MP News: डॉक्टर पर कार्रवाई को लेकर विधायक कमलेश्वर डोडियार का अल्टीमेटम, 24 मार्च से आमरण अनशन की चेतावनी  

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा में भारत आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार ने रतलाम जिला अस्पताल के डॉक्टर चंद्र प्रताप सिंह राठौर पर जातिसूचक गालियां देने का आरोप लगाया है। उन्होंने डॉक्टर के निलंबन की मांग करते हुए कहा कि अगर 24 मार्च 2025 तक सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो वे विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे आमरण अनशन पर बैठेंगे।  

विधायक डोडियार का आमरण अनशन का ऐलान  

मध्य प्रदेश के रतलाम जिला अस्पताल के डॉक्टर चंद्र प्रताप सिंह राठौर के खिलाफ कार्रवाई न होने से नाराज विधायक कमलेश्वर डोडियार ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर चेतावनी दी कि अगर 24 मार्च 2025 तक इस मामले में उनकी सुनवाई नहीं होती, तो वे आमरण अनशन शुरू करेंगे।  

जातिसूचक गाली देने का आरोप  

विधायक डोडियार ने आरोप लगाया कि 5 दिसंबर 2024 को जब वे अपनी तबीयत खराब होने के कारण रतलाम जिला अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टर राठौर ने उन्हें जातिसूचक गालियां दीं। इस मामले में उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई। लेकिन चार महीने बीतने के बाद भी डॉक्टर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।  

सरकार पर लापरवाही का आरोप  

विधायक ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा के पिछले सत्र में भी उठाया था, लेकिन अब तक डॉक्टर के निलंबन या अभियोजन की स्वीकृति को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि जांच अभी तक पूरी नहीं हुई, न ही न्यायालय में चालान पेश किया गया।  

आदिवासी समाज में आक्रोश  

विधायक डोडियार ने कहा कि यह सिर्फ उनका मामला नहीं है, बल्कि संपूर्ण भीलप्रदेश मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के आदिवासियों की भावनाओं से जुड़ा विषय है। उन्होंने सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की और कहा कि जब तक डॉक्टर को निलंबित नहीं किया जाता, तब तक वे न भोजन करेंगे और न ही पानी ग्रहण करेंगे।  

सरकार पर बढ़ा दबाव  

इस मामले को लेकर आदिवासी समाज में भी भारी आक्रोश है। अगर सरकार जल्द कार्रवाई नहीं करती है, तो यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि 24 मार्च से पहले सरकार इस मामले में क्या निर्णय लेती है।

Ratlam News: जिला चिकित्सालय को कायाकल्प, एन-क्वास और मुस्कान पुरस्कार, कलेक्टर ने दी बधाई

रतलाम – पब्लिक वार्ता, 

न्यूज डेस्क। Ratlam News: जिला चिकित्सालय रतलाम को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कायाकल्प, एन-क्वास और मुस्कान पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। इन पुरस्कारों के तहत अस्पताल को कुल 53.89 लाख रुपये की राशि प्राप्त हुई है। कलेक्टर राजेश बाथम ने इस उपलब्धि पर चिकित्सालय प्रशासन को बधाई दी और निर्देश दिए कि यह राशि मरीजों की सुविधाओं में सुधार के लिए उपयोग की जाए।  

 रोगी कल्याण समिति की बैठक में लिए गए अहम फैसले  

कलेक्टर राजेश बाथम की अध्यक्षता में आयोजित रोगी कल्याण समिति की बैठक में अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. एम. एस. सागर, सीएमएचओ डॉ. आनंद चंदेलकर, आरएमओ डॉ. अभिषेक अरोरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।  

बैठक में निम्नलिखित अहम निर्णय लिए गए:  

– पुरस्कार राशि का उपयोग मरीजों की सुविधाओं में सुधार के लिए किया जाएगा।  

– नर्सिंग कॉलेज भवन का उपयोग वर्तमान में खाली पड़े भवन का चिकित्सालय की आवश्यकताओं के अनुसार किया जाएगा।  

– थैलेसीमिया मरीजों के लिए सुविधा हेतु 3 लाख रुपये की राशि स्वीकृत कर फिजियोथेरेपी सेंटर की स्थापना की जाएगी।  

– 70 वर्ष से अधिक उम्र के पात्र मरीजों के लिए आयुष्मान कार्ड बनवाने और अन्य योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए ऑपरेटर तैनात किए जाएंगे।  

– मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में मरीजों के आवागमन में बाधा पहुंचाने वाले अनुपयोगी गोल चक्र को हटाया जाएगा।  

– अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं को शिशु जन्म के समय ही जन्म प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था होगी, जिससे आमजन को परेशानी न हो।  

 अस्पताल में निरीक्षण एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा  

बैठक के बाद कलेक्टर राजेश बाथम ने जिला चिकित्सालय का दौरा किया और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने थैलेसीमिया वार्ड, नर्सिंग कॉलेज, स्टोर रूम, जनरेटर, सफाई और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।  

थैलेसीमिया और सिकल सेल मरीजों की स्थिति

– जिले में थैलेसीमिया के 183 मरीज हैं, जिनमें से 179 मरीजों को जिला चिकित्सालय में नियमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुविधा दी जा रही है।  

– जिले में सिकल सेल के 29 मरीज हैं, जिनमें से 23 मरीजों का इलाज जिला चिकित्सालय में किया जा रहा है।  

वीरयाखेड़ी वृद्ध आश्रम का दौरा  

कलेक्टर राजेश बाथम ने वीरयाखेड़ी वृद्ध आश्रम का भी निरीक्षण किया और वहां रह रहे वृद्धजनों से बातचीत की। वृद्धजनों ने भोजन, ठहरने और अन्य सुविधाओं को लेकर संतोष व्यक्त किया। कलेक्टर ने रेड क्रॉस एंबुलेंस का निरीक्षण कर आवश्यक सुधार कार्य कराने के निर्देश दिए।

सवाल सुरक्षा का : अस्पताल में दो पक्षो ने जमकर मचाया उत्पात, 5 आरोपी गिरफ्तार अन्य फरार

कहां थे सरकारी अस्पताल के सुरक्षा गार्ड?, क्या खत्म हो रही है परफेक्ट पुलिसिंग?

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। रतलाम शासकीय जिला अस्पताल में शनिवार रात करीब 1 बजे दो पक्ष आपस में भिड गए। जिसके हाथ जो लगा, उसे उठाकर एक दूसरे पर हमला किया। अस्पताल के जांच काउंटर का कांच तोड़ डाला। फायर एक्सटेंशन उखाड़कर उसे भी इस्तेमाल किया। करीब 20 मिनट तक जमकर उत्पात मचाया। इस वक्त तक वीडियो जमकर वायरल हो रहे है। इससे भी मारपीट की। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी बेबस होकर केवल वीडियो बनाती रहे। दरअसल शहर के मदीना कॉलोनी में एक परिवार के दो गुटों में प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है। अस्पताल में झगड़ने से पहले भी मारपीट हुई। एक गुट के कुछ लोग माणक चौक थाने में रिपोर्ट लिखाने पहुंचे। मारपीट में घायल के मेडिकल के लिए पुलिस जवान उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। इतने में दूसरे पक्ष के लोग आ गए। दोनों पक्षों में कहासुनी हुई और मारपीट शुरू हो गई। अस्पताल में मौजूद मरीज डॉक्टर व स्टाफ घबराकर इधर उधर भागने लगे।

देखे वीडियो : किस तरह मचता रहा अस्पताल में उत्पात

पुलिस ने एक पक्ष के शौकत की रिपोर्ट पर शाकिर, नासिर और तीन अन्य के खिलाफ केस किया है। दूसरे पक्ष के समीर की शिकायत पर अबरार, अंसार, रमजानी, आसिफ के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज किया है। अस्पताल में तोड़फोड़ पर सीएमएचओ की शिकायत पर भी केस दर्ज किया गया है। जिसमें कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रविवार 5 लोगों को गिरफ्तार किया व अन्य फरार है।

सुरक्षा गार्ड की अनुपस्थिति और पुलिस की देरी?
घटनाक्रम के दौरान शासकीय जिला अस्पताल की चौकी में एक ही पुलिस जवान था। दूसरा जवान माणकचौक पुलिस का मेडिकल कराने एक पक्ष के लोगों को लेकर आया था। दोनों ही जवान उत्पात मचाती भीड़ के सामने बेबस थे। दोनों पुलिस जवान केवल सबूत के तौर पर वीडियो बनाने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार करीब 25 मिनट तक पुलिस का बेक फोर्स नहीं आया। तब तक अपराधी उत्पात मचाकर रवाना हो चुके थे। ऐसे में पुलिसिंग पर सवालिया निशान खड़े हो रहे है। क्या जिले में पुलिकर्मियों की इस कदर कमी है की घटना के दौरान पहुंचने में देरी लग रही है? क्या शहर या जिले में परफेक्ट पुलिसिंग अब खत्म होती जा रही है?   वहीं अस्पताल में केवल 1 गार्ड मौजूद था। जबकी अस्पताल में अन्य कमरों में रजिस्टर के अंदर करीब 5 से 7 गार्ड ऑन डयूटी रहते है। जिनकी जिम्मेदारी शासकीय अस्पताल की सुरक्षा की है। लेकिन जब मारपीट और तोड़फोड़ हो रही  थी तब कोई नहीं था। ऐसे में सीएमएचओ आनंद चन्देलकर केवल शिकायत कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते।

इनको किया गिरफ्तार
अस्पताल में उत्पात मचाने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की। जिसके बाद रविवार को समीर उर्फ बाबु पिता साबीर हुसैन निवासी 25 हाट रोड़, गोलु उर्फ अफसार पिता शौकतहुसैन निवासी हाट की चौकी वेदव्यास कालोनी, माहिद उर्फ अप्पु पिता नासीर हुसैन निवासी सुभाष नगर, पीर मोहम्मद उर्फ ईम्मु पिता मान खाँ फकीर निवासी सुभाष नगर, रमजानी पिता खेराती निवासी वेदव्यास कालोनी को गिरफ्तार किया है। वहीं अबरार, अंसार, आसीफ हुसैन, आमीन हुसैन, साबिर हुसैन एवं अन्य साथी फरार है जिनकी तलाश की जा रही है।

वाह बड़े साहब : जिला अस्पताल में छत का प्लास्टर गिरने से बालिका घायल, सिविल सर्जन ने कहा – छज्जे तो घर के भी गिर जाते है!

पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी पहुंचे अस्पताल, अव्यवस्थाओं पर कहा – “बार बार बोला जा रहा झूठ”

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। जिला अस्पताल की जर्जर हालात अब मरीजों के लिए आफत बनती जा रही है। कुछ दिनों पहले लगातार बारिश के कारण मरीजों को रातो-रात मेडिकल कॉलेज पहुंचाना पड़ा था। इसके बाद अस्पताल के कई हिस्से पहले से ज्यादा जर्जर बन चुके है। आइसोलेशन वार्ड के शौचालय की छत का प्लास्टर अचानक गिर गया, जिससे बालिका घायल हो गई। घटना के बाद जिला अस्पताल के सिविल सर्जन एमएस सागर से जब मीडिया ने बात की तो उनका गैर जिम्मेदाराना रवैय्या सामने आया। मीडिया से बातचीत में सागर ने कहा कि छज्जे तो घर के भी गिर जाते है। तो क्या उसे इतना गंभीरता से लेते है? साथ ही एक अखबार को दिए बयान में कहा की लोक निर्माण विभाग काफी पहले इसे जर्जर घोषित कर चुका है। ऐसे में प्लास्टर गिरना स्वाभाविक है, फिर भी रिपेयरिंग करवाकर काम चला रहे हैं।
खेर बड़ा सवाल यही है कि जिम्मेदारी भूलकर इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयान पर कोई एक्शन होगा या नहीं?
गौरतलब है कि नवीन 300 बेड का अस्पताल बनने के दौरान इन्ही नए नवेले बड़े साहब ने उसके नक्शे में फेरबदल करवा कर काम रुकवा दिया था। तब तक मौजूदा नक्शे के हिसाब से नवीन अस्पताल का बेस तैयार हो गया था। जिसके बाद ठेकेदार को बेस हटाकर सभी सरिया सीमेंट निकालने पड़े थे। फिलहाल वापस से नक्शा तैयार कर लिया गया है, काम फिर शुरू हो गया है।

घटना की जानकारी मिलने के बाद शनिवार शाम पूर्व गृहमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर उस वार्ड का निरीक्षण कर चश्मदीद मरीजों से घटना की जानकारी ली। सिविल सर्जन के बयान पर कोठारी ने कहा कि इस प्रकार का जवाब देना गैर जिम्मेदारी है। किसी को चोट लगती है तो सबको दुख होना चाहिए। कोठारी ने कहा कि 5 साल से नवीन अस्पताल के लिए बार – बार झूठ बोला जा रहा है। यहां मरीज असुरक्षित महसूस कर रहे है। यह बिल्डिंग रियासतकालीन है अब इसको नया बनाने की जरूरत है। पूर्व मंत्री के अस्पताल पहुंचने की सूचना मिलते ही सिविल सर्जन भी वहां पहुंचे। जिसके बाद कोठारी ने उनके दिए बयान पर जमकर खरी खोटी सुनाई।

यह हुआ था घटनाक्रम :
हिम्मतनगर कॉलोनी निवासी बालिका जाह्नवी जर्जर सिस्टम की भेंट चढ़ गई। बालिका ने बताया कि उसकी दादी को इलाज के लिए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया था। दोपहर बाद दादी का हाथ पकड़कर उन्हें शौचालय में ले गई। थोड़ी दूर पर ही छत के प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा फर्श पर आ गिरा। इसका कुछ हिस्सा जाह्नवी के हाथ और सिर पर लगता हुआ नीचे आया। जाह्नवी के हाथ और सिर में चोंट आई। अचानक हुए घटनाक्रम के बाद वहां भर्ती मरीजों और उनके परिजनों में भी हड़कंप मच गया। जिसके बाद घटना को दबाने के प्रयास सेअस्पताल प्रशासन ने चुपचाप घायल बालिका और बुजुर्ग दादी को मेडिकल कॉलेज भेज दिया। जिला अस्पताल में मेल सर्जिकल वार्ड, इमरजेंसी वार्ड की भी हालत गंभीर है। यहां पूरे बरामदा कई जगह से प्लास्टर पहले ही गिर चुका है, बारिश में पानी टपकता रहता है, जिसके निशान अब भी मौजूद है, वार्ड में भी पानी आता है।