Ratlam News: 71वां महारुद्र यज्ञ प्रारंभ; परिषद ने किया त्रिवेणी मेले का भव्य शुभारंभ, संस्कृति और खेल का अद्भुत संगम

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रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: त्रिवेणी तट पर 71वें वर्ष में जिस उद्देश्य को लेकर यज्ञ किया जा रहा नारायण पूर्ण करें, ऐसी हम प्रार्थना करते हैं। सनातन धर्म में यज्ञ कर्म सर्वश्रेष्ठ है, यज्ञ साक्षात विष्णु हैं और यह तो पूरे ब्रह्माण्ड के लिए यज्ञ हो रहा है। इसके लिए कार्यकर्ता धन्यवाद के पात्र हैं। सनातन परमात्मा है यहां सभी सनातनी है। यह बात शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ त्रिवेणी के पावन तट पर शुरू हुए 71वें महारूद्र यज्ञ प्रारंभ अवसर पर महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती ने कही। धर्मसभा के पूर्व महामंडलेश्वर, संत देवस्वरूपानंद, आत्मानंद सरस्वती आदि संतों के सान्निध्य में यज्ञ यजमान प्रेमलता व संजय दवे ने सनातन धर्म की ध्वजा फहराकर यज्ञाचार्य पंडित दुर्गाशंकर ओझा व 21 भूदेवों के मंत्रोच्चार के साथ हवन कुंड में अग्नि प्रवेश कराई।

गूंजे हर हर महादेव के नारे
पूरा त्रिवेणी परिसर हर-हर महादेव और सनातन धर्म…अग्नि नारायण के जयकारों से गूंज उठा। महामंडलेश्वर ने कहा कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड सनातन के अन्तर्गत है, यज्ञ संपूर्ण ब्रह्माण्ड को ऊर्जा देने वाली नाभी है। नारी को नारायणी और नर को नारायण होना है। ये हमारी प्रकिया है। नारियों को अनुसुइयां तक पहुंचाना है, जिन्होंने तीनों देव को नियंत्रित किया है। संतों ने भी संबोधित किया।

समाज प्रमुख किए गए आमंत्रित
यज्ञ नारायण की आरती में विभिन्न समाज से प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया। जिसमें नागर ब्राह्मण समाज से दिलीप मेहता, राजपुत नवयुवक मंडल से राजेन्द्र सिंह  गोयल, भारत सिंह सिसौदिया, कायस्थ समाज से रत्नदीप निगम, गुर्जर समाज से देवेन्द्र गुर्जर एडवोकेट, राठौड़ तेली समाज से रतनलाल खन्नीवाल, क्षत्रिय पिपा समाज से रवि पंवार, नेपाली संस्कृति परिषद से नरेन्द्र श्रेष्ठ आदि मौजूद रहे। आरती पश्चात आमंत्रित सभी सनातन समाज बंधुओं का आयोजन समिति की और से भगवा दुपट्टा पहना कर स्वागत किया गया।

संतों का सम्मान कर लिया आशीर्वाद
सनातन धर्मसभा एवं महारूद्र यज्ञ समिति संरक्षक पूर्व विधायक कोमलसिंह राठौर, अध्यक्ष अनिल झालानी, नवनीत सोनी, डॉ. राजेन्द्र शर्मा, ब्रजेश नंदन मेहता, सत्यदीप भट्ट, चेतन शर्मा आदि ने संतों का सम्मान कर आशीर्वाद लिया। समिति अध्यक्ष झालानी ने महारूद्र यज्ञ और पूर्व विधायक राठौर त्रिवेणी तट पर यज्ञ कब से ओर क्यो प्रारंभ से आज तक की जानकारी दी। इस अवसर पर लालचंद टांक, मोहनलाल भट्ट, सुरेश दवे, रमेश व्यास, पुष्पेन्द्र जोशी, कपूर सोनी, मनोज शर्मा, समरथ पाटीदार, राजेंद्रसिंह गोयल, राजेश दवे, सोहनलाल व्यास, सतीश पुरोहित, मुन्नालाल शर्र्मा, कैलाश झालानी, महिला मंडल की ताराबहन सोनी, राखी व्यास, आशा शर्मा सहित बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित थे।

मेले का हुआ शुभारंभ
त्रिवेणी के पावन तट पर आयोजित होने वाले 11 दिवसीय त्रिवेणी मेले का शुभारंभ शनिवार शाम 5 बजे विधिवत पूजा-अर्चना और भव्य समारोह के साथ किया गया। नगर निगम परिसर स्थित रंगमंच पर आयोजित उद्घाटन समारोह में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप, सांसद अनिता नागरसिंह चौहान और महापौर प्रहलाद पटेल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेल प्रतियोगिताओं की झलक
त्रिवेणी मेले में प्रतिदिन शाम को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें 22 दिसंबर को भजन संध्या, 23 दिसंबर को स्थानीय आर्केस्ट्रा, 24 दिसंबर को लोक गीत और नृत्य, 25 दिसंबर को श्रीकृष्ण लीला, 27 दिसंबर को बॉलीवुड नाइट और 29 दिसंबर को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।
खेल भावना को बढ़ावा देने के लिए मेले में 26 दिसंबर को बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता, 27 से 29 दिसंबर तक कुश्ती, कबड्डी, खो-खो और सीनियर वॉलीबॉल जैसे खेलों का आयोजन होगा।

शुभारंभ समारोह में व्यक्त विचार
महापौर प्रहलाद पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि त्रिवेणी मेला रतलाम की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। उन्होंने स्वच्छता और प्लास्टिक के उपयोग को कम करने पर जोर दिया।
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय ने नगर निगम द्वारा संस्कृति को जीवित रखने के प्रयासों की सराहना की। निगम अध्यक्ष श्रीमती मनीषा शर्मा ने मेले को जन-जन से जोड़ने और इसे सांस्कृतिक धरोहर के रूप में संरक्षित रखने की अपील की।

मंचीय संचालन और आभार प्रदर्शन
कार्यक्रम का संचालन सामान्य प्रशासन समिति प्रभारी धर्मेंद्र व्यास ने किया, जबकि आभार महापौर परिषद सदस्य अक्षय संघवी ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर नगर निगम के अधिकारी, क्षेत्रीय पार्षद और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

विशेष आयोजन और अपील
नगर निगम और महापौर परिषद ने नागरिकों से त्रिवेणी मेले में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इसे सफल बनाने की अपील की है। मेला रतलाम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को न केवल संरक्षित करता है, बल्कि नई पीढ़ी को इससे जोड़ने का माध्यम भी बनता है।
त्रिवेणी मेला 31 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें हर दिन रतलाम की परंपरा, संस्कृति और खेल का अद्भुत समागम देखने को मिलेगा।

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