मानवता का “मर्डर” : मां को बनाना चाहता था अपनी हवस का शिकार, इसलिए 10 माह की मासूम बच्ची को उठा कर ले गया दरिंदा दशरथ

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram

रोती – बिलखती मासूम का मुंह दबाकर कुंए में फेंका शव…. सजा – ए – मौत की उठी आवाज!

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। जिला मुख्यालय के कालूखेड़ा थाना अंतर्गत गांव लसुड़िया नाथी से 17 अगस्त की रात एक 10 माह की मासूम के अपहरण की खबर ने सनसनी फैला दी थी। जिसके बाद पूरा पुलिस फोर्स अलग – अलग एंगल से बालिका को ढूंढने में जुट गया। पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बगैर किसी सुराग के आरोपी तक पहुंचने की थी। आरोपी पुलिस के सामने ही था। मगर पुलिस के पास पर्याप्त सुराग नहीं होने से वह केवल रडार पर था। रतलाम पुलिस की अथक मेहनत और खोजी कुत्ते की एक निशानदेही ने आरोपी दशरथ के कारनामें को उजागर कर दिया। पुलिस पहुंचती उसके चंद घंटे पहले वह फरार हो चुका होता है। रतलाम पुलिस ने तत्तपरता से आरोपी को अन्य राज्यों में ढूंढने के प्रयास कर दिए। एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया। जिसके बाद राजस्थान पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया, जिसे अब सलाखों के पीछे धकेल दिया। पुलिस सहित समाज को मलाल इसी बात का है की नन्हीं मासूम जीवित नहीं रही। दरिंदे दशरथ ने 10 माह की बच्ची जो ठीक से शायद अपनी मां की पहचान ही जानती थी, उसे दुनियां देखने से पहले ही मौत की नींद सुला दिया। इस पूरे मामले ने आज मानवता की हत्या की है। ऐसी नीच और ओच्छी मानसिकता आखिर समाज में कहां से व्याप्त हो रही है? यह विचार करने का एक गंभीर विषय है। पूरा समाज आज क्रोधित है और आरोपी दशरथ के खिलाफ जल्द से जल्द “सजा – ए – मौत” चाहता है!

देखिए खबर से जुड़ा एक वीडियो क्या बोले एसएसपी राहुल लोढा

गौरतलब है की प्रेमा पति मुकेश उर्फ राकेश खारोल निवासी ग्राम उपरवाड़ा करीब एक साल से कालूखेड़ा थाना अंतर्गत गांव लसुड़िया नाथी में अपने मायके में थी। डिलेवरी के पहले वह अपने मायके आई थी। डिलेवरी के बाद से वह मायके में ही थी। पति मिलने आता जाता था। 17 अगस्त की रात प्रेमा घर में अपनी बच्ची तनु के साथ सो रही थी। रात 11 से 12 बजे के बीच मां प्रेमा की नींद खुली तो बच्ची पास में नहीं थी। घर का अंदर से दरवाजा बंद था। खिड़की खुली हुई थी। रात में ही बच्ची के पिता को सूचना दी। गांव में भी बच्ची के गायब होने पर हड़कंप मच गया। रात में पुलिस को सूचना दी। बच्ची को तलाश किया, लेकिन नहीं मिली। जिसके बाद रतलाम एसएसपी राहुल लोढा ने मौके पर पहुंचकर गंभीरता से इस मामले की छानबीन के लिए टीम को लगाया। जिसके बाद परत दर परत मामला खुलता गया और पुलिस ने लसुडिया नाथी निवासी आरोपी दशरथ पिता रामलाल कटारिया (23) को गिरफ्तार किया। दशरथ का बच्ची के पड़ोस में ही घर है, जिसकी पत्नी अपने मायके गई थी। इसका दो साल का एक बेटा भी है। पूरे मामले के खुलासे में एएसपी राकेश खाखा, सीएसपी जावरा दुर्गेश आर्मो, एसडीओपी शक्तिसिंह व कालूखेड़ा टीआई नीलम चौंगड़ की विशेष भूमिका रही।

मासूम के शव को बारिश व कीचड़ के बीच टीआई नीलम गोद में लाती हुई, इस दौरान उनकी भी ममता छलक गई

बच्ची को उठाया, ताकी मां के साथ…
एसएसपी राहुल लोढा के अनुसार सख्ती से पूछताछ के दौरान आरोपी दशरथ ने बताया की बच्ची की मां यानी प्रेमा पर उसकी बुरी नजर थी। आरोपी दशरथ की पत्नी राखी के लिए 16 अगस्त को गई थी। 17 की रात वह पड़ोसी महिला के घर में खिड़की से गलत नियत से घुसने की फिराक में था। खिड़की के पास उसने बाहर से मां के पास सो रही बच्ची को उठा लिया। उसकी मंशा थी की बच्ची को उठाकर ले जाने से मां उसे ढूंढते हुए बाहर निकलेगी और वह उसका फायदा उठाकर महिला के साथ गलत कार्य कर सके। लेकिन बच्ची को उठाते ही वह रोने लगी तो उसने उसका मुंह हाथ से दबा दिया। इसी बीच बच्ची के मामा मौसी उठ गए और मां भी जाग गई। सभी बच्ची को ढूंढने लगे। आरोपी को जब लगा की मुंह दबाने से बच्ची मर गई है, तो उसने जुर्म छुपाने के लिए घर के पीछे कुछ दूरी पर स्थित कुंए में फेंक दिया।

स्निफर डॉग से हाथ लगा सुराग
एसएसपी ने बताया घटनास्थल की जांच के लिए साइबर और रेडियो टीम के हाथ भी कुछ नहीं लग रहा था। 200 से अधिक सीसीटीवी छाने, जावरा के प्रत्येक थाने और चौकी के प्रभारी को काम पर लगा दिया गया। गांव के एक – एक घर की तलाशी लेने के साथ सभी से पूछताछ जारी रखी गई। मानव तस्करी के एंगल से जांच को शुरू किया और बांछड़ा डेरो पर कड़ी निगरानी रखी गई। इतना सबकुछ करने के बाद भी नाकाफी सा लग रहा था। आरोपी जिस रास्ते से गया वहां तीन कैमरा थे मगर 2 रास्ते के कैमरा सही थे और उसी रास्ते का कैमरा खराब था जहां से आरोपी गुजरा। मामले में डॉग स्क्वाड को बुलाकर स्निफर डॉग (खोजी कुत्ता) की मदद ली गई। बच्ची के मकान से डॉग 3 किलोमीटर दूर चिकलाना में एक मकान तक पहुंचा। दूसरी बार फिर डॉग को फॉलो किया तो वापस वहीं जाकर डॉग रुक गया। जहां डॉग रुक रहा था वहां शराब मिलती है। पूछताछ में दशरथ कटारिया का नाम सामने आया। इस आधार पर दो बार उससे पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। यहां तक कि आरोपी बच्ची की तलाश में गांव के लोगों के साथ भी में रहा। जब दशरथ पर शक गहराया और सुराग हाथ लगा तब तक वह फरार हो गया। जिसे ढूंढने के लिए अलग – अलग टीमें बनाई।

प्रेस वार्ता में जानकारी देते एसएसपी राहुल लोढा

अपने ससुराल जाकर छुपा था आरोपी
आरोपी दशरथ पुलिस से बचने के लिए राजस्थान के प्रतापगढ़ में हथूनिया गांव के एक सूने मकान में छुपकर रहने लगा था। रतलाम पुलिस को जांच में जब इसके ऊपर शंका हुई तो पुलिस ने कालूखेड़ा, मंदसौर, नीमच, प्रतापगढ़ के कई संदिग्ध स्थानों पर दबिश दी, लेकिन आरोपी कहीं नहीं मिला। रतलाम पुलिस ने राजस्थान पुलिस को भी जानकारी दी। इस बीच रविवार दोपहर को हथुनिया थाने के कांस्टेबल सुरेश मीणा को सूचना मिली कि आरोपी एक सुने झोपड़ीनुमा मकान में छिपा है। कांस्टेबल मौके पर पहुंचा, तो दशरथ ने भागने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने उसे घेर लिया। कांस्टेबल मीणा की मदद से उसे गिरफ्तार किया। इसके बाद रतलाम पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस पंहुची और उसे कालूखेड़ा थाने लाया गया। कालूखेड़ा लाने पर टीआई नीलम चौंगड़ टीम के साथ आरोपी को लेकर उसकी निशानदेही पर गांव के कुएं तक पंहुचे जहां शव फेंका था। पुलिस टीम बरसते पानी में उसे लेकर कच्चे रास्ते से पैदल पंहुची तो ग्रामीणों की भीड़ लग गई। जैसे ही कुएं से बच्ची का शव निकला तो महिला टीआई नीलम का भी मातृत्व प्रेम छलक गया। एक मां की पीड़ा समझते हुए नीलम ने बच्ची के क्षत विक्षत शव को गोद में ले लिया। शव बुरी तरह से बदबू भी मारने लगा था। लेकिन टीआई नीलम उसे पूरे रास्ते गोद में लेकर ही चलती रही। शव को पीएम के लिए मेडिकल कालेज भेजा गया था, जहां सोमवार को पीएम किया गया।

Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Telegram

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *