मुंबई – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क।RSS पथ संचलन: दशहरा से एक दिन पहले महाराष्ट्र के रत्नागिरी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जुलूस यानी पथ संचलन के दौरान तनाव पैदा हो गया। जानकारी के मुताबिक जुलूस के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पथ संचलन को रोकने का प्रयास किया।वहीं कथित तौर पर नारेबाजी की। इससे इलाके का माहौल तनावपूर्ण हो गया। रत्नागिरी के एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक शुक्रवार रात को कोंकण नगर इलाके में यह घटना हुई। इसके बाद पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं। महाराष्ट्र विधानसभा में कणकवली से विधायक और बीजेपी नेता नितेश राणे ने एक तथाकथित वीडियो शेयर किया है, जिसमें कुछ लोगों को नारेबाजी करते हुए देखा गया था। घटना को लेकर नितेश ने वीडियो के साथ लिखा- ‘इसका हिसाब तो होगा… इंटरेस्ट के साथ’!
रत्नागिरी में शुक्रवार शाम निकला था RSS का मार्च
रत्नागिरी में शुक्रवार शाम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता कदम ताल करते हुए घोष के साथ मार्च कर रहे थे। संघ कार्यकर्ता कतार लगाकर चल रहे थे। इसी बीच कुछ अराजक तत्वों का झुंड इस मार्च को बाधित करने की कोशिश करते हुए दिखाई दिया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी उन लोगों को रोककर खड़े हुए थे, ताकि आरएसएस का मार्च निकल सके।
वीडियो में देखा गया कि संघ कार्यकर्ताओं के आते ही वहां मौजूद अराजक तत्व नारेबाजी करने लगे। उन लोगों ने धार्मिक नारे लगाए। काफी देर तक ये लोग संघ कार्यकर्ताओं के मार्च के बीच नारेबाजी करते रहे। पुलिस वहां मोर्चा संभालकर डटी हुई थी और संघ का मार्च वहां से धीरे-धीरे आगे निकल गया था। फिलहाल पुलिस ने बताया कि जब दशहरा उत्सव की पूर्व संध्या पर आरएसएस ने इलाके में पथ संचलन किया तो अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नारे लगाए। हालांकि कोई हिंसा नहीं हुई। मगर रात को लोगों की भीड़ थाने में जुट गई। लोगों ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं
पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमने शिकायतों के आधार पर दो मामले दर्ज किए हैं। पांच आरोपियों की पहचान कर ली गई है। उन्हें नोटिस जारी कर दिए हैं। अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
भागवत ने विजयादशमी पर क्या कहा?
नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने हिंदुओं से एक होने की अपील की। भागवत ने बांग्लादेश का उदाहरण दिया और कहा कि पहली बार हिंदू एकजुट हुए और अपनी रक्षा के लिए सड़कों पर उतरे। उन्होंने कहा कि जब तक अत्याचार करने की कट्टरपंथी प्रकृति बनी रहेगी तब तक न केवल हिंदू बल्कि सभी अल्पसंख्यक खतरे में रहेंगे।
कमजोरी कोई विकल्प नहीं
संघ प्रमुख ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह भारत के हिंदुओं के लिए भी सीख है। हमारे पड़ोसी बांग्लादेश में जो कुछ हुआ? इसके कुछ तात्कालिक कारण हो सकते हैं और जो लोग चिंतित हैं, वे इस पर चर्चा करेंगे। मगर मूल मुद्दा हिंदुओं के खिलाफ बार-बार हो रहा अत्याचार है।
भागवत ने आगे कहा कि अगर हम कमजोर हैं तो हम अत्याचार को आमंत्रित कर रहे हैं। हम जहां भी हैं, हमें एकजुट और सशक्त होने की जरूरत है। कमजोरी कोई विकल्प नहीं है।
बांग्लादेश पर भड़के भागवत
भागवत ने कहा कि बांग्लादेश में ऐसी चर्चाएं चल रही हैं कि उन्हें पाकिस्तान का साथ देना चाहिए क्योंकि उसके पास परमाणु शक्ति है और उन्हें भारत से खतरा है। उन्होंने कहा कि जिस देश को उसके निर्माण में पूरा समर्थन मिला, वह अब भारत के खिलाफ इस तरह के बयान को बढ़ावा दे रहा है।