Ratlam News: नगर निगम के नए कर का कांग्रेस ने किया विरोध, आंदोलन की चेतावनी

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: नगर निगम द्वारा प्रस्तावित बाजार बैठक वसूली के खिलाफ कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है। कांग्रेस नेताओं ने इसे नगर निगम अधिनियम के खिलाफ बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी। इसी मुद्दे पर पूर्व विधायक पारस सकलेचा के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने निगम आयुक्त हिमांशु भट्ट को ज्ञापन सौंपा।

कांग्रेस ने प्रस्ताव को बताया अवैध

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि महापौर द्वारा पारित किया गया प्रस्ताव नगर निगम अधिनियम की धारा 19 का उल्लंघन है। पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने बताया कि 4 मार्च 2025 को एमआईसी से स्वीकृत प्रस्ताव को एजेंडे में शामिल नहीं किया गया और इसे मौखिक रूप से पेश किया गया, जो कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है।

महापौर ने जनता के साथ छल किया – कांग्रेस

सकलेचा ने आरोप लगाया कि महापौर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2024-25 के बजट सत्र में भी 750 ट्यूबवेल मोटरों का बिजली बिल मोहल्ला समितियों से वसूलने का प्रस्ताव बिना किसी उचित प्रक्रिया के पास किया गया था।

कांग्रेस का सवाल – करोड़ों रुपये कहां गए

ज्ञापन में कांग्रेस ने 2025-26 के बजट में 104 मदों के आंकड़ों में गड़बड़ी का आरोप लगाया। पार्टी ने सवाल उठाया कि दिसंबर 2023 में दर्शाई गई करोड़ों की आय मार्च 2024 में शून्य कैसे हो गई।

नगर निगम आयुक्त का जवाब

चर्चा के दौरान आयुक्त हिमांशु भट्ट ने कहा कि कुछ बिंदुओं पर कांग्रेस की व्याख्या से वे सहमत नहीं हैं, लेकिन वे बजट में गड़बड़ियों का विश्लेषण करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ी तो ज्ञापन को उच्च अधिकारियों के पास भेजा जाएगा।

कांग्रेस करेगी आंदोलन

कांग्रेस ने बाजार बैठक वसूली को जबरन वसूली करार देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी। इस दौरान पूर्व विधायक पारस सकलेचा, नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा, उपनेता प्रतिपक्ष कमरुद्दीन कछवाय, वरिष्ठ पार्षद यास्मीन शेरानी, सलीम मोहम्मद बागवान, वसीम अली, रजनीकांत व्यास, हितेश पेमाल और शाकिर खान उपस्थित रहे।

Ratlam News: शहर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन: बाजार बैठक शुल्क नहीं देंगे, जनसंसद में प्रस्ताव पास

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क| Ratlam News: नगर निगम द्वारा बाजार बैठक शुल्क पुनः लागू करने के विरोध में शहर कांग्रेस और कांग्रेस पार्षद दल ने नगर निगम गेट पर भव्य जनसंसद का आयोजन किया। इस प्रदर्शन में 700 से अधिक खोमचे, ठेले, गुमटी और टोकरी में व्यवसाय करने वाले विक्रेता शामिल हुए। जनसंसद में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि भाजपा ने बाजार शुल्क वापस नहीं लिया, तो कोई भी विक्रेता यह शुल्क नहीं देगा।

कांग्रेस का ऐलान – गरीबों पर जुल्म हुआ तो जेल भर देंगे

शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया ने कहा कि जनता भाजपा के खिलाफ संघर्ष के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, कांग्रेस का हर कार्यकर्ता गरीबों के साथ खड़ा है। हम जेल जाएंगे, लेकिन गरीबों का शोषण नहीं होने देंगे।

नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यह प्रस्ताव गैरकानूनी है और भाजपा की नीतियों को उजागर करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि कांग्रेस गरीब जनता के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री की घोषणा भूले विधायक और महापौर

युवा कांग्रेस अध्यक्ष मयंक जाट ने कहा कि 9 जुलाई 2022 को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धानमंडी में बाजार बैठक शुल्क स्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी। उन्होंने सवाल उठाया कि विधायक और महापौर अब अपने मुख्यमंत्री की बात क्यों भूल गए।

महिलाओं और व्यापारियों का आक्रोश

जनसंसद में सड़क किनारे व्यवसाय करने वाली कई महिलाओं ने नगर निगम और महापौर के खिलाफ नाराजगी जताई। एक सब्जी विक्रेता महिला ने कहा, हमें जहर दे दो, लेकिन हम टैक्स नहीं देंगे। वहीं, एक फल विक्रेता ने कहा, हमारी गर्दन काट दो, लेकिन हम जबरन वसूली नहीं सहेंगे।

नारेबाजी और प्रदर्शन

प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस पार्षदों और नागरिकों ने काले रंग के एप्रिन पहने हुए थे, जिन पर सरकार विरोधी नारे लिखे थे। सभा स्थल पर महापौर के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। जनसंसद के बाद प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस पार्षद दल को नगर निगम परिषद की बैठक में भेजा। उन्हें सब्जियों की माला पहनाकर सम्मानित किया गया और नगर निगम के गेट पर सब्जियां बिखेरकर विरोध दर्ज कराया गया।

प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नेता

जनसंसद में कांग्रेस नेता यासमीन शैरानी, शैलेंद्र सिंह अठाना, फैयाज मंसूरी, वीरेंद्र प्रताप सिंह, वहीद भाई शेरानी, सलीम मोहम्मद बागवान, राजीव रावत, सुजीत उपाध्याय, बसंत पंड्या समेत कई कार्यकर्ता और आम नागरिक उपस्थित रहे। सभा में 10 से अधिक ठेला व्यवसायी और आठ से ज्यादा महिलाएं अपनी दुकान लगाकर बैठी थीं, जिससे विरोध का प्रभाव और मजबूत दिखा।

Ratlam News: शहर कांग्रेस महामंत्री पर हमला, प्रॉपर्टी विवाद में दो पक्ष आमने-सामने, क्रॉस केस दर्ज  

रतलाम- पब्लिक वार्ता,

न्यूज़ डेस्क।Ratlam News: शहर कांग्रेस महामंत्री शीतल सेन पर रविवार रात उनके ही समाज के कुछ लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में शीतल सेन और उनके 16 वर्षीय बेटे जयश घायल हो गए। जयश के सिर में गंभीर चोट आने से तीन टांके लगे हैं। घटना का कारण प्रॉपर्टी विवाद बताया जा रहा है।  

 हमले में महामंत्री और बेटे को गंभीर चोटें  

शीतल सेन ने बताया कि रात 11 बजे भरत सेन अपने तीन साथियों के साथ घर पहुंचे और दराते व लाठियों से हमला कर दिया। इस हमले में शीतल सेन के सीने, अंगूठे और कोहनी पर चोटें आईं, जबकि उनके बेटे जयश के सिर पर लाठी से वार किया गया। बचाव करने आई उनकी मां और पत्नी को भी धमकी दी गई। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।  

 पुलिस ने दोनों पक्षों पर दर्ज किया क्रॉस केस  

शीतल सेन की शिकायत पर माणकचौक पुलिस ने भरत सेन पिता बाबूलाल सेन, मिल सेन, राजेश सेन समेत चार अन्य के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की धमकी का केस दर्ज किया है।  

वहीं, दूसरे पक्ष ने भी शीतल सेन और उनके परिवार पर मारपीट और धमकी देने का आरोप लगाया। भरत सेन की शिकायत पर पुलिस ने शीतल सेन, उनके बेटे जयश और मंजीत सेन के खिलाफ केस दर्ज किया है।  

प्रॉपर्टी विवाद बना हमले की वजह  

माणक चौक थाना प्रभारी अनुराग यादव ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच प्रॉपर्टी को लेकर पुराना विवाद चल रहा था, जो अब हिंसक झड़प में बदल गया। पुलिस ने दोनों पक्षों पर क्रॉस केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।  

Haryana Election: बीजेपी की हरियाणा में जीत के बाद राहुल गांधी के घर भेजी गई जलेबी – राजनीतिक तंज या जीत का जश्न?

हरियाणा पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव (Harayana vidhan sabha election) में तीसरी बार ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद, बीजेपी ने एक दिलचस्प कदम उठाया। पार्टी ने दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित बीकानेरवाला स्वीट्स से कांग्रेस मुख्यालय, 24 अकबर रोड पर राहुल गांधी के लिए एक किलो जलेबी भिजवाई। यह कदम न सिर्फ राजनीतिक तंज था, बल्कि पूरे चुनावी प्रचार के दौरान चले जलेबी विवाद का अंतिम जवाब भी था।

जलेबी का चुनावी विवाद
यह सारा मामला तब शुरू हुआ जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गोहाना की एक रैली में स्थानीय जलेबी की तारीफ करते हुए उसे ‘सबसे अच्छी’ जलेबी बताया। उन्होंने कहा कि यह जलेबी भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में जानी चाहिए और इस दुकान को फैक्ट्री में बदल देना चाहिए, ताकि हजारों को रोजगार मिल सके। राहुल की इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी, और चुनाव के दौरान जलेबी एक हॉट टॉपिक बन गई।

(BJP) बीजेपी की राजनीतिक चाल
चुनाव में कांग्रेस की हार और बीजेपी की जीत के बाद, बीजेपी ने राहुल गांधी की जलेबी टिप्पणी को लेकर तंज कसते हुए उनके घर जलेबी भेजने का फैसला किया। बीजेपी ने अपने ट्विटर हैंडल से इस घटना का जिक्र करते हुए ऑर्डर का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें बीकानेरवाला से ऑर्डर की गई जलेबी की कीमत 609 रुपये बताई गई थी। ट्वीट में पार्टी ने कहा, “भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के समस्त कार्यकर्ताओं की तरफ से राहुल गांधी जी के लिए उनके घर पर जलेबी भिजवा दी है।”

जलेबी के जरिए तंज
बीजेपी नेताओं ने इस जलेबी विवाद का इस्तेमाल कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधने के लिए किया। यूपी के एक बीजेपी नेता ने चुटकी लेते हुए कहा, “राहुल गांधी को अब जलेबी कड़वी लग रही होगी।” इस तरह, चुनावी रुझानों के बाद भी जलेबी विवाद सुर्खियों में रहा और भाजपा ने इसका उपयोग अपने विपक्षी दल पर कटाक्ष करने के लिए किया।

नतीजा
बीजेपी की जीत के बाद इस प्रतीकात्मक कदम से यह साफ है कि भारतीय राजनीति में तंज और प्रतीकों का कितना महत्व है। जलेबी, जो आमतौर पर मिठास और खुशी का प्रतीक है, यहां राजनीतिक कटाक्ष का साधन बन गई।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: भाजपा का दबदबा बरकरार, विपक्ष की चुनौतियाँ बढ़ीं

हरियाणा पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम घोषित हो गए हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। वर्तमान में भाजपा 45 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 30 से अधिक सीटें जीतने में सफल रही है। अन्य क्षेत्रीय दलों, जैसे इंडियन नेशनल लोक दल (INLD), ने भी कुछ सीटों पर जीत दर्ज की है।

भाजपा की सफलता: विकास और सुशासन की जीत
भाजपा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में विकास और सुशासन के मुद्दों को प्राथमिकता दी। पार्टी ने ग्रामीण विकास, औद्योगिक प्रगति और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों पर जोर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उसे युवाओं का समर्थन मिला। इसके प्रभावी संगठन और जमीनी स्तर पर काम ने भाजपा को व्यापक सफलता दिलाई।

कांग्रेस और विपक्ष की चुनौतियाँ
विपक्षी कांग्रेस ने बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाया, लेकिन भाजपा की विकासात्मक नीतियों के खिलाफ प्रभावी रूप से मुकाबला नहीं कर पाई। किसान आंदोलन के बावजूद, कांग्रेस को अपेक्षित समर्थन नहीं मिला। INLD और जेजेपी जैसे क्षेत्रीय दल भी अपनी पूर्व स्थिति को बनाए रखने में असफल रहे।

जातीय समीकरण और चुनावी परिणाम
हरियाणा की राजनीति में जातीय समीकरण महत्वपूर्ण रहे हैं। भाजपा ने गैर-जाट समुदायों के बीच समर्थन जुटाकर अपनी स्थिति को मजबूत किया। हालांकि, विपक्ष ने जाट मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश की, लेकिन भाजपा की रणनीति ने इस प्रयास को विफल कर दिया।

राजनीतिक परिदृश्य: भविष्य की संभावनाएँ
भाजपा की जीत ने यह साबित किया है कि राज्य में विकास और सुशासन की राजनीति महत्वपूर्ण है। विपक्ष को अपनी रणनीति में सुधार की आवश्यकता है। कांग्रेस को अपने नेतृत्व और एकता पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जबकि क्षेत्रीय दलों को अपने आधार को मजबूत करने के लिए नए तरीके तलाशने होंगे। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम ने भाजपा की मजबूती को स्पष्ट किया है। पार्टी की विकासात्मक नीतियाँ और संगठनात्मक क्षमताएँ उसे फिर से सत्ता में लाने में सफल रही हैं। भविष्य में, हरियाणा की राजनीति में और भी दिलचस्प बदलाव देखने को मिल सकते हैं, खासकर आगामी लोकसभा चुनावों की दृष्टि से।