MP News: विश्व के हजारों स्कूलों को पछाड़कर अव्वल बना ये सरकारी स्कूल, देश में बनाई अलग पहचान

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। MP News: रतलाम के विनोबा नगर स्थित सीएम राइज स्कूल ने गुरुवार को विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में शीर्ष स्थान प्राप्त कर इतिहास रच दिया है। लंदन स्थित संस्था टी4 एजुकेशन ने वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से रतलाम के इस सरकारी स्कूल को “इनोवेशन श्रेणी” में विश्व का सर्वश्रेष्ठ स्कूल घोषित किया। यह उपलब्धि न केवल स्कूल के लिए, बल्कि भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण है।

टी4 एजुकेशन की घोषणा
टी4 एजुकेशन के संस्थापक और सीईओ श्री विकास पोटा ने सीएम राइज विनोबा नगर स्कूल की टीम और मध्य प्रदेश सरकार को इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि भारत के सरकारी स्कूल भी विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं। यह सफलता दुनिया भर के शिक्षकों और नीति निर्माताओं को प्रेरित करेगी।”

100 देशों के स्कूलों को दी मात
टी4 एजुकेशन द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में 100 से अधिक देशों के हजारों स्कूलों ने भाग लिया था, जिनमें अमेरिका, यूरोप और एशिया के प्रतिष्ठित निजी स्कूल भी शामिल थे। रतलाम के इस स्कूल ने प्रतियोगिता के विभिन्न चरणों में कड़ी टक्कर देते हुए विश्व के शीर्ष 10 स्कूलों में अपनी जगह बनाई, और अंततः इनोवेशन श्रेणी में प्रथम स्थान पर पहुंचा।

भावुक हुए स्कूल के सह प्राचार्य
स्कूल के सह प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर ने इस उपलब्धि पर भावुक होकर कहा, “हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारा स्कूल दुनिया में अव्वल आएगा। हमने चुनौतियों के बीच नए विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए हर दिन संघर्ष किया। यह उपलब्धि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक पहचान दिलाने वाला क्षण है।”

मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री की बधाई
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने भी इस सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि रतलाम के इस स्कूल ने देश के लिए गर्व का क्षण प्रदान किया है।

स्कूल की इनोवेटिव गतिविधियां
सीएम राइज स्कूल ने विद्यार्थियों की उपस्थिति और दक्षता बढ़ाने के लिए कई इनोवेटिव तरीकों का प्रयोग किया। टीम हडल, कैप्सूल ट्रेनिंग, प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग और लर्निंग शोकेस जैसे कार्यक्रमों ने विद्यार्थियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Ratlam News: सी.एम. राइज विनोबा स्कूल रतलाम में अकादमिक संवाद आयोजित, शिक्षकों ने दी त्रैमासिक परीक्षा की समीक्षा

रतलाम –  पब्लिक वार्ता
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: सी.एम. राइज विनोबा स्कूल में एक महत्वपूर्ण अकादमिक संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न शैक्षणिक अवधारणाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम का नेतृत्व उप-प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर ने किया, जिन्होंने स्कूल की विश्व के टॉप-3 विद्यालयों में शामिल होने की चुनौतीपूर्ण यात्रा और सफलता की कहानी साझा की।

उन्होंने “सायकल ऑफ ग्रोथ” और “विनोबा मॉडल ऑफ पेरेंटल इंगेजमेंट” के साथ-साथ शिक्षकों के पेशेवर विकास द्वारा विद्यार्थियों और समुदाय में आए सकारात्मक बदलावों पर भी चर्चा की। इसके अलावा, श्री राठौर ने वैश्विक संस्था टी-फोर एजुकेशन द्वारा स्कूल को एक ‘स्ट्रांग स्कूल कल्चर’ के रूप में चिन्हित किए जाने के पैरामीटर्स पर भी प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के दौरान, शिक्षक शोभा ओझा और मीनाक्षी अग्रवाल ने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए, जिससे कई शिक्षक भाव-विभोर हो गए।

त्रैमासिक परीक्षा परिणाम की समीक्षा करते हुए शिक्षक राजाराम सेकवाडिया, भावना रावत, और हर्षिता सोलंकी ने बोर्ड और स्थानीय परीक्षाओं के परिणामों पर विस्तृत प्रस्तुति दी। प्राचार्य संध्या वोरा ने भी संवाद को संबोधित किया, जबकि संचालन हीना शाह ने किया और आभार सुनीता पंवार ने व्यक्त किया।

इस संवाद में कुल 30 शिक्षकों ने भाग लिया और यह कार्यक्रम शिक्षकों के लिए एक प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक सत्र साबित हुआ।

Top School In World: कैसे एक टीचर ने MP के सरकारी स्कूल को झुग्गियों से निकाल इंटरनेशनल लेवल पर पहुंचाया, आज देशभर में नाम

सेंव, साड़ी और सोने की प्रसिद्धि से ट्रिपल S नगरी कहे जाने वाले रतलाम में एक और S जुड़ा, वो S है STUDY यानी शिक्षा!, विज्ञान के शिक्षक गजेन्द्रसिंह राठौर के प्रयासों ने बनाया अव्वल…

मध्यप्रदेश – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Top School In World: मध्यप्रदेश के  रतलाम का सीएम राइज विनोबा स्कूल (CM RISE SCHOOL RATLAM) न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित कर चुका है। इस सरकारी स्कूल को T4 अंतर्राष्ट्रीय संस्था (T4 Education :World’s Best School Prizes 2024) द्वारा नवाचार श्रेणी में विश्वभर के टॉप 10 स्कूलों में शामिल किया गया और अंततः इसने तीसरा स्थान हासिल किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद से स्कूल के छात्रों, शिक्षकों और परिजनों में गर्व है। इस स्कूल को 1991 में रतलाम की शहरी झुग्गियों में स्थापित किया गया था। इस स्कूल ने अपनी शुरुआती चुनौतियों के बावजूद, नवाचारी प्रक्रियाओं और सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से आज यह मुकाम हासिल किया है। 

विज्ञान की कक्षा में प्रेक्टिकल कर विद्यार्थियों को पढ़ाते शिक्षक राठौर

सरकारी स्कूल के एडमिशन में अब प्रवेश के लिए होड़ मची हुई है। इसके यहां तक पहुंचने के पीछे की कहानी में एक शिक्षक गजेन्द्रसिंह सिंह राठौर की भूमिका बहुत मायने रखती है। राठौर स्कूल के वाईस प्रिंसीपल भी है। साइंस टीचर गजेन्द्रसिंह राठौर (Science Teacher Gajendra Singh Rathore) के पढाने का तरीका बहुत अलग है। उनका कहना है विज्ञान रट्टा मारने का नहीं बल्कि समझने का विषय है। किताब में छपे विषयों को राठौर प्रेक्टिकल कर बच्चों को समझाते है। रॉकेट उड़ता कैसे है, घर्षण होता क्या है, भूकंप आता क्यो है ऐसे कई रहस्यों को पढ़ाने की बजाय उन्हें प्रेक्टिकल से समझाते है। राठौर ऑनलाइन भी बच्चों को विज्ञान को समझने के लिए प्रेरित करते है।

नहीं बदला अंदाज, राठौर से पढ़ने का क्रेज
विद्यार्थियों में राठौर से पढ़ने का अलग ही क्रेज है। जहां भी शिक्षक रहे उन्होंने अपने पढ़ाने के अंदाज नहीं बदले। पढ़ाने में इनोवेशन के तरीकों को उन्होंने यहां भी लागू रखा। उनके साथ अन्य स्टाफ ने भी सहभागिता की और गजेन्द्रसिंह के तरीकों को अपनाया। जिसकी बदौलत आज पूरे विश्व में MP का सरकारी स्कूल चमक रहा है। आपको बता दे साल 2016 में राठौर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके है। आज भी राठौर अपने पढ़ाए विद्यार्थियों के साथ जीवंत संपर्क में रहते है। विद्यार्थी भी उनसे जीवन की कठिनाइयों से निकलने के टिप्स लेते है। परेशानियों में उनसे सलाह लेते है।अवार्ड की घोषणा के समय कार्यक्रम के दौरान राठौर भावुक हो उठे थे और उनके आंसू निकल आए थे।

File Photo

राठौर ने बनाई योजना, नवाचार किए लागू
दो साल पहले विनोबा स्कूल में उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर ने स्कूल में विद्यार्थियों की कम उपस्थिति को सुधारने के लिए वरिष्ठ शिक्षकों के साथ मिलकर “साइकिल ऑफ ग्रोथ मेकैनिज्म” योजना बनाई। इस योजना का उद्देश्य शिक्षकों के पेशेवर विकास के साथ-साथ छात्रों की भागीदारी बढ़ाना था। इसमें टीचर्स के लिए टीम हर्डल, कैप्सूल ट्रेनिंग, क्लासरूम मॉनिटरिंग, वन-ऑन-वन फीडबैक, और रीवार्ड एवं रिकग्निशन जैसी गतिविधियाँ शामिल की गईं।
इसके अलावा, “विनोबा मॉडल ऑफ पैरेंटल एंगेजमेंट”, “कम्युनिटी एज ए लर्निंग रिसोर्स”, और “ट्रैकिंग डाटा के इनोवेटिव आइडिया” जैसी पहलें भी जुड़ती गईं। इन सब नवाचारों ने स्कूल में एक उत्साही और सकारात्मक वातावरण तैयार किया, जहाँ बच्चे आसानी से सीखने लगे। इस योजना को सफल बनाने में प्राचार्य संध्या वोरा, उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर, प्रधान अध्यापक अनिल मिश्रा, सीमा चौहान, हीना शाह और अन्य शिक्षकों ने नियमित रूप से योगदान दिया।

इस प्रकार हुआ चयन
टी फॉर एजुकेशन ने दुनिया भर के स्कूलों से फरवरी 2024 तक विभिन्न श्रेणियों में आवेदन मांगे थे। हजारों आवेदनों में से विनोबा स्कूल को “इनोवेशन” श्रेणी में चुना गया, जहाँ उप प्राचार्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक गजेंद्र सिंह राठौर को स्कूल लीडर के रूप में नामित किया गया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों द्वारा एक घंटे का ऑनलाइन इंटरव्यू लिया गया। इंटरव्यू के बाद दस्तावेजों के आधार पर मूल्यांकन किया गया।
शिक्षकों की ऑनलाइन मीटिंग और विभिन्न स्तरों के परीक्षण के बाद, 13 जून को पहले चरण में स्कूल टॉप 10 में आया और गुरुवार को टॉप 3 में जगह बनाई। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा संजय गोयल, आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता, और संचालक लोक शिक्षण डीएस कुशवाह ने उन्हें इस सफलता पर बधाई दी।

विद्यालय परिवार के साथ खुशियां मनाते राठौर

इनोवेशन कैटेगरी में ऐतिहासिक उपलब्धि
रतलाम का यह शासकीय स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक और प्रयोगात्मक तरीकों का उपयोग कर रहा है, जिससे छात्रों को आधुनिक दृष्टिकोण के साथ शिक्षा दी जा रही है। गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि विद्यालय में कुल 577 छात्र अध्ययनरत हैं, जिनमें से 525 छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इस सफलता के पीछे स्कूल के सामूहिक प्रयास और शिक्षकों की कड़ी मेहनत है।

मुख्यमंत्री ने दी बधाई
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्कूल की उपलब्धि पर बधाई दी। शहर विधायक व मंत्री चैतन्य काश्यप ने स्कूल का दौरा कर छात्रों और शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने इस अवसर पर स्कूल की प्राचार्य संध्या वोहरा और उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह को विशेष रूप से सम्मानित किया। काश्यप ने कहा कि यह स्कूल प्रदेश के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा और भविष्य में अन्य शासकीय स्कूलों को भी इसी प्रकार से ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम करेगा।

सीएम राइज स्कूल: एक ड्रीम प्रोजेक्ट
गौरतलब है कि सीएम राइज स्कूल योजना मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के शासकीय स्कूलों को उन्नत और आधुनिक सुविधाओं से लैस कर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया। आज रतलाम के विनोबा स्कूल ने इस पहल की सफलता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिद्ध कर दिया है।

लाइटहाउस स्कूल का दर्जा
अब इस स्कूल को “लाइटहाउस” का दर्जा दिया गया है, जिसका मतलब है कि अन्य स्कूल भी इसके नवाचार और सफलता से प्रेरणा लेकर अपने छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा प्रणाली विकसित करेंगे। गजेंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार, स्कूल की यह सफलता अभिभावकों के लिए एक संकेत है कि अब उन्हें महंगे निजी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सरकारी स्कूल भी उन्हें उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर सकते हैं। रतलाम के इस स्कूल ने साबित कर दिया है कि सही दिशा में मेहनत और दृढ़ संकल्प से सरकारी स्कूल भी विश्व स्तरीय उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं।

टीम विनोबा

No. 1 हमारा रतलाम : सीएम राइज विनोबा स्कूल दुनिया के टॉप 10 बेस्ट स्कूलों में शामिल, कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप ने दी शुभकामनाएं

मध्यप्रदेश से रतलाम और झाबुआ ने किया मुकाम हासिल, जानिए क्या है “वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल प्राइज”

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। दुनिया के नक्शे पर शिक्षा जगत में रतलाम का नाम प्रख्यात करने पर रतलाम के सीएम राइस स्कूल प्रबंधन को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम, उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप ने शुभकामनाएं प्रेषित की है। उन्होंने कहा कि सीएम राइज स्कूल ने अपनी बेहतर एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। आपको बता दे विश्व के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा पुरस्कार द “वर्ल्ड्स बेस्ट स्कूल प्राइज“ जो कि विश्व की शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्था “टी फोर एजुकेशन“ द्वारा प्रदान किया जाता है,उसके इनोवेशन केटेगरी में मप्र के रतलाम के विनोबा स्कूल को अंतराष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा वर्ल्ड टॉप 10 में चयन किया गया है। दुनिया भर के 100 देशों से हजारों आवेदन इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए प्राप्त होते है।यह पुरस्कार 5 केटेगरी कम्युनिटी कोलैबोरेशन, एनवायरमेंटल एक्शन, इनोवेशन, ओवरकमिंग एडवर्सिटी, फॉर सर्पोटिंग हेल्दी लाइव्स के लिए दिए जाते हैं।

मंत्री काश्यप ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा रहा है। प्रदेश के बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इस हेतु प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। प्रदेश के लिए यह उपलब्धि है कि यूएसए की प्रमुख संस्था द्वारा विश्व स्तर पर की  स्पर्धा में मध्य प्रदेश के दो सीएम राइज़ स्कूल, सीएम राइज़ विनोबा, रतलाम और सीएम राइज़ मॉडल झाबुआ को स्थान दिया गया है। इससे प्रदेश सरकार द्वारा विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के जो प्रयास लगातार हो रहे है, उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।

उपलब्धि पर जश्न मनाते विद्यार्थी व शिक्षक

इस तरह होता है चयन
वर्ल्डस बेस्ट स्कूल प्राइस 2024 की इनोवेशन कैटेगरी में रतलाम के सी.एम. राइज विनोबा स्कूल को यूएसए, थाईलैंड, ब्राजील, चिली, केन्या, इटली, मेक्सिको ,यूनाइटेड किंगडम के स्कूलों के साथ प्रथम दस में एक जटिल प्रक्रिया द्वारा चयनित किया गया है। विनोबा स्कूल ने अपनी बेस्ट प्रैक्टिसेज के माध्यम से अपनी चुनौतियों का सामना करते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में विगत दो वर्षों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। टीचर्स प्रोफेशनल डेवलपमेंट के अंतर्गत “साइकिल ऑफ़ ग्रोथ“ के माध्यम से शिक्षक को “बदलाव के वाहक“ के रूप में लाया गया। सरकारी सिस्टम में शिक्षकों के बारे में बनाई गई नकारात्मक धारणा को तोड़ने में ये विद्यालय सफल रहा। अपने स्कूल लीडर्स के मार्गदर्शन में जॉयफूल लर्निंग द्वारा विद्यार्थियों और पालकों को संस्था से जोड़ा गया। विद्यार्थियों की उपस्थिति और दक्षता में वृद्धि हुई।
विश्वव्यापी संस्था “टी फोर एजुकेशन“ द्वारा दुनिया भर के स्कूल्स से फरवरी 2024 तक विभिन्न केटेगरी में विस्तृत आवेदन के माध्यम से अपने इस वर्ष के प्रतिष्ठित पचास हजार यूएस डॉलर के पुरस्कार की चयन प्रक्रिया शुरू की। प्राप्त हजारों आवेदनों में से शार्ट लिस्ट स्कूल्स के रूप में विनोबा स्कूल के उप प्राचार्य श्री गजेंद्र सिंह राठौर का स्कूल लीडर के रूप में “इनोवेशन“ केटेगरी में किये गए उल्लेखनीय कार्यो पर अन्तराष्ट्रीय शिक्षाविदों द्वारा 1 घण्टे का ऑनलाइन इंटरव्यू लिया गया। यहां से पुनः चयनित होने पर दस्तावेज आधारित मूल्यांकन किया गया। इसके पश्चात विभिन्न स्तरों की ऑनलाइन परीक्षण बैठक के उपरांत अंतिम रूप से टॉप 10 में चयन किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में विनोबा स्कूल के लीडर्स और शिक्षक एक परिवार की तरह जुटे रहे।

अपनी गतिविधियों के लिए है विख्यात
पढ़ाई, खेलकूद और विद्यार्थियों के ओवरऑल डेवलपमेंट में विनोबा स्कूल मध्यप्रदेश का शिक्षा विभाग द्वारा घोषित लाइट हाउस स्कूल भी है। विद्यालय ने कम्युनिटी को लर्निंग रिसोर्स के रूप में जोड़ा। कक्षा 1 से 12 तक अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यम में संचालित होने वाले विनोबा स्कूल के 577 में से 545 विद्यार्थी किसी ने किसी स्तर पर गतिविधि से वर्ष भर जुड़े रहते हैं। विद्यालय में टीचिंग लर्निंग मटेरियल, प्रिंट रिच, स्टूडेंट डायरी, टीचर्स डायरी, हुक बैंक, मॉर्निंग मीटिंग, सर्कल टाइम, एकेडमिक संवाद, बिहेवियर मैनेजमेंट जैसे कहीं उपक्रम किए जाते है जिसके माध्यम से विद्यालय में सहजता से सीखने का वातावरण बना।

इनोवेटिव टीचर है गजेंद्रसिंह राठौर
दो वर्ष पूर्व विनोबा स्कूल में ज्वाइन होने के बाद विद्यार्थियों की कम उपस्थिति और दक्षता में कमी पर संस्था के नवागत उपप्राचार्य श्री गजेंद्र सिंह राठौर ने वरिष्ठ शिक्षकों के साथ मिलकर “साइकिल आफ ग्रोथ मेकैनिज्म“ को प्लान किया। इसमें टीचर्स के प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए टीम हडल और कैप्सूल ट्रेनिंग, क्लास रूम मॉनिटरिंग, वन आन वन फीडबैक, रीवार्ड एंड रिकगनाईजेशन की सकारात्मक चक्रीय योजना बनाई। शिक्षकों के साथ टीम बिल्डिंग एक्टिविटी के बीच नियमित रूप से रोचक तरीके से संस्थागत विषयों पर रोल प्ले सहित अन्य उत्साह के वातावरण को बनाया।

संस्था के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त नवाचारी स्कूल लीडर उपप्राचार्य गजेंद्र सिंह के साथ अन्य स्कूल लीडर प्राचार्य संध्या वोरा, प्र.अ. अनिल मिश्रा, सीमा चौहान, हीना शाह, पीपुल संस्था से प्रियल उपाध्याय, दीपक साही सहित शिक्षकों ने इस अवधारणा को नियमित रूप देकर मूर्त रूप प्रदान कर दिया। विद्यार्थियों के कामों को प्रदर्शित करने के लिए लर्निंग शोकेस, सृजन मेले, कम्युनिटी विजिट, प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग जैसे नियमित आयोजन हुए। पीपुल संस्था और स्कूल शिक्षा विभाग मप्र ने विद्यालय के नवाचारों को नियमित प्रोत्साहन और समर्थन दिया।