
हॉस्टल की अनुमति पर बना होटल, बिना अनुमति संचालित हो रहा स्वीमिंग पूल, गार्डन और स्पॉ सेंटर
रतलाम- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: रतलाम नगर निगम के शासकीय बगीचे की जमीन पर डॉल्फिन स्वीमिंग पूल और होटल प्रिंस प्लाजा के अवैध कब्जे को लेकर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायालय ने होटल और स्वीमिंग पूल संचालकों द्वारा नगर निगम के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही इन पर लगे स्टे को भी कोर्ट ने हटा दिया है।
हॉस्टल की अनुमति लेकर बनाया होटल
नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार, होटल प्रिंस प्लाजा की मालिक स्नेहलता पति सुभाष सिंह ने भवन निर्माण के लिए हॉस्टल की अनुमति ली थी। लेकिन बाद में इस भवन को कमर्शियल रूप देकर होटल में बदल दिया गया। राजनीतिक दबाव के कारण वर्षों तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इतना ही नहीं, होटल के लिए बिजली की डीपी भी सरकारी जमीन पर नियमों के खिलाफ स्थापित कराई गई थी।
बिना अनुमति संचालित हो रहा डॉल्फिन स्वीमिंग पूल, गार्डन और स्पॉ सेंटर
नगर निगम के अधिवक्ता वीरेंद्र पाटीदार ने न्यायालय में दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए बताया कि डॉल्फिन स्वीमिंग पूल वर्ष 2010 से संचालित है, लेकिन इसकी कोई वैधानिक अनुमति नहीं ली गई।
डॉल्फिन स्वीमिंग पूल में अब तक दो बच्चों की डूबकर मौत हो चुकी है, एक घटना 22 अप्रैल 2015 और दूसरी 19 मई 2024 को हुई थी। इसके बावजूद पूल का संचालन जारी रहा।
इसके अलावा, डॉल्फिन स्वीमिंग पूल के पास शुभ-लग्न गार्डन और एक स्पॉ सेंटर भी बिना अनुमति के संचालित किया जा रहा था।
नगर निगम की कार्रवाई पर कोर्ट की मुहर
नगर निगम ने जब सरकारी बगीचे की जमीन का अधिग्रहण कर वहां बगीचे का निर्माण शुरू किया, तब डॉल्फिन स्वीमिंग पूल संचालक विजयशंकर पांडे और होटल प्रिंस प्लाजा की मालिक स्नेहलता सिंह ने न्यायालय में याचिका दायर कर स्टे की मांग की थी।
हालांकि, न्यायालय ने सुनवाई के बाद स्टे को खारिज कर दिया और नगर निगम के पक्ष में फैसला सुनाया। अब नगर निगम इस अवैध कब्जे पर आगे की कार्रवाई कर सकता है।