MP News: भोपाल में दुकानदार की पिटाई एक मामूली बात की बड़ी कीमत

भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क। MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है। जाटखेड़ी इलाके में एक दुकानदार को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उसने एक ग्राहक को “अंकल” कह दिया। यह मामला साफ तौर पर दिखाता है कि कैसे छोटी-मोटी बातें भी हिंसा का कारण बन सकती हैं।


क्या हुआ था?
यह घटना तब घटी जब एक ग्राहक, रोहित रिछारिया, अपनी पत्नी के साथ एक दुकान पर साड़ी खरीदने गया। दुकानदार विशाल शास्त्री ने रोहित को “अंकल” कहकर संबोधित किया, जिससे रोहित काफी नाराज हो गया। उसे लगा कि दुकानदार उसका अपमान कर रहा है। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हुई और रोहित गुस्से में दुकान से चला गया।


हिंसा का तांडव
थोड़ी देर बाद, रोहित अपने छह साथियों के साथ दुकान पर वापस लौटा। उन्होंने दुकानदार को बाहर खींचकर बेरहमी से पीटा। हमलावरों ने डंडों और बेल्ट से दुकानदार पर ताबड़तोड़ वार किए। इस दौरान एक महिला ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उसे भी नहीं बख्शा।


सीसीटीवी में कैद हुई घटना
पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो से साफ पता चलता है कि किस तरह से एक मामूली बात को लेकर दुकानदार को किस तरह से पीटा गया।


पुलिस ने दर्ज किया मामला
मिसरोद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और आरोपियों की पहचान कर ली है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

MP News: दीपावली से पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा फैसला, शासकीय कर्मचारियों को दिया ये तोहफा

भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीपावली के मद्देनजर प्रदेश के सभी शासकीय सेवकों के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अक्टूबर माह का वेतन 28 अक्टूबर तक आहरित कर लिया जाए, ताकि सभी शासकीय कर्मचारियों को दीपावली से पहले वेतन मिल सके। यह कदम शासकीय सेवकों के त्यौहार को और भी आनंददायक बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर सभी शासकीय कर्मचारियों को दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा, “त्यौहार से पूर्व वेतन प्राप्त होने से सभी कर्मचारियों का दीपोत्सव और भी विशेष हो जाएगा। दीपावली परिवार और प्रियजनों के साथ मिलकर मनाने का पर्व है, और वेतन समय पर मिलना इसे और खुशहाल बनाएगा।” सरकार के इस फैसले से प्रदेश के हजारों कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है, क्योंकि दीपावली के खर्चों के लिए समय पर वेतन मिलना उनके लिए बेहद सहूलियत भरा रहेगा।

BIG BREAKING: MP के भोपाल में 1800 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद, फैक्ट्री पर NCB और गुजरात ATS की बड़ी कार्रवाई

भोपाल पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क: BIG BREAKING: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और गुजरात ATS ने संयुक्त रूप से भोपाल के पास एक औद्योगिक क्षेत्र में छापा मारकर 1800 करोड़ रुपए कीमत की मादक दवा मेफेड्रोन (MD Drugs) बरामद की है। यह छापा 5 अक्टूबर को बगरोदा गांव के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित एक फैक्ट्री पर मारा गया, जहां अवैध रूप से ड्रग्स का निर्माण हो रहा था। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

फैक्ट्री में हो रहा था ड्रग्स का निर्माण
गुजरात ATS के डीएसपी एस.एल. चौधरी के अनुसार, उन्हें सूचना मिली थी कि भोपाल का अमित चतुर्वेदी और नासिक, महाराष्ट्र का सान्याल बाने भोपाल के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री की आड़ में मेफेड्रोन (एमडी) नामक मादक पदार्थ का अवैध निर्माण और बिक्री कर रहे हैं। सूचना मिलने पर गुजरात ATS ने NCB के सहयोग से फैक्ट्री पर छापा मारा, जहां बड़ी मात्रा में ड्रग्स और इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल बरामद किया गया।

5 हजार किलो कच्चा माल और उपकरण बरामद
छापे के दौरान फैक्ट्री से मेफेड्रोन (एमडी) बनाने में इस्तेमाल होने वाला करीब 5000 किलोग्राम कच्चा माल और उपकरण जब्त किए गए। इनमें ग्राइंडर, मोटर, ग्लास फ्लास्क, हीटर और अन्य उपकरण शामिल हैं। इन सामग्रियों को आगे की जांच के लिए कब्जे में ले लिया गया है। 

दो आरोपी गिरफ्तार
इस छापे में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है:
1. अमित प्रकाशचंद्र चतुर्वेदी (57 वर्ष), निवासी कोटरा सुल्तानाबाद रोड, हुजूर, भोपाल।
2. सान्याल बाने, निवासी नासिक, महाराष्ट्र।

पुलिस और जांच एजेंसियां अब इस मामले की गहन जांच कर रही हैं, ताकि इस ड्रग्स नेटवर्क के अन्य लिंक और इसमें शामिल लोगों का पता लगाया जा सके। यह ड्रग्स तस्करी और निर्माण के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जिससे राजधानी भोपाल में फैले ड्रग्स रैकेट पर कड़ा प्रहार हुआ है।

MP WEATHER : अगले 2 दिनों तक प्रदेश में रहेगा बारिश का दौर, इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी

भोपाल -पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। MP Weather:  शुक्रवार को भोपाल समेत मध्य प्रदेश के 23 जिलों में बारिश दर्ज की गई। खजुराहो और टीकमगढ़ में 1 इंच, जबकि नर्मदापुरम में 0.75 इंच बारिश हुई। मौसम विभाग ने उज्जैन, अलीराजपुर, रतलाम, झाबुआ, धार, बड़वानी, गुना, शिवपुरी, निवाड़ी, और टीकमगढ़ में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में अब तक औसत 42.6 इंच वर्षा हो चुकी है, जिसमें मंडला में सबसे अधिक 59.5 इंच बारिश हुई है।

रतलाम (Ratlam) में इस मानसून के दौरान लगभग 42 इंच बारिश दर्ज की गई है। सायसर (वायुमंडलीय दबाव) और मानसून ट्रफ की एक्टिविटी के कारण अगले दो दिन तक बारिश की संभावना बनी रहेगी, उसके बाद सिस्टम कमजोर हो सकता है। अगले 24 घंटों में उज्जैन, अलीराजपुर, और रतलाम जैसे जिलों में भारी बारिश हो सकती है, जबकि मंडला, डिंडौरी, और अनूपपुर में धूप खिलने की संभावना है। भोपाल और इंदौर जैसे क्षेत्रों में हल्की बारिश जारी रहेगी, जबकि 28 सितंबर को इंदौर और उज्जैन संभागों में फिर से बारिश की संभावना है।  29 और 30 सितंबर को मौसम साफ होने की संभावना है।

MP Weather: मध्य प्रदेश में मानसून फिर सक्रिय: भोपाल-इंदौर समेत 25 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क।  मध्य प्रदेश में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है, जिसके चलते राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश (Heavy Rain in MP) का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर और उज्जैन संभाग के जिलों में अगले 24 घंटों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में अब तक औसत से 15% अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है, जिससे जलस्तर बढ़ने के साथ ही जनजीवन पर असर पड़ा है। (MP Weather)

अलर्ट वाले जिले
बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, झाबुआ, धार, मऊगंज, अनूपपुर, उमरिया, डिंडौरी, कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, मंडला और सागर जैसे जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने 27 सितंबर को इंदौर-उज्जैन संभाग और 28 सितंबर को जबलपुर, शहडोल और सागर संभाग में बारिश की संभावना जताई है।

मौसम प्रणालियों का असर
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, दक्षिणी छत्तीसगढ़ में हवा के ऊपरी हिस्से में चक्रवात बना हुआ है, जो प्रदेश में बारिश का प्रमुख कारण है। इसके साथ ही कोंकण से लेकर बांग्लादेश तक फैली द्रोणिका (ट्रफ लाइन) और तेलंगाना के पास बनी शियर जोन भी बारिश को प्रबल कर रही है। इन मौसमी प्रणालियों के कारण राज्यभर में रुक-रुककर बारिश हो रही है।

अब तक हुई वर्षा
प्रदेश में 1 जून से 25 सितंबर तक कुल 1074.8 मिमी. वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य 937.9 मिमी. से 15% अधिक है। प्रमुख जिलों की बात करें तो खंडवा में 56 मिमी, मंडला में 30 मिमी, दमोह और उमरिया में 18 मिमी, पचमढ़ी में 17 मिमी, और इंदौर में 8 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में रुक-रुककर भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने की सलाह दी गई है, क्योंकि कहीं-कहीं बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।

मानसून की विदाई
सितंबर का चौथा मजबूत मौसम प्रणाली सक्रिय होने के बाद, अक्टूबर के पहले सप्ताह तक मानसून की विदाई की संभावना है।

MP’s Vyapam Scam: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया, 11 साल में कहां पहुंची जांच!

व्यापमं घोटाले (Vyapam Scam) में 2010 से 2013 तक की अवधि में हुए भ्रष्टाचार पर जिम्मेदार अधिकारियों से पूछताछ की मांग, एसटीएफ और सीबीआई पर घोटाले की जांच में बड़े अधिकारियों को बचाने का आरोप!

भोपाल – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित व्यापमं घोटाले (Vyapam Scam) के मामले में सीबीआई और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस पूर्व विधायक और व्यापमं घोटाले के व्हिसिल ब्लोअर पारस सकलेचा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया गया। सकलेचा ने व्यापमं घोटाले में 2010 से 2013 तक की अवधि में हुए भ्रष्टाचार पर जिम्मेदार अधिकारियों से पूछताछ की मांग की थी, जो पहले इंदौर हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई थी।

आपको बता दे 2013 में मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। माना जाता है कि आजाद भारत में व्यापमं सबसे बड़ा घोटाला रहा। मामले में जब जांच शुरू हुई तो जांचकर्ता और आरोपियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने लगी। घोटाले के तार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश समेत राज्यों से जुड़े होने की बात सामने आई। आखिरकार सुप्रीम कोर्ट में यह मामला पहुंचने पर इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) को सौंप दी गई।

व्यापमं घोटाला जांच में गड़बड़ी के आरोप
पारस सकलेचा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि एसटीएफ और सीबीआई ने व्यापमं घोटाले की जांच में बड़े अधिकारियों को बचाने के लिए कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को शामिल नहीं किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जांच में लीपापोती की गई है और सिर्फ छोटे रैकेटियर, दलाल, स्कोरर, छात्र और अभिभावकों पर ही कार्रवाई की गई है। सकलेचा का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर चलने वाला रैकेट सरकार और प्रशासन की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है।

850 पेज का दस्तावेजी साक्ष्य पेश
सकलेचा ने अपने आवेदन में लगभग 850 पेज के दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए हैं, जिसमें उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा सचिव, और व्यापमं के उच्च अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। सकलेचा का दावा है कि इन बड़े अधिकारियों की संलिप्तता के बिना व्यापमं जैसा बड़ा घोटाला संभव नहीं था।

इंदौर हाईकोर्ट से निरस्त हुई थी याचिका
इससे पहले, पारस सकलेचा ने व्यापमं घोटाले को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे 19 अप्रैल 2024 को खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां पर आज जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सीबीआई और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

आरोप: बड़े अधिकारियों पर नहीं हुई कार्रवाई!
सकलेचा ने अपने आवेदन में कहा कि एसटीएफ और सीबीआई को व्यापमं घोटाले के बारे में विस्तृत जानकारी और दस्तावेज देने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने एसटीएफ को 350 पेज का आवेदन और मौखिक साक्ष्य के अलावा 240 पेज के दस्तावेज सौंपे थे। इसके बावजूद, बड़े अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और केवल छोटे स्तर के लोगों पर ही शिकंजा कसा गया।

प्रशासन और सरकार की भूमिका पर सवाल
पारस सकलेचा ने कहा कि व्यापमं घोटाले की जांच में प्रशासन और सरकार की भूमिका संदिग्ध रही है। उन्होंने बताया कि 2009 में जब व्यापमं घोटाले का पर्दाफाश हुआ था, तब भी निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की भर्ती की जांच नहीं की गई, जबकि यह भी घोटाले का एक प्रमुख हिस्सा था।

व्यापमं घोटाला खुलासे से जुड़े व्हिसलब्लोअर डॉ आनंद राय व पूर्व विधायक पारस सकलेचा

अब आगे क्या ?
व्यापमं घोटाले (Vyapam) की जांच को लेकर पारस सकलेचा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है और क्या बड़े अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की जाती है। गौरतलब है की व्यापमं घोटाले को करीब 11 साल हो चुके है। मध्यप्रदेश सरकार के मुताबिक रिश्वत लेकर प्रवेश परीक्षाओं और भर्तियों में नकल करने के मामले में 4046 लोगों को आरोपी बनाया गया। इसमें से 956 आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है। वहीं CBI ने 1242 लोगों को आरोपी बनाया है। गौर करने वाली बात यह है कि इस मामले में मध्य प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल राम नरेश यादव के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज है। इतना ही नहीं व्यापमं घोटाले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। एक अनुमान के मुताबिक घोटाले से जुड़े 40 से ज्यादा लोगों की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो चुकी है। इनमें टीवी चैनल आजतक के पत्रकार अक्षय सिंह भी शामिल है, जिनकी मौत झाबुआ में एक इंटरव्यू के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। घोटाले के व्हिसलब्लोअर डॉक्टर आनंद राय बताते हैं कि यह घोटाला पूरी तरह से पिरामिड की तरह काम कर रहा था। इस पिरामिड में सबसे नीचे स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स थे। जबकि ऊपर रसूखदार लोग थे, जिन्हें इस पूरे घोटाले का पैसा जा रहा था। जो रसूखदार लोग थे उन्हें कभी जेल नहीं हुई। कुछ लोग जेल गए भी तो सबूत के अभाव में छूट गए। 

राष्ट्रीय मतदाता दिवस : अपर कलेक्टर शालिनी श्रीवास्तव को मिला उत्कृष्टता पुरुस्कार, राज्यपाल ने किया सम्मानित

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। 14वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम भोपाल में आयोजित किया गया। जिसमें राज्यपाल मंगुभाई पटेल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम में राज्य स्तरीय उत्कृष्टता पुरुस्कार वितरित किया गया। इस दौरान प्रदेश के उन अधिकारियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने निर्वाचन में अपनी अहम और विश्वसनीय भूमिका निभाई। इसमें रतलाम जिले की अपर कलेक्टर एवं उप निर्वाचन अधिकारी डॉ. शालिनी श्रीवास्तव का नाम भी शामिल है।

मध्यप्रदेश के भोपाल में उत्कृष्ट निर्वाचन कार्यो के लिए वार्षिक राज्य पुरुस्कार 2023 का आयोजन हुआ। अपर कलेक्टर एवं उप निर्वाचन अधिकारी डॉ. शालिनी श्रीवास्तव को राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सम्मानित किया। यह सम्मान उनके रतलाम विधानसभा चुनाव 2023 में किए गए उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए दिया गया। आपको बता दे की श्रीवास्तव ने अपनी जिम्मेदारी व कर्तव्य का निष्ठा से पालन करते हुए निर्वाचन का संचालन एवं प्रबंधन विशिष्ट योग्यता के साथ किया। कार्यक्रम में मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन भी उपस्थित थे।

खबर पर मुहर : रतलाम के चेतन्य काश्यप को उद्योग की कमान, प्रदेश में हुआ मंत्रियों के विभागों का बंटवारा

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। रतलाम शहर से विधायक चेतन्य काश्यप को कैबिनेट में मंत्री का दर्जा मिलने के बाद अब विभाग भी सौंप दिया गया है। पब्लिक वार्ता ने अपनी खबर  “चेतन्य की बढ़ी चमक : इन बड़ी बातों से काश्यप को मिला केबिनेट, सर्वे में टॉप 10 रहे विधायक…” शीर्षक से प्रकाशित की थी। जिसमें उन्हें उद्योग विभाग मिलने की संभावना जताई गई थी। आज शनिवार शाम विभाग बंटवारे की सूची आने के बाद पब्लिक वार्ता की इस खबर पर मुहर लगी। चेतन्य काश्यप को प्रदेश में सुक्ष, लघु एवं मध्यम उद्यम का कार्यभार सौंपा गया है। अब रतलाम सहित प्रदेशभर में काश्यप के औद्योगिक अनुभव का फायदा सरकार को मिलेगा। वहीं रतलाम के लिए नए उद्योगों के आने का रास्ता भी साफ होता दिख रहा है।

https://publicvarta.com/kashyap-got-cabinet-due-to-these-big-things-mla-remained-in-top-10-in-the-survey/

शनिवार शाम आई सूची में प्रदेश के सभी मंत्रियों को विभागवार दायित्व सौंपा गया। किस मंत्री को क्या विभाग मिला है देखिए सूची –

पॉलिटिकल ड्रामा : पूंजीपति काश्यप की तारीफ़ों पर उमा को हुआ एतराज!, ट्विटर पर तंज कसने के बाद देना पड़ी सफाई!

पूरे मामले में मंत्री चेतन्य काश्यप ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया, उमा से मिलने पहुंचे उनके घर तो बदले सुर!

पब्लिक वार्ता – भोपाल,रतलाम
जयदीप गुर्जर। हालही में मध्‍यप्रदेश के नवनियुक्त केबिनेट मंत्री चेतन्य काश्‍यप (Madhya Pradesh Minister Chetanya Kasyap) ने अपनी विधायकी का वेतन भत्ता छोड़ने का एलान कर खूब सुर्खियां बटोरी। जिसके बाद उन्हें केबिनेट भी शामिल किया गया। इतने दिनों बाद अब काश्यप के वेतन नहीं लेने के फैसले पर पूर्व मुख्‍यमंत्री उमा भारती (Former Chief Minister Uma Bharti) ने एक्‍स हैंडल (ट्विटर) पर प्रतिक्रिया दी है। उमा भारती (Uma Bharti) ने 5 बिंदुओं का एक बड़ा ट्वीट सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर किया। यह ट्वीट उमा भारती ने प्रदेश के मुखिया सीएम डॉ मोहन यादव, संगठन के महामंत्री हितानंद शर्मा व बीजेपी के ऑफिसियल हेंडल को टैग किया।

उमा भारती का अपनी ही सरकार और उनके नेताओं को घेरने का यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले वो कई मुद्दों पर शिवराज सरकार को घेर चुकी है। इस बार उन्होंने चेतन्य काश्यप के वेतन भत्ते छोड़ने की बात पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए तंज कसा। जिसके बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई। इस मुद्दे पर कई भाजपा नेताओं का दबी जुबान से कहना है की यह कोई विषय नहीं था यह केवल नई सरकार में अटेंशन लेने का एक तरीका था। जैसा कि वह पूर्व में भी कई बार कर चुकी है। हालांकि इस पूरे पॉलिटिकल ड्रामे के बीच मंत्री चेतन्य काश्यप ने किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उमा भारती की और से अपना पक्ष रखते हुए एक प्रेस रिलीज जारी की गई है। जिसमें उन्होंने उनकी बातों को गलत तरीके से पेश करने की बात कही।

उमा ने बिंदुवार ट्वीट में लिखा की 1) हाल ही में मंत्री बने तथा रतलाम के एक संपन्न जैन व्यवसायी चेतन कश्यप ने अपनी संपत्ति 296 करोड़ घोषित की हैं । अभी कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश के अखबारों में उनकी तारीफ़ लिखी थी की वो अपना विधायक का वेतन नहीं लेते जो की साल भर का क़रीब 12 लाख होता हैं । 296 करोड़ वाला व्यक्ति अगर सरकार के 12 लाख छोड़ देता है तो इसमें कौनसी बड़ी बात हैं । 2) चेतन कश्यप सरकार को वेतन वापिस करने के बजाय वह राशि अभावग्रस्त लड़कियाँ की शिक्षा पर खर्च करें । 3) हमे यह याद रखना पड़ेगा की सभी विधायक बड़े व्यवसायी नहीं होते और ना वो राजनीति से अपना व्यवसाय बढ़ाते हैं । 4) एक बार सांसद वरुण गाँधी ने कहा था की सांसदों को तनखा एवं पेंशन नहीं लेना चाहिए । वरुण गाँधी ऐसा कर सकते है क्यूँकि वो हज़ारो करोड़ों की पैतृक संपत्ति के मालिक है । अपना सर्वस्व त्यागकर राजनीति के माध्यम से जनसेवा करने वाले जनप्रतिनिधियों को हर तरह की सहूलियत सरकार से मिलनी चाहिए । 5) अगर विधायकों और सांसदों को ईमानदारी की राह पर चलना आसान बनाना है तो चेतन कश्यप जैसे पूँजीपति विधायकों को छोड़कर सभी विधायक की तनखा एवं अन्य भत्ते आज की सभी परिस्थितियों को देखकर मिलना चाहिए ।

ट्वीट के बाद मचा बवाल
काश्यप के लिए किए गए इस ट्वीट के बाद भाजपा में हड़कंप मच गया। उमा भारती को अचानक काश्यप पर हमलावर होता देख हर कोई नेता हैरान था। उमा भारती के पास जब हाईकमान से फोन घनघनाए तो दोपहर 3 बजे बाद उमा भारती ने अपने ट्वीट पर सफाई पेश करते हुए एक और ट्वीट किया। यह बाद में एडिट भी हुआ। हालांकि उमा ने अपना पिछला ट्वीट नहीं हटाया। अपने दूसरे ट्वीट में उमा भारती ने वरुण गांधी और वीडी शर्मा को टैग कर लिखा की 1) जो मुझे आशंका थी वही हुआ । कुछ लोगों ने मेरी बातों का ग़लत मतलब निकाल ही लिया । लोकतंत्र में अमीर हो ग़रीब, सबको सांसद या विधायक होने का अधिकार है ।
2) स्वयं मैं जब आठ वर्ष की थी तब से आज तक मैंने सुविधा संपन्न जीवन जिया है । मैं सरकार से प्राप्त सुविधाओं का पात्रता एवं आवश्यकता के अनुसार उपयोग करती हूँ । कभी कभी किसी संस्था, कोई असहाय महिला या किसी बच्चे की शिक्षा की सुविधा के लिए मैं चेक से ही राशि देती हूँ । लेकिन सरकार को कुछ वापिस नहीं करती ।
3) रतलाम के विधायक जो अभी मंत्री बने हैं वह बहुत बड़े व्यवसायी एवं बहुत बड़े दानी भी है और मुझे उनसे कोई तकलीफ़ नहीं है। वरुण गाँधी एवं उनके इस विवरण को सुनकर की वो सांसद या विधायक की सुविधा नहीं लेते। तो यह बड़ी बात नहीं है किंतु जिन जनप्रतिनिधियों का जीवन यापन एवं अतिथि सेवा इन्ही सुविधाओं से होतीहै  वह स्वयं को छोटा अनुभव करेंगे जब की ऐसा नहीं है। सब बराबर है। जनता सबको वोट देती है।

और पहुंच गए काश्यप
ट्विटर वार के बाद मंत्री काश्यप उमा भारती से मिलने उनके निवास जा पहुंचे। शाम करीब 5 बजे ट्वीट कर उमा भारती ने इसकी जानकारी दी। उमा ने ट्वीट कर लिखा की  1. रतलाम से विधायक एवं हाल ही में बने प्रदेश सरकार के मंत्री श्री चैतन्य कश्यप मेरे दूसरे ट्वीट के जवाब में स्वयं उपस्थित हो गए। 2. चैतन्य कश्यप जी को मैं 20 साल से जानती हूं वह बहुत बड़े व्यवसायी, बहुत बड़े दानी एवं समाजसेवी हैं। 3. वह अपने व्यवसाय से प्राप्त लाभ का बहुत बड़ा हिस्सा दान करते हैं किंतु फिर भी मैंने अपना सुझाव दोहराया कि वह अपने वेतन एवं भत्ते सरकार को वापस करने की जगह पर दान की राशि में शामिल कर लिया करें उन्होंने इस पर कहा कि वह इस पर विचार करेंगे। 4. मैंने उन्हें सफल मंत्री बनने के लिए शुभकामनाएं तथा आशीर्वाद भी दिया।

चेतन्य की बढ़ी चमक : इन बड़ी बातों से काश्यप को मिला केबिनेट, सर्वे में टॉप 10 रहे विधायक की पॉलिटिकल कहानी

रतलाम को चहुंमुखी विकास के उच्चतम शिखर पर पहुंचाना – मंत्री काश्यप

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर विधायक चेतन्य काश्यप को कैबिनेट में जगह मिलते ही शहर में जश्न का माहौल था। काश्यप के शपथ ग्रहण करते ही आतिशबाजी कर पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकतार्ओं ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई। मंत्री मंडल में शामिल होने की सूचना के बाद भाजपा जिला संगठन के पदाधिकारी भी भोपाल पहुंचे। गौरतलब है की मध्यप्रदेश के मंत्री मंडल में रतलाम शहर विधानसभा क्षेत्र को डेढ़ दशक बाद प्रतिनिधित्व मिला है। इससे पहले हिम्मत कोठारी यहां से विभिन्न पदों पर मंत्री रहे है। काश्यप को अब विभाग मिलने का इंतजार है, सूत्रों की माने तो उन्हें उद्योग, नगरीय प्रशासन या फिर वित्त की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

नवनियुक्त मंत्री चेतन्य काश्यप ने कहा की इस सम्मान के साथ रतलाम को चहुंमुखी विकास के उच्चतम शिखर पर पहुंचाने और देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनाने का महती दायित्व भी आया है। जिसे पूरी लगन और मेहनत से हमें एक टीम के रूप में काम करके निभाना है । प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री डॉ यादव की आकांक्षाओं और अपेक्षा को पूरा करना हमारा दायित्व है। हम सब एक टोली के रूप में इन दायित्वों का निर्वहन करेंगे और सफल होंगे।

जश्न मनाते रतलामी कार्यकर्ता

मंत्री पद की दौड़ में क्यों रहे आगे?
मंत्री पद की दौड़ में आगे रहने का प्रमुख कारण काश्यप की बेदाग छवि और मजबूत राजनीतिक पकड़ रही। काश्यप की पार्टी के शीर्ष नेताओं से अच्छी बॉन्डिंग होने के साथ ही संघ व उसके अनुसांगिक संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों से भी गहरे संबंध है। दो कार्यकाल में मंत्री बनने की इच्छा हर बार रही लेकिन पार्टी के निर्णय को स्वीकार किया कभी विरोध में नहीं दिखे। प्रदेश के भी सभी नेताओं से घनिष्ठता रही कभी किसी गुट के नहीं कहलाए। काश्यप ने अपने वेतन का त्याग लगातार तीसरे कार्यकाल में भी किया। हालांकि यह निर्णय दूसरे विधायक और सांसदों के लिए असहज जरूर रहा है। विधानसभा क्षेत्र में अत्यंत लोकप्रिय माने जाते है। दो साल के कार्यकाल में जनता से जुड़ा कोई नेगेटिव फेक्टर हाईकमान तक नहीं पहुंचा। पार्टी सर्वे में भी टॉप 10 विधायक बने रहे। अब तक हमेशा से विकास के विषय पर ही राजनीति करते आए। विवादास्पद व सांप्रदायिक मामलों में नहीं बोले ना बोलना पसंद करते है। अपनी टीम को मैनेजमेंट से चलाने में महारत हासिल है हर छोटे मुद्दे और कार्य पर खुद मोनिटरिंग करते है। राजनीति के अलावा समाजसेवा की एक बड़ी भूमिका रही। प्रत्येक वर्ग व जरूरतमंद व्यक्ति को फाउंडेशन से सहायता दिलाने में आगे रहते है। लगातार तीन बार विधायक रहे और तीनों ही बार लीड बढ़ी ना कि घटी।

राजभवन में काश्यप

मंत्री बने काश्यप का अब तक का सफर
रतलाम शहर विधायक चेतन्य काश्यप शुरू से औद्योगिक व सामाजिक जीवन में रहे। वर्ष 2004 से समाजसेवा से राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया। रतलाम विधानसभा में बीते तीन चुनाव में सर्वाधिक मत से जीते। पहले चुनाव में 40, 000 से, दूसरे चुनाव में 43,000 से और तीसरे चुनाव में 60,000 की लीड लेकर जीत दर्ज की। जन सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य व खेल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा। वर्ष 2014 में झाबुआ आदिवासी संसदीय उम्मदीवार के चुनाव संयोजक रहे और आजादी के बाद पहली बार यह सीट भाजपा के खाते में आई। भाजपा के स्वयं सेवी संगठन, प्रकोष्ठ, एनजीओ सेल के राष्ट्रीय संयोजक एवं राष्ट्रीय कार्यसमिति के 6 वर्ष तक सदस्य रहे और म.प्र. में भाजपा के कोषाध्यक्ष भी रहे। वर्ष 2006 में मप्र लोकसभा व विधानसभा परिसिमन के संयोजक रहे। मप्र राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे। अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर के लिए 1 करोड़ रूपए की निधि अपने परिवार की ओर से प्रदान की। क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष है एवं रतलाम, मंदसौर, नीमच जिलों में 16 स्थान पर खेल चेतना मेला का बड़ा आयोजन 20 वर्षों से कर रहे है। इन्होंने गरीबी से मुक्ति, विकास की युक्ति के रूप में 100 गरीब परिवार को निःशुल्क आवास देकर अहिंसा ग्राम की स्थापना की थी, इस मॉडल से ये प्रदेश में काफी चर्चा में भी आए थे। हाल ही में इनके द्वारा कुपोषण अभियान के तहत पोष्टिक आहार आंगनवाड़ी के माध्यम से पहुंच रहा है। आंकड़ों के अनुसार 1400 बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराया है। विधायकी रहते जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना करवाई। कोराना काल में झाबुआ, मंदसौर, नीमच एवं अन्य क्षेत्रों के हजारों लोगों के लिए यह लाभदायक बना। मालवा क्षेत्र में जैन समाज के प्रमुख व्यक्तित्व है। वर्ल्ड जैन कन्फेडरेशन के चेयरमेन है और जीतो के संस्थापक है। 2004 में बार्सिलोना में विश्व धर्म संसद मे जैन प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व किया। उसमें ‘अपरिग्रह’ दर्शन पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। इंडिया फस्ट फाउंडेशन के ट्रस्टी है, जिसका दिल्ली में शोध संस्थान है।