रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: जय मां अम्बे शक्ति सामाजिक सेवा समिति सागोद द्वारा आयोजित भव्य धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। राजराजेशवरी मां जगदंबा एवं भेरूजी दरबार में नवचंडी यज्ञ, आदिशक्ति की महाआरती और लगातार नवें वर्ष महाप्रसादी भंडारा संपन्न हुआ। आयोजन में सागोद ग्राम सहित आसपास के क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और एक साथ पंगत में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया।

कार्यक्रम की शुरुआत कन्या पूजन और उन्हें प्रसाद ग्रहण कराने से हुई। इसके बाद नवचंडी यज्ञ की पूर्णाहुति, महाआरती और विशाल भंडारे का आयोजन समिति के सदस्यों और श्रद्धालुओं के सहयोग से संपन्न हुआ। इस दौरान अतिथियों का शॉल व चुनरी से सम्मान कर स्वागत किया गया।
मंच पर अखंड ज्ञान आश्रम के संत देवस्वरूपानंद जी, श्रंगेरी मठ के दंडी स्वामी आत्मानंद जी महाराज, महर्षि संजय शिवशंकर दवे, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय, क्षेत्रीय विधायक मथुरालाल डामर, नगर निगम रतलाम के एमआईएस अधिकारी विशाल शर्मा, परिषद के जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय, समाजसेवी राकेश मिश्रा, मंडल अध्यक्ष अशोक धाकड़, विकासखंड समन्वयक शैलेंद्र सिंह सोलंकी, सरपंच कैलाश खडेड़ा, मेडिकल कॉलेज के डॉ. प्रवीण बघेल, डॉ. ऋषभ जैन सहित कई प्रमुख गणमान्य उपस्थित रहे।
संत देवस्वरूपानंद जी महाराज ने कहा कि जब भोजन भगवान को अर्पित होता है, तो वह प्रसाद बन जाता है, और सभी को एक साथ पंगत में बैठकर उसे ग्रहण कराना सामाजिक समरसता का प्रतीक है। दंडी स्वामी आत्मानंद जी महाराज ने कहा कि हिन्दू संस्कृति हमेशा परहित की भावना पर आधारित रही है और यह आयोजन उसी भावना का प्रतीक है।
भाजपा जिला अध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में एकता और सहयोग की भावना को सशक्त करते हैं। विधायक मथुरालाल डामर ने कहा कि सामूहिक भोज समाज को जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम है और इस प्रकार की पहलें लगातार होती रहनी चाहिए।
इस आयोजन को सफल बनाने में समिति के संरक्षक विजय पाटीदार, अध्यक्ष डॉ. प्रकाश शर्मा, नरेंद्र श्रेष्ठ, योगेश जाट, निखिलेश सोनी, अमन माहेश्वरी, भूपेंद्र गहलोत, सचिन, संजय सोमरवाल, गणपत, घनश्याम, महेश मोहन, गोपाल और राजेश जी सहित समस्त सदस्यों की विशेष भूमिका रही।
यह आयोजन श्रद्धा, सेवा और सामाजिक समरसता का सजीव उदाहरण बनकर सामने आया, जिसने क्षेत्र में धार्मिक एकजुटता और सहयोग की मिसाल पेश की।