तो जाएगा मंत्री पद! : अमित शाह की चेतावनी के बाद प्रदेश के 3 मंत्रियो की साख का सवाल बनी रतलाम लोकसभा सीट

8 विधानसभा में केवल 4 पर भाजपा, पिछली बार हुआ था 75.47 प्रतिशत मतदान

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। लोकसभा 2024 के पहले चरण में घटते वोटिंग प्रतिशत ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। मध्यप्रदेश में हुए पहले चरण की वोटिंग में कई मंत्रियों के क्षेत्र में पिछली बार के मुकाबले कम वोटिंग हुई। चुनावी विशेषज्ञों की माने तो कम वोटिंग का असर सीधे सीधे भाजपा को नुकसान देता है। जिसे भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी बखूबी जनता है। पहले चरण के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल में बैठक ली। इसमें मध्यप्रदेश के बीजेपी नेता शामिल हुए। इस बैठक में उन्होंने कहा- जिन मंत्रियों के इलाके में मतदान प्रतिशत कम होगा, उनका मंत्री पद चला जाएगा। बदले में उन विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा, जिनके क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ेगा। हालांकि, अमित शाह ने ये नहीं बताया कि कितने फीसदी कम वोटिंग पर मंत्रियों का पद जा सकता है।

शाह की चेतावनी के बाद रतलाम लोकसभा सीट के 3 मंत्रियों की साख दांव पर लगी है। अगर यहां वोटिंग प्रतिशत कम होता है तो तीनो मंत्रियों के मंत्री पद खतरे में पड़ सकते है। संभवतः रतलाम लोकसभा इकलौती ऐसी सीट है जहां तीन कैबिनेट मंत्री मौजूद है। जिनमें चेतन्य काश्यप (सूक्ष्म एवं लघु उद्योग), निर्मला भूरिया (महिला एवं बाल विकास) और नागरसिंह चौहान (वन,पर्यावरण एवं अनुसूचित जाति विकास) शामिल है। ऐसे में भाजपा हाइकमान वोटिंग प्रतिशत घटने नहीं देने की पूरी कोशिश में जुट गया है। आपको बता दे 2019 के लोकसभा चुनाव में करीब 75.47 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। 2024 के चुनाव में रतलाम सीट से इस बार भाजपा ने गुमान सिंह का टिकट काटकर कैबिनेट मंत्री नागरसिंह चौहान की पत्नी और अलीराजपुर जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता चौहान को दिया है। इनके सामने इंडिया ब्लॉक से कांतिलाल भूरिया उम्मीदवार चुने गए हैं।

50 – 50 का मुकाबला, रतलाम देता है लीड
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 49.7 व कांग्रेस को 43.2 प्रतिशत वोट मिले थे। गौरतलब है की रतलाम लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा क्षेत्र आते है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा केवल रतलाम शहर, रतलाम ग्रामीण, अलीराजपुर और पेटलावद पर ही काबिज हो पाई थी। वहीं जोबट, झाबुआ व थांदला में कांग्रेस और सैलाना में भारतीय आदिवासी पार्टी ने अपना कब्जा जमाया। इस लिहाज से भाजपा की अनिता नागरसिंह चौहान के लिए यह मुकाबला 50-50 का माना जा रहा है। रतलाम शहर और रतलाम ग्रामीण विधानसभा लोकसभा में भाजपा के लिए ऑक्सिजन का काम करती है। जहां पार्टी का फोकस भी रहता है। रतलाम शहर, ग्रामीण व पेटलावद विधानसभा से भाजपा बड़े अंतर से आगे रहती है। भाजपा को झाबुआ, अलिराजपुर, जोबट, थांदला व सैलाना  में खास मेहनत करने की जरूरत हर बार पड़ती है। यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीटो में गिनी जाती है। जहां भाजपा के लिए आदिवासी वोटर्स को कैप्चर करना मुश्किल होता है। क्योंकि इन वोटर्स को लंबे समय से भावनात्मक तरीके से कांग्रेस अपने पाले में किए हुए है। जिनका असर विधानसभा चुनाव में भी देखा गया है।

प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी अनिता नागरसिंह चौहान

नहीं जीती कभी भाजपा महिला प्रत्याशी
अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लिए आरक्षित रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट पर अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों और एक उपचुनाव में सिर्फ चार बार ही गैर कांग्रेसी नेता जीत पाए हैं। जनसंघ और भाजपा के लिए यह सीट हमेशा चुनौती बनती रही। बता दें, यह सीट महिला प्रत्याशियों के लिए फिसड्डी ही साबित हुई है। इसके पहले रेलम चौहान और निर्मला भूरिया को बीजेपी टिकट देकर चुनाव लड़ा चुकी है। यह दोनों ही महिला प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया से चुनाव हार चुकी है। इस बार मोदी लहर और कार्यकर्ताओं की बदौलत भाजपा प्रत्याशी अनीता चौहान का जीत का दावा कर रही है। महिला प्रत्याशियों में केवल 1962 में हुए चुनाव में कांग्रेस की जमुनादेवी को ही जीत मिल सकी है।

5 बार इस सीट पर महिला प्रत्याशी उतरी है। रेलम चौहान को भाजपा ने दिलीपसिंह भूरिया का टिकट काट कर उम्मीदवार बनाया था। तब भूरिया ने भाजपा हाइकमान को चुनौती भी दी थी। किस्मत कहे या राजनीति रेलम चौहान को हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद 2014 की मोदी लहर में जीते दिलीपसिंह भूरिया के आकस्मिक निधन के बाद उनकी पुत्री निर्मला भूरिया को उपचुनाव में उतारा गया जो कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया से हरी और सीट फिर कांग्रेस के पाले में चली गई। अब तक भाजपा की महिला प्रत्याशियों के लिए यह सीट बदकिस्मत रही है।

2019 में रतलाम लोकसभा की विधानसभा सीट पर वोटिंग का हिसाब

रतलाम शहर
कुल मतदाता-204663
कुल मतदान- 149562

पुरुष-77823
महिला-71937

नोटा-972
अन्य-1142
भाजपा 100238
कांग्रेस 47100

अंतर 53138
———–

रतलाम ग्रामीण
कुल मतदाता-192974

कुल मतदान-161638
पुरुष-85161

महिला-76475
नोटा-1631
अन्य-1373
भाजपा 96854
कांग्रेस 59116
अंतर 37738
———–

सैलाना विधानसभा
कुल मतदाता-188188
कुल मतदान-161804
पुरुष-81929
महिला-79873
नोटा-3175
अन्य-14684
भाजपा 70717
कांग्रेस 72754
अंतर-2037
———

अलीराजपुर विधानसभा
कुल मतदाता-233073
कुल मतदान-160412
पुरुष-84540
महिला-75872
नोटा-6482
अन्य-10205
भाजपा-71899
कांग्रेस-71623
अंतर-276
———–

जोबट विधानसभा
कुल मतदाता-264856
कुल मतदान-180879
पुरुष-95449
महिला-85430
नोटा-6996
अन्य-12235
भाजपा-70152
कांग्रेस-88135
अंतर-18013
———–

झाबुआ विधानसभा
कुल मतदाता-275247
कुल मतदान-194449
पुरुष-99799
महिला-94650
नोटा-5629
अन्य-9088
भाजपा-86711

कांग्रेस-94311
अंतर-7600
———

थांदला विधानसभा
कुल मतदाता-235337
कुल मतदान-183196
नोटा-3369
अन्य-10011
पुरुष-92385
महिला-90800
भाजपा-93080
कांग्रेस-81312
अंतर-11768
———

पेटलावद विधानसभा
कुल मतदाता-256275
कुल मतदान-203432
पुरुष-103240
महिला-100190
नोटा-4332
अन्य-11054
भाजपा- 104085
कांग्रेस-88895
अंतर-15190

लोकसभा चुनाव 2024: जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताई व्यवस्था, देशभर में आचार संहिता लागू

रतलाम संसदीय सीट पर 13 मई को होगी वोटिंग, 4 जून को घोषित होगा परिणाम

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। चुनाव आयोग ने शनिवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही देशभर में लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो चुका है।  मध्यप्रदेश की 29 सीटों पर 4 चरण में चुनाव होंगे। रतलाम संसदीय सीट पर चौथे चरण में 13 मई को वोटिंग होगी। देशभर में परिणाम 4 जून को आएंगे। इसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। रतलाम जिले में कुल 1295 मतदान केंद्र है। मतदाताओं की संख्या 11 लाख 3 हजार 422 है। इनमें 551180 पुरूष तथा 552208 महिला मतदाता है एवं अन्य मतदाता (थर्ड जेंडर) 34 है। वहीं 33 हजार 924 वोटर्स नए जुड़े है, जो पहली बार मतदान करेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में 79.96 प्रतिशत मतदान हुआ था। 

चुनाव आयोग द्वारा चुनावों की घोषणा करते ही रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम व एसपी राहुलकुमार लोढ़ा ने चुनाव तैयारियों को लेकर जानकारी दी। कलेक्टर ने कहा कि आचार संहिता लगते ही धारा 144 भी लागू हो गई है। 85 प्लस वोटर्स को घर से मतदान करने की सुविधा दी जाएगी। एसपी राहुलकुमार लोढ़ा ने बताया कि जिले में 1200 के करीब सुरक्षा बल है। एएसएफ, पैरामिलट्री फोर्स सहित अन्य कंपनियां तैनात की जाएगी। आचार संहिता में राजनैतिक दलों या व्यक्तियों द्वारा प्रचार-प्रसार हेतु बिना अनुमति  आमसभा, ध्वनि विस्तारक यंत्र उपयोग, टेंट आदि का अस्थाई निर्माण आदि नहीं किया जा सकेगा। प्रेस वार्ता के दौरान सीईओ जिला पंचायत अमन वैष्णव, अपर कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. शालिनी श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर आर.एस. मंडलोई भी मौजूद थे।

7 विधानसभा मिलाकर 1 लोकसभा
रतलाम झाबुआ संसदीय सीट में कुल सात विधानसभा है। जिसमें रतलाम जिले की तीन विधानसभा रतलाम शहर, रतलाम ग्रामीण एवं सैलाना, झाबुआ जिले की झाबुआ, पेटलावद व थांदला एवं आलीराजपुर जिले में आलीराजपुर विधानसभा आती है। इसके अलावा उज्जैन आलोट संसदीय सीट में रतलाम जिले की आलोट विधानसभा आती है। मंदसौर-जावरा संसदीय सीट पर रतलाम जिले की जावरा विधानसभा आती है। इन सभी सीटो पर 13 मई को वोटिंग होगी।

310 पोलिंग क्रिटीकल बूथ
310 मतदान केंद्र क्रिटिकल रतलाम जिले की पांच विधानसभा में तीन संसदीय क्षेत्र जुड़ते है। जिले में 1295 मतदान केंद्र रहेंगे। इनमें से 310 क्रिटिकल है। इनमें 130 मतदान केंद्र पूर्ण महिलाओं द्वारा संचालित होंगे। इसके अलावा रतलाम सिटी के मतदान केंद्र क्रमांक 35 एवं 108 एवं जावरा के बूथ क्रमांक 235 के अंतर्गत 1500 से अधिक मतदाता है। इस कारण सहायक मतदान केंद्रों के प्रस्ताव भारत निर्वाचन आयोग को भेजे गए है। स्वीकृति प्राप्त होते ही जिले में मतदान केंद्रों की संख्या 1298 हो जाएगी। जिले की सीमा से लगे राजस्थान राज्य की सीमा पर स्थापित नाकों पर वेबकास्टिंग द्वारा निगरानी की जाएगी। जिले में 14 अंतर्राज्य तथा 26 अंतर जिला नाके है। इन पर सतत निगरानी रखी जाएगी।

आचार संहिता का होगा पालन
जिले में स्वतंत्र, निष्पक्ष, बिना बाधा के शांतिपूर्वक चुनाव कराने की दृष्टि से जिले में धारा 144 के तहत निषेध आज्ञा लागू की गई है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई के निर्देश जारी किए जा चुके है। 24, 48 एवं 72 घंटे के भीतर संपत्ति विरूपण की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी। इसके साथ ही धार्मिक स्थलों का राजनैतिक और अन्य प्रयोजनों के लिए दुरूपयोग पर भी बंदिश लागू कर दी गई है। 

हटने लगे फ्लेक्स बैनर
आयोग द्वारा निर्वाचन की घोषणा से 48 घंटे के भीतर सरकारी सम्पत्ति और रेलवे स्टेशनो, बस स्टैण्डों, रेलवे पुल, रोडवेज, बिजली, टेलीफोन के खंभों नगर पालिका, स्थानीय निकायों, आंगनवाडी, शैक्षणिक संस्थाओं के भवनों आदि पर लेखन, पोस्टर, पेपरों या किसी अन्य रुप में विरुपण, कटआऊट, होर्डिंग्स, बैनर, ध्वज को तत्काल हटा दिया जाएगा। किसी भी निजी सम्पत्ति पर प्रदर्शित सभी अनाधिकृत राजनीतिक विज्ञापन, स्थानीय कानून और न्यायालय के निर्देश के अधीन यदि कोई हो तो आयोग द्वारा निर्वाचन की घोषणा के 72 घंटों के भीतर तत्काल हटा दिए जाएंगे।