रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: विजयवर्गीय वैश्य समाज रतलाम द्वारा प्रतिभा सम्मान एवं भामा शाह सम्मान 2025 समारोह का आयोजन धाकड़ धर्मशाला, सागोद रोड पर हिन्दू नववर्ष के उपलक्ष्य में किया गया। इस अवसर पर समाज के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं एवं समाजहित में योगदान देने वाले दानदाताओं को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
समारोह की शुरुआत रामचरण महाराज के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद प्रज्ञा विजयवर्गीय ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया और नेहा विजयवर्गीय ने स्वागत उद्बोधन दिया। महिला मंडल द्वारा गणगौर को बनारो निकालकर कार्यक्रम की शुभ शुरुआत की गई। इसके साथ ही समाजजनों ने नवरात्रि के पावन अवसर पर गरबा भी किया।
मुख्य अतिथियों के प्रेरणादायक विचार
कार्यक्रम में प्रमुख संतों और विद्वानों ने अपने विचार रखे:
– श्रृंगेरी मठ के दंडी स्वामी 1008 आत्मानंद सरस्वती ने हिन्दू नववर्ष को भारतीय संस्कृति की आत्मिक चेतना का प्रतीक बताते हुए धर्म, सत्य, सेवा और संस्कार के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।
– अखंड ज्ञान आश्रम के संत देवस्वरूप महाराज ने बताया कि नववर्ष के साथ ब्रह्मांड, सूर्य-चंद्रमा, पेड़-पौधे, मौसम और मनुष्य की ऊर्जा में परिवर्तन आता है, इसलिए हमें भारतीय संस्कृति को अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए।
– महर्षि संजय शिवशंकर दवे ने समाज की एकजुटता पर बल देते हुए आधुनिकता के साथ संस्कृति और संस्कारों को बनाए रखने की बात कही।
सम्मानित प्रतिभागी और दानदाता
प्रतिभा सम्मान समारोह के तहत जिन छात्रों को सम्मानित किया गया उनमें मोक्ष, प्रावी, आरवी, अनिका, कृतिक, श्लोक, अबीर, रूतवी, विराज आदि शामिल रहे।
भामा शाह सम्मान के तहत समाज के प्रमुख दानदाता महेश, गोपाल, नवीन, सुधीर, श्याम, ललित, रामजस, लोकश, अरविंद, रामरतन, कमल राजौरिया आदि को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अन्य प्रमुख योगदानकर्ता
समारोह की अध्यक्षता समाजसेवी सुधीर विजयवर्गीय ने की। मंच पर विजयवर्गीय वैश्य समाज राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य तनुज विजयवर्गीय, महिला मंडल अध्यक्ष श्रद्धा विजयवर्गीय, विजयवर्गीय राष्ट्रीय समाज कल्याण कैबिनेट सदस्य सुरेखा विजयवर्गीय और ललित विजयवर्गीय उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन और समापन
समारोह का संचालन विजयवर्गीय वैश्य समाज रतलाम के अध्यक्ष रत्नेश विजयवर्गीय ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन प्रतीक विजयवर्गीय द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में सहभोज का आयोजन हुआ।