हुए जमा ? :
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक रिपोर्ट में बताया कि जितने भी 2 हजार रुपये के नोट चलन में थे, उनमें से 93 प्रतिशत नोट बदले जा चुके हैं या बैंकों में जमा करा दिए गए है। बैंक ने बताया कि 31 अगस्त तक केवल 24 हजार करोड़ रुपये के वैल्यू के 2 हजार रुपये के नोट ही सर्कुलेशन में थे। बैंक के आंकड़ों के अनुसार 31 अगस्त 2023 तक सर्कुलेशन से वापस आए 2 हजार रुपये के बैंक नोटों का कुल मूल्य 3.32 लाख करोड़ रुपये है। इस प्रकार, 19 मई, 2023 तक प्रचलन में 2 हजार रुपये के 93 फीसदी बैंक नोट वापस आ गए हैं। प्रमुख बैंकों से कलेक्ट किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि सर्कुलेशन से वापस प्राप्त 2 हजार रुपये के कुल बैंक नोटों में से लगभग 87 प्रतिशत जमा किए गए है। बाकी को अन्य रुपये के बैंक नोटों से बदल दिया गया है। आंकड़ो पर गौर करें तो अभी भी लोगों के पास 0.24 लाख करोड़ रुपये यानी 24 हजार करोड़ रुपये के 2 हजार के नोट मौजूद है। ये आंकड़ा कुल नोटों का सात प्रतिशत है। (उक्त आंकड़ा एक रिपोर्ट के अनुसार)

जानिए क्या है नियम! कैसे बदले नोट :
लोग अपने बैंक खाते में 2 हजार के नोट जमा कर सकते हैं या किसी भी बैंक की शाखा में जाकर अपने नोट बदल सकते है। किसी भी बैंक में एक बार में 20 हजार रुपये तक यानी 2 हजार के 10 नोट बदले जा सकते है। नोट बदली के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क या फ़ीस नहीं ली जाएगी। इसके लिए आपको कोई फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है, ना ही कोई आईडी प्रूफ आपको देने की जरूरत है। हालांकि यदि 2 हजार का नोट आप अपने बैंक खाते में जमा कर रहे है तो इसकी कोई लिमिट नहीं है। यहां इंकम टैक्स का पैच जरूर बीच में आएगा। अगर आप दो हजार के नोट, जिसकी वैल्यू 50 हजार या उससे अधिक है। जमा करते हैं तो आपको पैन कार्ड (PAN Card) देना होगा।