सीसीटीवी फूटेज और मोबाइल लोकेशन ने बचाया, पुलिस ने 2 माह में किया निराकरण
पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। बलात्कार या दुष्कर्म के रोज नए मामले सामने आते है। जिसमें महिला की शिकायत पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर पुलिस आरोपियों को सलाखों के पीछे कर देती है। ऐसा ही एक मामला रतलाम के ताल थाना क्षेत्र में भी आया। जिसमें महिला ने तीन लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाया। लेकिन जब पुलिस ने मामले की सत्यता जांची और निष्पक्ष जांच की तो मालूम हुआ कि पूरा मामला ही झूठा निकला। अब पुलिस आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुए केस को खत्म करने की कार्रवाई करते हुए शिकायत करने वाली महिला के खिलाफ केस दर्ज करेगी। पुलिस ने 2 महीने में ही दूध का दूध और पानी का पानी करते हुए तीन बेकसूर लोगों को बचा लिया। पुलिस मामले को चिन्हित कर गंभीरता से जांच नहीं करती तो सालों तक आरोपी बनाए गए बेकसूर सलाखों के पीछे ही रहते।
एसपी राहुल कुमार लोढा ने बताया की ताल थाना अंतर्गत एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया था। आरोपियों के खिलाफ तथ्यात्मक जांच के लिए एएसपी राकेश खाखा व एसडीओपी शाबेरा अंसारी को निर्देशित कर टीम बनाई। जिसमें महिला द्वारा लगाए गए आरोप झूठे निकले। पुलिस टीम ने आरोपियों की निशानदेही व बताए गए लोकेशन की जब जांच की तो वह सही निकले। पुलिस टीम ने सीसीटीवी व सायबर की मदद से इसमें टेकनिकल सबूत जुटाए। जिस महिला ने यह झूठा मुकदमा दर्ज करवाया अब उसके खिलाफ पुलिस 182/211 सीआरपीसी के अंतर्गत कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही पुलिस तीनों आरोपियों पर दर्ज केस को खारिज करवाते हुए उन्हें छोड़ने के लिए कोर्ट से अपील करेगी।
महिला ने क्यों किया ऐसा?
पुलिस सूत्रों के अनुसार महिला का पति शराब का अवैध काम करता है। जिससे पुलिस ने महिला के पति के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था। महिला को शंका थी की जुझार सिंह, राजेश सिंह डोडिया एवं कुलदीप सिंह ने उसके पति की सूचना पुलिस को देकर केस बनवाया। जिसके बाद महिला कई बार तीनों को झूठे आरोप में फंसाने की धमकी भी दे चुकी थी।
यह था पूरा घटनाक्रम
दिनांक 26 अक्टूबर 2023 को फरियादी महिला द्वारा बताया कि वह दोपहर 1:00 बजे के करीब उसके भांजे के साथ बाइक पर ताल आ रही थी। इस दौरान रास्ते में बाइक पंचर हो जाने से उसका भांजा पंचर निकलवाने चला गया। महिला वहीं खड़ी उसका इंतजार कर रही थी। इस दौरान उसके पास एक सफेद रंग की कार आकर रूकी जिसमे तीन व्यक्ति जुझार सिंह, राजेश सिंह डोडिया एवं कुलदीप सिंह बैठे थे। महिला ने बताया उन्होंने मुझे घर छोड़ने का बोलकर गाड़ी में बैठा लिया। फिर मुझे अनजान जगह पर ले जाकर मेरे साथ तीनो ने बलात्कार कर मारपीट की तथा जान से मारने की धमकी दी। मारपीट से मैं बेहोश हो गई थी। अगले दिन जब होश में आई तो तीनों व्यक्ति मुझे कार में बैठाकर आबूपुरा के पास मगरे पर छोड़ गए। और धमकी दी कि यह बात किसी को बताई तो जान से मार देगे तीनो वह से भाग गए। फरियादी महिला की रिपोर्ट पर थाना ताल पर अपराध क्रमांक 573/23 धारा 323,342,366, 376(डी), 506,34 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था।
पुलिस जांच में खुली पोल
पुलिस ने आरोपी राजेश पिता गोकुल सिंह डोडिया, जुझार सिंह पिता मंगूसिंह पंवार, निवासी टूटीयाखेड़ी जिला उज्जैन को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किए जो न्यायिक अभिरक्षा में लिए गए थे। तथा एक आरोपी कुलदीप सिंह की तलाश की जा रही थी। घटना की सत्यता के बारे जानकारी प्राप्त करने हेतु अग्रिम विवेचना के दौरान घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरे चेक किए। जिसमे फरियादी महिला द्वारा बताए गए घटनाक्रम के संबंधित कोई तथ्य नहीं मिले। महिला द्वारा बताई कार के संबंध में जानकारी प्राप्त करने हेतु जावरा शहर के सीसीटीवी कैमरे चेक करने पर उक्त वाहन घटना के समय घटनास्थल से 50 किमी दूर जावरा शहर के सीसीटीवी में दिखाई दिया। तीनो आरोपीयो की घटना के समय की उपस्थिति के संबंध में तथ्यात्मक जांच की गई। इस दौरान कुलदीप सिंह के घटना के दिन घर से निकलने तथा शराब की दुकान ग्राम रूपेटा पर जाने, उसके दोस्त के साथ रूपेटा से जावरा जाने के फुटेज सीसीटीवी कैमरे में देखे गए। इसी के साथ कुलदीप सिंह के मोबाइल की लोकेशन आदि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर भी आरोपी घटनास्थल पर नही होने की पुष्टि हुई।
विवेचना के दौरान आरोपीयो की मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी कैमरे से मिले फुटेज, साक्षियों के कथन आदि के आधार पर प्राप्त तथ्यों का विश्लेषण करने पर फरियादी द्वारा पंजीबद्ध रिपोर्ट असत्य पाई गई। पूरी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी गई है अब कोर्ट द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी।