रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: 11 साल पुराने चर्चित गौमांस परिवहन मामले में न्यायालय ने 11 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपये जुर्माना देने का आदेश सुनाया है। यह ऐतिहासिक फैसला शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अरुण सिंह ठाकुर के न्यायालय से आया।
सहायक जिला अभियोजन अधिकारी आशा शाक्यवार ने बताया कि यह प्रकरण 9 सितंबर 2014 को थाना स्टेशन रोड रतलाम में दर्ज हुआ था। फरियादी वासुदेव ने रिपोर्ट दी थी कि ग्राम नगरा रोड स्थित बंद पोल्ट्री फार्म के पास कुछ लोगों को मोटरसाइकिल पर बोरे में मांस जैसा पदार्थले जाते देखा गया।
मौके पर पहुंचने पर गाय के सींग, खून के निशान, लोहे का सूआ और नाले में तैरते मांस के टुकड़े मिले। जांच में स्पष्ट हुआ कि आरोपियों ने मिलकर गौवंश की हत्या कर मांस का परिवहन किया था।
अभियोजन पक्ष ने प्रत्यक्षदर्शियों, फॉरेंसिक रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर मामला प्रमाणित किया। न्यायालय ने सभी सबूतों को विश्वसनीय मानते हुए आरोपियों को मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 के तहत दोषी ठहराया।
घटना के बाद उस समय शहर में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था। विभिन्न हिंदू संगठनों ने जुलूस निकाले, मुख्यमंत्री और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपे, साथ ही चक्काजाम कर आक्रोश जताया था।
अभियोजन पक्ष की ओर से एडीपीओ कुंदन पाराशर ने प्रभावी पैरवी की।
दोषियों की सूची:
- राशीद पुत्र रसीद खान (38)
- जफर पुत्र बशीर शेरानी (45)
- असलम पुत्र भूरिया कुरैशी (25)
- मुस्ताक पुत्र ताज मोहम्मद कुरैशी (20)
- आजाद पुत्र बाबू कुरैशी (20)
- अफसर पुत्र अहमद हुसैन कुरैशी (30)
- राजा पुत्र वाजिद अली (38)
- आलम पुत्र वाजिद अली (30)
- माजीद कुरैशी पुत्र जहांगीर कुरैशी (30)
- अकील पुत्र बाबू खां कुरैशी (37)
- गोविंद पुत्र कालू भूरिया उर्फ भेरूलाल भूरिया (22)
सभी दोषियों को दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है।