Ratlam News: रतलाम के युवा नीरज बरमेचा का वीडियो सोशल मीडिया पर मचा रहा धूम, 2 करोड़ से ज्यादा बार देखा गया 

रतलाम – पब्लिक वार्त,
न्यूज़ डेस्क। Ratlam News: सोशल मीडिया की दुनिया में इन दिनों रतलाम के एक युवा का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो को मात्र 5 दिनों में 20.1 मिलियन (2 करोड़ 10 लाख) व्यूज मिल चुके हैं। इसके साथ ही इसे 21 लाख लोगों ने लाइक किया है, पौने तीन लाख बार शेयर किया गया है और लगभग 30 हजार बार सेव किया गया है। यह वीडियो लोगों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। 

नीरज बरमेचा, जो “रतलामी फीवर” नाम से इंस्टाग्राम पेज चलाते हैं, इस वायरल वीडियो के केंद्र में हैं। उन्होंने यह वीडियो गुजरात के पावागढ़ स्थित बसाल्ट पैराडाइस रिसॉर्ट में अपने दोस्तों के साथ छुट्टियां बिताते समय बनाया। वीडियो में रेस्टोरेंट के शेफ को मजाकिया अंदाज में बुलाने और उनकी तारीफ करने का दृश्य दिखाया गया है, जिसने वहां मौजूद सभी लोगों को हंसी से भर दिया। 

https://www.instagram.com/reel/DCYsVxxBI0f/?igsh=eWQ0YjU3ZGo4MXF3

देखिए वायरल वीडियो!

नीरज ने बताया कि वीडियो बनाने और एडिट करने में गगन गाबा और नीतिका एरेन ने सहयोग दिया। इसके अलावा, वीडियो में रतलाम के मनीष सोनी, मिलेश कटकानी, हितेश सुराना, निलेश सेलोत, चेतन कोठारी, गौरव एरेन, पायल बरमेचा, चंचल सोनी और अन्य दोस्तों का भी योगदान रहा। 

नीरज ने वीडियो के पीछे के उद्देश्य के बारे में बताया कि यह लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का एक प्रयास था। उनका मानना है कि हास्य भी एक थेरेपी की तरह काम करता है, जो कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। वीडियो के वायरल होने पर नीरज ने कहा, “हमने लोगों को हंसाने की कोशिश की थी, और लोगों ने जो प्यार और समर्थन दिया है, वह हमारे प्रयास की सफलता को दर्शाता है। आगे भी हम इसी तरह सकारात्मकता फैलाने का प्रयास करेंगे।” 

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो ने न केवल रतलाम बल्कि पूरे देश में धूम मचा दी है। यह बताता है कि हास्य और सकारात्मकता से भरे छोटे-छोटे प्रयास कितने बड़े प्रभाव डाल सकते हैं।

MP News: पुलिस ने निभाया परिवार का फर्ज, धूमधाम से की महिला कांस्टेबल की गोद भराई, जानिए पूरा मामला

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: भागदौड़ भरी लाइफ स्टाइल के बीच पुलिसकर्मी परिवार के लिए अपना समय ना के बराबर दे पाते है। चाहे वह कोई प्रमुख त्यौहार हो या घर – समाज के पारिवारिक कार्यक्रम। बहुत कम ही ऐसा होता है जब एक पुलिस जवान ठीक ढंग से उनका लुत्फ ले पाया हो। इसी पुलिसिया भागदौड़ के बीच एक महिला पुलिसकर्मी की भावनाओं का ध्यान कैसे पूरे स्टाफ ने रखा इसका एक जीवंत उदाहरण देखने में आया है, जो अब चारो और चर्चा का विषय बन गया है। हर कोई पुलिस की इस पहल का समर्थन कर रहा है। आपको बता दे शहर में एकमात्र थाना डीडी नगर है जो आईएसओ सर्टिफाइड है, तत्कालिक एसपी राहुल लोढा के प्रयासो से थाने को सर्वश्रेष्ठ होने का सर्टिफिकेट भी मिल चुका है।

गोदभराई की रस्म निभाते टीआई व थाना स्टाफ

दरअसल मध्यप्रदेश के रतलाम शहर में डीडी नगर थाना क्षेत्र में पदस्थ महिला कांस्टेबल शानू जमरा मां बनने जा रही है। लेकिन उनके पिता के नहीं होने से उन्हें इसकी कमी खुब खलने लगी। क्योंकि एक महिला के मां बनने से पूर्व गोद भराई का कार्यक्रम होता है। जिसमें पिता की अहम भूमिका होती है। थाने के स्टाफ को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ गोद भराई का आयोजन करने की ठानी। आपको बता दे धार जिले की रहने वाली शानू जमरा पिछले छह महीने से डीडी नगर थाने में पदस्थ हैं। शानू के पिता का निधन हो चुका है। कार्यक्रम में मेहंदी से लेकर अन्य पारंपरिक रस्में पूरे रीति-रिवाजों के साथ निभाई गईं। इस आयोजन ने साबित कर दिया कि पुलिस विभाग केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक बड़ा परिवार भी है।

रस्मों के बाद फिल्मी गीतों पर झूमते नजर आए पुलिसकर्मी

टीआई ने निभाई पिता की भूमिका
गोद भराई के कार्यक्रम में थाना प्रभारी रविंद्र दंडोतिया ने पिता की भूमिका निभाई। थाने को सजाया गया
थाने के पूरे स्टाफ ने परिवार जैसा माहौल बनाया। नाच गाना हुआ, मिठाई बांटी गई और खाना भी रखा गया। शानू ने भावुक होकर बताया, “थाने के सभी स्टाफ ने मुझे बहन की तरह अपनाया और मेरे साथ परिवार जैसा व्यवहार किया। यह मेरे लिए बहुत खास और यादगार क्षण है।” 

रतलाम एसपी अमित कुमार ने इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह पुलिस विभाग के भीतर पारिवारिक और सहयोगी माहौल का प्रतीक है। उन्होंने पूरे थाना स्टाफ की इस भावनात्मक पहल की प्रशंसा की और कहा कि इस तरह की घटनाएं पुलिसकर्मियों के बीच मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देती हैं। गौरतलब है की एसपी अमित कुमार ने कुछ दिनों पहले पुलिसकर्मियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनके जन्मदिन पर एक दिन की छुट्टी देने के निर्देश जारी किए थे। जिससे उनके मानसिक स्वास्थ को राहत मिल सके। एसपी अमित कुमार की इस पहल की भी जमकर तारीफ हुई थी।

Train General Ticket Update: 1 दिसंबर से जनरल टिकट वालों को मिलेगी बड़ी खुशखबरी? जानिए सच्चाई

नई दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Train General Ticket Update: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेलवे 1 दिसंबर 2024 से जनरल टिकट वाले यात्रियों को बड़ी राहत देने वाला है। कहा जा रहा है कि रेलवे जनरल टिकट धारकों को आरक्षित सीट देने और टिकट की कीमतें स्थिर रखने की योजना बना रहा है। लेकिन क्या यह खबर सच है? आइए जानते हैं इस वायरल दावे की सच्चाई। 

क्या कहता है भारतीय रेलवे?
भारतीय रेलवे ने अभी तक ऐसी किसी योजना की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। रेलवे द्वारा जारी आधिकारिक घोषणाओं में इस तरह की किसी विशेष सुविधा का जिक्र नहीं है। यह दावा पूरी तरह से अफवाह प्रतीत होता है। 

हालांकि, रेलवे समय-समय पर यात्रियों की सुविधा के लिए नियमों और सेवाओं में बदलाव करता रहा है। हाल ही में, रेलवे ने टिकट बुकिंग, किराया नीति और जनरल टिकट से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। 



रेलवे के मौजूदा नियम और नई सुविधाएं

| विवरण                | नया नियम                               | 
|—————————|——————————————-| 
| टिकट बुकिंग की अवधि    | 60 दिन पहले (पहले 120 दिन थी)             | 
| जनरल टिकट             | चुनिंदा ट्रेनों में ऑनलाइन उपलब्ध          | 
| बच्चों का किराया      | 5-12 वर्ष के लिए सीट लेने पर पूरा किराया   | 
| सीनियर सिटीजन छूट    | पुरुष: 40%, महिलाएं: 50%                   | 
| तत्काल टिकट बुकिंग    | यात्रा की तारीख से 1 दिन पहले उपलब्ध       | 
| रद्दीकरण और रिफंड     | यात्रा से पहले रद्दीकरण संभव (तत्काल पर नहीं)| 



1 दिसंबर से रेलवे का कोई नया बदलाव?
1 दिसंबर से रेलवे द्वारा किसी विशेष बदलाव या सुविधा की घोषणा नहीं की गई है। वायरल खबर में दावा किया गया है कि जनरल टिकट वाले यात्रियों को कंफर्म सीटें दी जाएंगी, लेकिन यह पूरी तरह से भ्रामक है। 

हाल में हुए बड़े बदलाव
1. टिकट बुकिंग की अवधि घटाई गई
अब यात्री अधिकतम 60 दिन पहले टिकट बुक कर सकते हैं। पहले यह अवधि 120 दिन थी। 

2. ऑनलाइन जनरल टिकट की सुविधा 
IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर अब जनरल टिकट भी बुक किए जा सकते हैं। इससे स्टेशन पर लंबी कतारों से राहत मिली है। 

3. बच्चों के किराए में बदलाव
– 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यात्रा मुफ्त है (बिना सीट)। 
– 5-12 साल के बच्चों के लिए सीट चाहिए तो पूरा किराया देना होगा। 

4. तत्काल टिकट बुकिंग के नियम सख्त किए गए
– तत्काल टिकट केवल यात्रा से 1 दिन पहले बुक किया जा सकता है। 
– कोई रद्दीकरण और रिफंड नहीं मिलता। 



यात्रियों के लिए नई सुविधाएं

1. स्टेशनों पर साफ-सफाई
   – रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में स्वच्छता पर खास ध्यान दे रहा है। 
2. डिजिटल सेवाएं
   – IRCTC ऐप के जरिए टिकट बुकिंग, लाइव ट्रेन लोकेशन और PNR स्टेटस। 
   डिजिटल भुगतान की सुविधा। 
3. सीनियर सिटीजन और दिव्यांग छूट
   – वरिष्ठ नागरिकों को 40-50% की छूट। 
    – दिव्यांग यात्रियों को 25-75% तक की छूट। 



रेलवे का सुझाव: अफवाहों से बचें
भारतीय रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक वेबसाइट या प्रेस विज्ञप्ति पर भरोसा करें। सोशल मीडिया पर वायरल खबरें अक्सर भ्रामक होती हैं। 



डिस्क्लेमर: यह लेख मौजूदा सूचनाओं पर आधारित है। भविष्य में किसी भी नए बदलाव के लिए रेलवे की आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करें।

Ratlam News: राॅयल कॉलेज खेल महोत्सव; छात्राओं ने किया अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: राॅयल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के कैम्पस में आयोजित “राॅयल खेल महोत्सव” के दूसरे दिन छात्राओं के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। विभिन्न पाठ्यक्रमों की छात्राओं ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। 

इस दिन हुई प्रतियोगिताओं में लेमन स्पून रेस, 100 मीटर दौड़, कुर्सी दौड़, रस्सी कूद, सेक रेस, योगा, खो-खो और रिले रेस जैसी रोचक गतिविधियां शामिल थीं। 

व्यक्तिगत स्पर्धाओं के परिणाम:
– लेमन स्पून रेस: बी.एससी. की सुमन सोमानी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 
– 100 मीटर दौड़: बी.फार्मा की टीना पाटीदार ने जीत दर्ज की। 
– कुर्सी दौड़: बीबीए की काजल कुशवाह विजेता रहीं। 
– रस्सी कूद: बी.एससी. की शिवानी चौहान प्रथम स्थान पर रहीं। 
– योगा प्रतियोगिता: बीबीए की योगिता डोडिया ने बाजी मारी। 
– सेक रेस: बी.एससी. की शिवानी चौहान ने फिर से शानदार प्रदर्शन किया। 

ग्रुप स्पर्धाओं के परिणाम:
– रस्साकशी: बी.एससी. की टीम ने जीत दर्ज की। 
– खो-खो: फार्मेसी की टीम विजेता रही। 
– रिले रेस: बी.फार्मेसी की टीम ने प्रथम स्थान हासिल किया। 

इस अवसर पर खेल समन्वयक प्राध्यापक दीपिका कुमावत और उनकी टीम ने प्रतियोगिताओं का सफल संचालन किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मनीष सोनी, डॉ. प्रवीण मंत्री, डॉ. आर.के. अरोरा, डॉ. अमित शर्मा सहित अन्य शिक्षकों और प्राध्यापकों ने छात्राओं का हौसला बढ़ाया। 

कॉलेज प्रशासक दिनेश राजपुरोहित ने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य छात्राओं के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करना है। खेल महोत्सव के दौरान छात्राओं का जोश और प्रतिस्पर्धा देखने लायक थी। राॅयल खेल महोत्सव में अगले दिन और भी अधिक रोमांचक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।

MP News: Reliance बीमा कंपनी ने क्लेम देने से किया मना, उपभोक्ता फोरम ने मनमानी पर दिया ये फैसला, जानिए पुरा मामला

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: मध्यप्रदेश के रतलाम में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने हेल्थ इंश्योरेंस दावे को अनुचित तरीके से खारिज करने के मामले में बीमा कंपनी के खिलाफ परिवादी के पक्ष में निर्णय सुनाया है। आयोग ने इसे सेवा में कमी मानते हुए बीमा कंपनी को दावे की राशि ब्याज सहित चुकाने और मानसिक संताप के लिए अतिरिक्त मुआवजा प्रदान करने का आदेश दिया है। उक्त आदेश जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष मुकेश कुमार तिवारी व सदस्य श्रीमती जयमाला संघवी की कोर्ट ने दिया।

मामले में पैरवी कर रहे एडवोकेट प्रणय ओझा ने बताया यह फैसला उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। आयोग ने स्पष्ट संदेश दिया है कि बीमा कंपनियां अनुचित तरीके से दावे को खारिज नहीं कर सकतीं। यह निर्णय अन्य उपभोक्ताओं को भी उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेगा और बीमा कंपनियों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। 

यह था मामला
परिवादी श्रीमती प्रेमलता पाटीदार, निवासी ग्राम नगरा रतलाम ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ हेल्थ गेन पॉलिसी के तहत चिकित्सा खर्च की प्रतिपूर्ति न करने की शिकायत दर्ज कराई थी। परिवादी ने पॉलिसी के लिए 11,614/- रुपये का प्रीमियम अदा किया था। पॉलिसी अवधि 15 सितंबर 2023 से 14 सितंबर 2024 तक थी। 

परिवादी को 18 मार्च 2024 को सिरदर्द, सर्दी-खांसी, बुखार और पेट दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्हें रतलाम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान परिवादी को Acute Febrile Illness और Acute Gastroenteritis का निदान हुआ। 21 मार्च 2024 को डिस्चार्ज होने के बाद, इलाज पर कुल 29,174/- रुपये का खर्च हुआ। 

परिवादी ने बीमा कंपनी को ऑनलाइन क्लेम प्रस्तुत किया, लेकिन बीमा कंपनी ने 8 अप्रैल 2024 को क्लेम खारिज करते हुए कहा कि यह मामला पॉलिसी की शर्त 5.1.1 के तहत भुगतान योग्य नहीं है। कंपनी ने दावा किया कि परिवादी को पहले से डायबिटीज और हाईपरटेंशन की बीमारियां थीं, जिनकी जानकारी पॉलिसी लेते समय नहीं दी गई थी। 

आयोग का परिवादी के पक्ष में निर्णय
परिवादी ने आयोग में दस्तावेज़ और साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिनमें अस्पताल द्वारा जारी प्रमाण पत्र शामिल था। इसमें स्पष्ट किया गया कि उन्हें भर्ती किए जाने का कारण केवल Acute Febrile Illness और Acute Gastroenteritis था, न कि पूर्व की बीमारियां। 

वहीं, बीमा कंपनी यह साबित नहीं कर सकी कि पॉलिसी जारी करने से पहले परिवादी डायबिटीज और हाईपरटेंशन से ग्रसित थीं। कंपनी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ों में इस तथ्य का कोई ठोस प्रमाण नहीं था। 

आयोग ने पाया कि बीमा कंपनी ने अनुचित आधार पर दावे को खारिज किया और पॉलिसी की शर्तों का गलत उपयोग किया। आदेश में कहा गया कि पॉलिसी दस्तावेज़ में उल्लेखित शर्त 5.1.1 मौजूद ही नहीं है। 

आयोग द्वारा पारित आदेश
1. बीमा कंपनी को 29,174/- रुपये की दावे की राशि परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि (18 जुलाई 2024) से अदायगी तक 6% वार्षिक साधारण ब्याज सहित भुगतान करने का निर्देश दिया गया। 
2. मानसिक संताप और परिवाद व्यय के लिए 5,000/- रुपये का मुआवजा भी देने का आदेश दिया गया। 
3. कंपनी को 60 दिनों के भीतर उक्त राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया। विलंब होने पर यह राशि 8% वार्षिक ब्याज के साथ देय होगी।

MP Board Laptop Yojana 2024-25: लैपटॉप योजना के तहत 1 दिसंबर से मिलेंगे 25,000 रुपए, जानें पूरी जानकारी

भोपाल- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। MP Board Laptop Yojana 2024-25:  मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) द्वारा घोषित MP Board Laptop Yojana 2024-25 के तहत उन छात्रों को 25,000 रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाएगी, जिन्होंने वर्ष 2023 की 12वीं बोर्ड परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं। राज्य सरकार ने इस योजना को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है और यह सहायता राशि 1 दिसंबर 2024 से छात्रों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।

किन छात्रों को मिलेगा लाभ?
मध्य प्रदेश लैपटॉप योजना का लाभ उन्हीं छात्रों को दिया जाएगा, जिन्होंने कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक हासिल किए हैं और पहली बार में ही परीक्षा उत्तीर्ण की है। योजना का उद्देश्य मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करना और उनकी आगे की पढ़ाई में सहायता प्रदान करना है।

स्कूलों को निर्देश जारी
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल, भोपाल द्वारा सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे छात्रों की सूची तैयार करें जो इस योजना के पात्र हैं। सभी पात्र छात्रों की सूची जिला शिक्षा अधिकारियों के पास भेजी जा रही है, जिसके आधार पर उन्हें 25,000 रुपए प्रदान किए जाएंगे।

कब आएगी राशि?
MP Board Laptop Yojana के अंतर्गत सभी पात्र छात्रों के बैंक खातों में 1 दिसंबर 2024 से 25,000 रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे। योजना का लाभ उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जिन्होंने 75% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं और जिन्हें पहली बार में 12वीं बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की है।

महत्वपूर्ण निर्देश
छात्रों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने रिजल्ट और अन्य संबंधित जानकारी को स्कूल में उपलब्ध कराएं। सभी पात्र छात्रों को इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अपने स्कूल के माध्यम से आवेदन करना होगा। MP Board Laptop Yojana का लाभ पाने के लिए छात्रों को अपनी संपूर्ण जानकारी और रिजल्ट की जानकारी अपने स्कूल में जमा करना अनिवार्य है।

Cyber Security Tips: शादी की पत्रिका या योजनाओं की मोबाइल एप्लिकेशन ना करे डाऊनलोड, रतलाम पुलिस ने बताया कैसे रहें सावधान!

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Cyber Security Tips : सायबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए रतलाम पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा के मार्गदर्शन में सायबर क्राइम सेल रतलाम द्वारा आम जनता को सायबर ठगी के नए-नए तरीकों के प्रति जागरूक करने का अभियान चलाया जा रहा है। वर्तमान में सायबर अपराधियों द्वारा अपनाई जा रही एक नई चाल लोगों के बीच चिंता का विषय बन गई है। सायबर अपराधी मोबाइल एप्लिकेशन (.apk) और एक्से फाइल (.exe) के जरिए धोखाधड़ी कर रहे हैं। यहां इस तरह के धोखाधड़ी से बचने के उपायों पर विस्तार से जानिए;

कैसे होती है APK फाइल के जरिए धोखाधड़ी?
   – सायबर अपराधी .apk फाइल का इस्तेमाल कर लोगों के फोन तक पहुंचने की कोशिश करते हैं।
   – ये फाइलें अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनों के माध्यम से, अनजानी वेबसाइटों से या व्हाट्सएप पर किसी लिंक के जरिए भेजी जाती हैं।
   – कई बार ये फाइलें शादी के निमंत्रण, पीएम किसान योजना या पीएम आवास योजना जैसी सरकारी योजनाओं के नाम पर होती हैं, जिससे लोग इन्हें आसानी से डाउनलोड कर लेते हैं।

हैकर्स का तरीका क्या है?
   – हैकर्स व्हाट्सएप के माध्यम से apk फाइलें भेजते हैं, जो किसी सरकारी योजना, निमंत्रण कार्ड या अन्य आकर्षक सामग्री का रूप धारण कर भेजी जाती हैं।
   – कई बार ये फाइलें परिचित व्यक्तियों के नंबर से आती हैं, जिनका व्हाट्सएप हैक हो चुका होता है। इस कारण लोग इन फाइलों पर अधिक विश्वास कर लेते हैं।
   – जैसे ही आप इस apk फाइल को डाउनलोड और इंस्टॉल करते हैं, यह आपके फोन पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लेती है।

APK फाइल के खतरों से कैसे बचें?
   – व्हाट्सएप सिक्योरिटी: अपने व्हाट्सएप अकाउंट की सुरक्षा के लिए टू-स्टेप वेरिफिकेशन सेटिंग्स को इनेबल रखें। इससे आपका अकाउंट सुरक्षित रहेगा।
   – विश्वास से बचें: किसी परिचित व्यक्ति के व्हाट्सएप नंबर से भी अगर इस तरह की फाइल आती है, तो इसे बिना जांचे-परखे न खोलें। सुनिश्चित करें कि फाइल की वैधता को पहचान लें।
   – विश्वसनीय स्रोत से ही डाउनलोड करें: किसी भी एप्लिकेशन को केवल गूगल प्ले स्टोर या आधिकारिक वेबसाइट से ही डाउनलोड करें।

APK फाइल खोलने के बाद क्या होता है?
   – जब आप apk फाइल को खोलते हैं, तो यह आपके फोन में ऑटो-इंस्टॉल हो जाती है और आपके डिवाइस का कंट्रोल सायबर अपराधी के हाथों में चला जाता है।
   – अपराधी आपके फोन के मैसेज को पढ़ सकते हैं, जिनमें OTP, PIN जैसी सेंसिटिव फाइनेंशियल इनफॉर्मेशन हो सकती है।
   – वे आपके फोन से अनाधिकृत ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या फंड ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे आपका आर्थिक नुकसान हो सकता है।

अगर गलती से APK फाइल इंस्टॉल हो जाए तो क्या करें?
   – तुरंत अपने फोन का इंटरनेट कनेक्शन ऑफ करें ताकि अपराधी और डेटा का एक्सेस न ले सकें।
   – जितना जल्दी हो सके अपने बैंक में संपर्क कर अपने खाते को फ्रीज करवा दें ताकि किसी भी अनाधिकृत ट्रांजेक्शन से बचा जा सके।
   – फोन में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें या गूगल प्ले स्टोर से “कवच-2” जैसे सुरक्षा ऐप का उपयोग करें, जो हानिकारक या छिपी हुई apk फाइलों की पहचान कर उन्हें डिलीट कर सकता है।

व्हाट्सएप पर आने वाली फाइलों को सुरक्षित तरीके से जांचें
   – अगर किसी सरकारी योजना या शादी के निमंत्रण के नाम पर कोई फाइल आए तो उसे खुलने से पहले ध्यान से जांचें।
   – व्हाट्सएप सेटिंग्स में टू-स्टेप वेरिफिकेशन को सक्षम करें ताकि आपका अकाउंट सुरक्षित रहे और हैकर्स आपके अकाउंट का दुरुपयोग न कर सकें।

धोखाधड़ी होने पर तुरंत क्या करें?
   – किसी भी प्रकार की सायबर धोखाधड़ी का शिकार हो जाने पर तुरंत सायबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
   – अपने नजदीकी पुलिस थाने या सायबर सेल पर जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराएं ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।

सायबर सुरक्षा सलाह में बताई गई इन सावधानियों को अपनाकर आप अपने डेटा और आर्थिक जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं। तकनीक के युग में सुरक्षित रहना हमारी अपनी जिम्मेदारी है, इसलिए किसी भी अनजान फाइल को डाउनलोड और इंस्टॉल करने से पहले सावधान रहें।

Supreme court: बुलडोज़र एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी: “मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं

नई दिल्ली- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। Supreme court: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोज़र एक्शन को लेकर एक सख्त टिप्पणी करते हुए स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति के आरोपी या दोषी होने मात्र से उसका घर गिराया नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है, और अधिकारियों को मनमाने तरीके से काम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

कोर्ट ने जोर देते हुए कहा, “अफसर जज नहीं बन सकते और यह फैसला नहीं कर सकते कि कौन दोषी है। ताकत का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।” इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी अधिकारी को यह अधिकार नहीं है कि वह कानून से ऊपर होकर किसी के खिलाफ कार्रवाई करे।

यह टिप्पणी हाल ही में देश के विभिन्न हिस्सों में बुलडोज़र का उपयोग कर संदिग्धों और आरोपियों के घरों पर की जा रही कार्यवाही के संदर्भ में आई है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि इस तरह की कार्रवाइयों में संतुलन बनाए रखना जरूरी है और सिर्फ अदालत के निर्देशानुसार ही उचित कदम उठाए जा सकते हैं।

जानिए मुख्य बिंदु
सिर्फ इसलिए घर नहीं गिराया जा सकता क्योंकि कोई व्यक्ति आरोपी है. राज्य आरोपी या दोषी के खिलाफ मनमानी कार्रवाई नहीं कर सकता.
बुलडोजर एक्शन सामूहिक दंड देने के जैसा है, जिसकी संविधान में अनुमति नहीं है.
निष्पक्ष सुनवाई के बिना किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.
कानून के शासन, कानूनी व्यवस्था में निष्पक्षता पर विचार करना होगा.
कानून का शासन मनमाने विवेक की अनुमति नहीं देता है. चुनिंदा डिमोलेशन से सत्ता के दुरुपयोग का सवाल उठता है.
आरोपी और यहां तक कि दोषियों को भी आपराधिक कानून में सुरक्षा दी गई है. कानून के शासन को खत्म नहीं होने दिया जा सकता है.
संवैधानिक लोकतंत्र में नागरिक अधिकारों और आजादी की सुरक्षा जरूरी है.
अगर कार्यपालिका मनमाने तरीके से किसी नागरिक के घर को इस आधार पर ध्वस्त करती है कि उस पर किसी अपराध का आरोप है तो यह संविधान कानून का उल्लंघन है.
अधिकारियों को इस तरह के मनमाने तरीके से काम करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
अधिकारियों को सत्ता का दुरुपयोग करने पर बख्शा नहीं जा सकता.
स्थानीय कानूनों का उल्लंघन करने वाले घर को गिराने पर विचार करते वक्त यह देखना चाहिए कि नगरपालिका कानून में क्या अनुमति है. अनधिकृत निर्माण समझौता योग्य हो सकता है या घर का केवल कुछ हिस्सा ही गिराया जा सकता है.
अधिकारियों को यह दिखाना होगा कि संरचना अवैध है और अपराध को कम करने या केवल एक हिस्से को ध्वस्त करने की कोई संभावना नहीं है
नोटिस में बुलडोजर चलाने का कारण, सुनवाई की तारीख बताना जरूरी होगी.
डिजिटल पोर्टल 3 महीने में बनाया जाना चाहिए, जिसमें नोटिस की जानकारी और संरचना के पास सार्वजनिक स्थान पर नोटिस प्रदर्शित करने की तारीख बताई गई है.
व्यक्तिगत सुनवाई की तारीख जरूर दी जानी चाहिए.
आदेश में यह जरूर नोट किया जाना चाहिए कि बुलडोजर एक्शन की जरूरत क्यों है.
केवल तभी इमारत गिराई जा सकती है, जब अनधिकृत संरचना सार्वजनिक सड़क/रेलवे ट्रैक/जल निकाय पर हो. इसके साथ ही प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही इमारत गिराई जा सकती है
केवल वे संरचनाएं ध्वस्त की जाएंगी, जो अनाधिकृत पाई जाएंगी और जिनका निपटान नहीं किया जा सकता.
अगर अवैध तरीके से इमारत गिराई गई है, तो अधिकारियों पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी और उन्हें हर्जाना देना होगा.
अनाधिकृत संरचनाओं को गिराते वक्त विस्तृत स्पॉट रिपोर्ट तैयार की जाएगी. पुलिस और अधिकारियों की मौजूदगी में तोड़फोड़ की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी. यह रिपोर्ट पोर्टल पर पब्लिश की जाएगी.
अगर घर गिराने का आदेश पारित किया जाता है, तो इस आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए वक्त दिया जाना चाहिए.
बिना अपील के रात भर ध्वस्तीकरण के बाद महिलाओं और बच्चों को सड़कों पर देखना सुखद दृश्य नहीं है
घर के मालिक को रजिस्टर्ड डाक द्वारा नोटिस भेजा जाएगा और संरचना के बाहर चिपकाया जाएगा.
नोटिस से 15 दिनों का वक्त नोटिस तामील होने के बाद है.
तामील होने के बाद कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचना भेजी जाएगी.
कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों के ध्वस्तीकरण आदि के प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे.
प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई सुनेगा, रिकॉर्ड किया जाएगा और उसके बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा.
आदेश के 15 दिनों के अंदर मालिक को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का मौका दिया जाएगा.

सभी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए और इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी और अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति को अपनी लागत पर वापस करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा.
सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए जाने चाहिए.

MP News: विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार रतलाम पहुंचे, जात – पात से ऊपर उठने पर दिया जोर; समाज के प्रबुद्धजनों से मिले

सेवा कार्य सबसे बड़ा कार्य, देश व धर्म को बचाकर सेवा कार्य करना बहुत आवश्यक है – आलोक कुमार

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: विश्व हिन्दू परिषद सामाजिक समरसता विभाग द्वारा रतलाम में सामाजिक समरसता संगोष्ठी व प्रबुद्धजन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में विशेष मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार उपस्थित हुए। इस आयोजन का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों के बीच समरसता और एकता को बढ़ावा देना है। संगोष्ठी से पूर्व अतिथियों ने भारत माता व भगवान श्रीराम के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रांत मंत्री विनोद शर्मा, संगठन मंत्री अर्जुन गेहलोद, समाजसेवी व व्यापारी अनोखीलाल कटारिया, प्रकाश शर्मा सांवरिया आदि मौजूद रहे। मंच का संचालन जिला सामाजिक समरसता प्रमुख मनोज सगरवंशी व विशेष संपर्क प्रमुख मनोज पंवार ने किया।

अपने संबोधन में आलोक कुमार ने भारत में सनातन धर्म में सामाजिक समरसता को लेकर जात-पात से ऊपर उठकर सभी समाज को एक साथ रहने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे मन में भगवान विराजमान हैं, तो छोटा-बड़ा का कोई प्रश्न नहीं उठता। हिंदू धर्म में पहले समय में व्यक्ति हजार कष्टों को सहकर चार धाम तीर्थ यात्रा करता था। उस समय सड़क, परिवहन आदि की व्यवस्था नहीं होती थी। लोग अपने सभी हिसाब-किताब को सुधारते, गलतियों को स्वीकार करते और यह सोचकर जाते कि यदि मृत्यु हुई तो मोक्ष की प्राप्ति होगी, और यदि लौट आए तो ईश्वर की कृपा मानी जाती। यह सब इसलिए होता था क्योंकि लोग देश को एक मानते थे। उन्होंने कहा कि हम सभी को जात, मत, पंथ से ऊपर उठकर हिंदू के रूप में एकजुट रहना चाहिए और बच्चों को हिंदू धर्म की शिक्षा देना अति आवश्यक है। अन्यथा विधर्मी हमारे समाज को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे लव जिहाद जैसे गंभीर मामले सामने आते हैं।

आलोक कुमार ने कहा कि आज कुछ राजनेता आदिवासी समाज को अन्य समाज से अलग करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें उकसा रहे हैं। जबकि वैज्ञानिक शोध से यह सिद्ध हो चुका है कि आदिवासी समाज और सनातन को मानने वाले अन्य पंथ के सभी बंधु मूल निवासी हैं और हिंदू हैं। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी बौद्ध धर्म अपनाने से पूर्व ईसाई और इस्लाम मत पर विचार किया, लेकिन निष्कर्ष निकाला कि बौद्ध धर्म भारत के लिए अधिक उपयुक्त है। उन्होंने इस विषय पर “Thoughts on Pakistan” पुस्तक भी लिखी, जिसे सभी को पढ़ना चाहिए।

इस आयोजन में विभाग से सह मंत्री पवन बंजारा, वीनू शर्मा, मोहित चौबे; जिला उपाध्यक्ष राधेश्याम रावल, पवन देवड़ा; जिला संयोजक मुकेश व्यास, मनोज सगरवंशी, मनोज पंवार, मुन्नू कुशवाहा, अक्षय गोमै, योगेश चौहान, आशु टॉक, राजा राम ओहरी, अनिल रौतेला, कृष्ण भामा, पाखंड से विजय, नीरज सतवानी, दीपांशु गुप्ता, जिला प्रचार प्रसार प्रमुख मोंटी जायसवाल, जिला शाह पसार रिकी सेन; शंकर सिंह, हीरालाल सीरवी एवं विभाग, जिला एवं प्रखंड टीम के सदस्य उपस्थित रहे। जानकारी जिला प्रचार प्रसार प्रमुख मोंटी जायसवाल ने दी।

MP News: आपको नहीं मिल रहा है वाहन दुर्घटना का क्लेम, तो कोर्ट का यह फैसला आपके लिए है

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: रतलाम में न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में वाहन दुर्घटना के पीड़ितों और उनके परिजनों को राहत देते हुए कहा है कि दुर्घटना के छह महीने बाद भी क्लेम किया जा सकता है। न्यायालय के इस फैसले से उन लोगों को बड़ी राहत मिली है जो समय सीमा के कारण क्लेम नहीं कर पा रहे थे। अब वे छह महीने बाद भी मुआवजे के लिए आवेदन कर सकेंगे।

न्यायालय के प्रथम सदस्य, एमएसीसी (मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण) आदित्य रावत ने एक विशेष मामले पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। मामला प्रेमशंकर शर्मा की 22 जनवरी 2022 को हुई एक सड़क दुर्घटना से जुड़ा था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। इस दुर्घटना के बाद, उनकी पत्नी आशा शर्मा ने 26 अप्रैल 2023 को बीमा क्लेम दायर किया। इस क्लेम पर बीमा कंपनी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के संशोधन के अनुसार क्लेम की अवधि दुर्घटना के 6 महीने के भीतर होनी चाहिए। लेकिन आशा शर्मा ने दुर्घटना के एक साल से अधिक समय बाद क्लेम दायर किया था।

बीमा कंपनी की आपत्ति के बावजूद न्यायाधीश आदित्य रावत ने बीमा कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया और क्लेम को सुनवाई योग्य माना। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि मोटर यान अधिनियम (मोटर व्हीकल एक्ट) एक कल्याणकारी कानून है, जिसका उद्देश्य दुर्घटना से पीड़ित परिवारों की मदद करना है। न्यायालय ने यह भी कहा कि सिर्फ देर से क्लेम दाखिल करने के आधार पर पीड़ित पक्ष को सुनवाई का अवसर दिए बिना मुआवजे के आवेदन को रद्द करना उचित नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में आवेदिका एक गृहिणी हैं और उन्हें इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं थी, इसलिए विलंब को नजरअंदाज करना न्यायोचित है।

इस मामले में आवेदिका की ओर से एडवोकेट देवेंद्र सिरधाना गुर्जर ने पैरवी की। उन्होंने बताया कि न्यायालय का यह निर्णय उन सभी परिवारों के लिए राहत लेकर आया है जो दुर्घटना की समय सीमा के कारण क्लेम नहीं कर पा रहे थे। वर्ष 2019 के मोटर व्हीकल एक्ट संशोधन में क्लेम दाखिल करने की अवधि छह महीने निर्धारित की गई थी, जिससे कई लोग जानकारी के अभाव में इस सीमा का पालन नहीं कर पाते थे। इस फैसले के बाद, दुर्घटना में घायल या मृतकों के परिजन छह महीने बाद भी मुआवजे का दावा कर सकते हैं, जो उनके लिए एक बड़ी राहत है।