Ratlam News: घरों में हुई गोवर्धन पूजा, विहिप ने किया महिलाओं को पुरुस्कृत

रतलाम – पब्लिक वार्ता,

न्यूज डेस्क। Ratlam News: विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के कालिका माता प्रखंड में महावीर नगर में मातृशक्ति द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। इस विशेष मौके पर महिलाओं और बहनों ने पूरी श्रद्धा के साथ गोवर्धन जी का निर्माण कर पूजा-अर्चना की। इस आयोजन में विश्व हिंदू परिषद द्वारा महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया, जिससे उनकी श्रद्धा और भक्ति को सम्मान मिला।

इस अवसर पर जिला से मोंटी जी जायसवाल और पंकज जी चौहान, प्रखंड से विजय प्रजापत और अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने इस पूजा के महत्व को समझाया और श्रद्धालुओं के साथ गोवर्धन पर्व का आनंद लिया।

घरों के बाहर पारंपरिक रूप से बनाई गोवर्धन आकृति

गोवर्धन पूजा का महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक माना जाता है। मान्यता है कि त्रेतायुग में भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के प्रकोप से गोकुलवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाया था। इस पर्वत की पूजा कर उन्होंने लोगों को अपने कार्यों का महत्व समझाया और प्रकृति की पूजा करने का संदेश दिया। गोवर्धन पूजा के माध्यम से आज भी भक्तजन भगवान श्रीकृष्ण के उस अद्भुत कार्य को याद करते हुए प्रकृति और जीवन में संतुलन बनाए रखने का संकल्प लेते हैं।

Ratlam News: रानी दुर्गावती एवं राणा पूंजा भील जयंती पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा पुष्पांजलि समारोह आयोजित

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Ratlam News: विश्व हिंदू परिषद सामाजिक समरसता द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती और मेवाड़ के जनजातीय शिरोमणि, हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप के सहयोगी महान योद्धा राणा पूंजा भील की जयंती के अवसर पर पुष्पांजलि समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के सामाजिक समरसता प्रमुख मनोज और जिला मंत्री गौरव ने उनके जीवन और योगदान पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि रानी दुर्गावती ने अपने शासनकाल में मुगलों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए देश और धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। गोंडवाना की इस वीरांगना ने 1564 में अकबर के सेनापति आसफ खान से युद्ध किया और अंतिम क्षण तक अपने राज्य की रक्षा की। उनकी शौर्य और बलिदान की गाथा आज भी हर भारतीय को गर्व से भर देती है। राणा पूंजा भील ने हल्दीघाटी के ऐतिहासिक युद्ध में महाराणा प्रताप का साथ दिया और मुगल सेना के खिलाफ संघर्ष में अपनी भील सेना के साथ वीरता का प्रदर्शन किया। जनजातीय समाज से आने वाले राणा पूंजा ने मुगलों के खिलाफ जन-जन को संगठित किया और हल्दीघाटी की धरती पर अपने साहस की अमिट छाप छोड़ी। उनका योगदान जनजातीय समाज और राजस्थान के इतिहास में अमूल्य है।

समारोह में कई प्रमुख व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें विभाग सह मंत्री पवन बंजारा, जिला सह संयोजक आशु, मंदिर अर्चक संपर्क प्रमुख दीपक शर्मा, जिला प्रचार प्रसार प्रमुख मोंटी जयसवाल, जिला प्रचार प्रसार सह प्रमुख रिक्की सेन, जिला साप्ताहिक मिलन प्रमुख सुनील, जिला सेवा प्रमुख अनिल, जिला विद्यार्थी प्रमुख कृष्णा, जिला सह साप्ताहिक मिलन प्रमुख शुभम शर्मा, दीपांशु, विजय, रोमित, लखन और महेश डोडियार शामिल थे।