भरोसे का घोंटा गला : बुजुर्ग दंपत्ति ने जिस किराएदार को रखा बेटे जैसा, उसी ने घर का ताला तोड़ किया लाखों रुपयों पर हाथ साफ

12 घंटे में माणक चौक पुलिस ने किया चोरी का पर्दाफाश, आरोपी गिरफ्तार

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर के माणक चौक थाना क्षेत्र अंतर्गत एक बुजुर्ग दंपत्ति के साथ उसी के किराएदार ने विश्वासघात कर दिया। पति – पत्नी दोनों की कोई संतान नहीं होने से किराएदार को ही उन्होंने अपना बेटा माना और उसे बेटे की तरह रखा। लालची किराएदार ने भरोसे का गला घोंटते हुए दंपत्ति के बंद घर में ताला तोड़ चोरी को अंजाम दे दिया। यह पैसा कैंसर के इलाज के लिए जमा किया हुआ था। माणक चौक थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना के 12 घंटे में आरोपी सोहेल पिता इफ्तेखार पठान (27) निवासी मौलाना आजाद नगर (हालमुकाम लक्ष्मी नगर) को गिरफ्तार कर लिया है। विवेचना में जुटी माणकचौक थाने की पुलिस टीम को पुरुस्कार की घोषणा की गई है ।

गुरुवार को नवीन कंट्रोल रूम पर प्रेस वार्ता में एएसपी राकेश खाखा ने वारदात का खुलासा किया। इस दौरान सीएसपी अभिनव बारंगे, माणक चौक थाना प्रभारी रणजीत सिंगार मौजदू रहे। एएसपी राकेश खाखा ने मीडिया को बताया की लक्ष्मी नगर निवासी महिला मुकर्रम पति शेर खां मेव ने थाने में शिकायत कर बताया की वह मंगलवार/बुधवार की रात्री में अपने कैंसर से पीड़ित पति शेर खान के इलाज के लिए उसे अस्पताल ले गई थी। जहां उसे भर्ती कर उसका इलाज किया जा रहा था। घर में दोनों पति पत्नी के अलावा कोई भी नहीं था इसलिए उसने घर पर ताला लगाया हुआ था। उसी दौरान उसके सुने मकान मे कोई अज्ञात बदमाश 4 लाख 35 हजार रुपये नगदी एवं सोने की एक अंगुठी तथा चांदी के छोटे छोटे जेवर जिनकी किमत करीब 90 हजार रुपये है। इस तरह कुल 5 लाख 25 हजार रुपये घर व गोदरजे का ताला तोड़ कर चुरा ले गया। फरियादी महिला की शिकायत पर थाना माणकचौक पर अपराध क्रमांक 323/24 धारा 457,380 पंजीबद्ध कर पुलिस ने जांच शुरू की। जिसमें 12 घन्टे के भीतर ही पुलिस को सफलता मिली और आरोपी सोहेल पिता इफ्तेखार पठान जो की महिला का किराएदार था उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

खुद आरोपी ने महिला को दी सूचना
आरोपी किराएदार सोहेल फरियादी महिला मुकर्रम खान के मकान में 6-7 माह से किराए से रह रहा था। आरोपी सोहेल शादीशुदा है और अपने घर से अलग किराए के मकान में रह रहा था। जब उसने चोरी की वारदात को अंजाम दिया तब उसकी पत्नी मायके गई हुई थी। वह घर पर अकेला था। महिला की कोई संतान नहीं होने से उसने सोहेल को बेटे की तरह रखना शुरू कर दिया। जिससे सोहेल को उसके घर में रखी नगदी व जेवर की जानकारी लग गई। आरोपी ने ताला तोड़कर घर में हाथ साफ किया। जिसके बाद पुलिस व महिला को बरगलाने के लिए चोरी की घटना के बारे में बताया। जिससे वह संदेह के घेरे में ना आए। पुलिस ने जब मौके पर छानबीन की तो पड़ोसी की छत से नगदी व सामान मिला। जिससे यह लगे कि पड़ोस की छत और उसके पास के नाले से चोर घर में घुसे हो। लेकिन पुलिस को यहां पर संदेह हुआ और सोहेल से सख्ती से पूछताछ की। फिर उसने सब कुछ कबूल कर लिया। आरोपी सोहेल लोहे की अलमारी बनाने का काम करता है।
मामले में पुलिस टीम के एएसआई बसील गणावा , प्रआर नारायणसिंह जादौन, दिलीपसिंह रावत, अमिचंद सिगारे, आरक्षक रणवीर सिंह , गोविन्द गेहलोत, विरेन्द्र बारोड, संदीप शर्मा, अशरफ खान कि महत्वपूर्ण भूमिका रही।

नशे पर एक्शन या खानापूर्ति: एमडी ड्रग्स व स्मैक के साथ दो युवक गिरफ्तार, मुख्य सरगनाओं तक पहुंचने में पुलिस अब भी नाकाम

ABVP के विरोध के बाद जागी पुलिस, चॉकलेट – बिस्किट की तरह बिक रहा नशा

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर में नशे के सौदागर बेखौफ अपना धंधा जमाए हुए है। जिम्मेदार आंख बंद कर दफ्तरों में आराम कर रहे है। जिले के आलम यह है की यहां जिम्मेदारों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास तभी होता है जब कोई विरोध प्रदर्शन हो  या कोई बड़ी घटना घटित हो। 2 हफ्ते पहले विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में बढ़ रही नशाखोरी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। जिसके बाद पुलिस तंत्र सक्रिय हुआ। रविवार को थाना स्टेशन रोड पुलिस द्वारा अलग – अलग स्थानों से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इससे पहले भी ड्रग्स के नशे में जान गवाने वाले कई किस्से शहर के लोगो ने सुने है। इसको लेकर पूर्व में एक बड़ा आंदोलन भी शहर में हुआ था, जब पुलिस हरकत में आई और कुछ दिनों तक लगातार कार्रवाई भी की। लेकिन पुलिस ने उसके बाद इनके ठिकानों और सरगनाओं तक पहुंचना जरूरी नहीं समझा। जिसके बाद अब फिर ड्रग्स का यह जहर शहर को खोखला करने में जुट गया है। चॉकलेट बिस्किट की तरह गांजा, अफीम, एमडी, स्मैक जैसे नशीले पदार्थ बाजार में बिक रहे है। मगर जिम्मेदारों के कान में जू तक नहीं रेंगती नजर आ रही है।

पुलिस ने रविवार आधी रात में डीमार्ट बायपास व भक्तन की बावडी रोड से आरोपी जाफर पिता अल्लाहबक्श खान उम्र 22 वर्ष निवासी फिरदौस बहन का मकान, मोचीपुरा को गिरफ्तार किया। जिसके पास से पुलिस ने 31 ग्राम एमडी ड्रग्स पकड़ी। जिसकी किमती करीब 1 लाख रूपये बताई जा रही है। वहीं दूसरी और पुलिस ने दोपहर में भक्तन की बावड़ी क्षेत्र से ही एक अन्य आरोपी मोईनुद्दीन भुरा उर्फ भुरू पिता मोहम्मद हुसैन उम्र 21 वर्ष निवासी पिंजारा पोल हाथी खाना, झोपड पट्टी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी मोईनुद्दीन के पास से 30 हजार कीमत की करीब 10 ग्राम स्मैक बरामद की। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 8/22 एनडीपीएस एक्ट में मामला पंजीबध्द कर विवेचना शुरू कर दी है।

राजस्थान से मंगवाई एमडी
एमडी ड्रग्स के साथ गिरफ्तार हुए आरोपी जाफर ने पुलिस पूछताछ में बताया की वह मोबाइल से राजस्थान के अरनोद थाना क्षेत्र के गांव देवल्दी निवासी अरबाज खान से मोबाईल पर बात कर मंगवाई थी। जो की एक अन्य आरोपी बालुराम मीणा नि. सिंगपुरा माताजी थाना अऱनोद जिला प्रतापगढ ने उसे डिलीवर की। पुलिस अब फरार आरोपी अरबाज खान व बालूराम मीणा को खोजने में जुटी है।

राजस्थान का “अरनोद” है नशे का हब
एमडी ड्रग्स, कोकीन, ब्राऊन शुगर जैसे घातक नशे की खेप मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य राजस्थान से एंट्री कर रही है। जिस पर अंकुश लगाने में पुलिस अब तक कोई ठोस अंजाम तक नहीं पहुंची है। राजस्थान से नशा एंट्री करते हुए मध्यप्रदेश के बड़े शहरों समेत गुजरात में पहुंचता है। वहीं नशे के सरगनाओं तक पहुंचने की बात की जाए तो रतलाम पुलिस के हाथ अब तक खाली है।
रतलाम पुलिस ने नशे के कारोबार पर जो कार्रवाई अब तक कि है, उनमें से अधिकांश का तार सीधे राजस्थान से जुड़ा मिला है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या रतलाम पुलिस प्रतापगढ़ से रतलाम में एंट्री कर रहे नशे के कारोबार के ठिकानों और सरगनाओं तक पहुंचेगी या इसी तरह केवल तस्करी पर कार्रवाई करते हुए अपनी पीठ थपथपाती रहेगी?

सब जानकर भी है अनजान?
कई मामलो में देखा गया है की तस्कर और नशाखोरी के आदि लोग जावरा के पिपलोदा से सीधे राजस्थान में एंट्री करते है। यहां से राजस्थान में पनप रही नशा कारोबार की दुनिया शुरू होती है। प्रतापगढ़ के गांव कोटड़ी, नौगावा, देवल्दी, कोटडी, धमोमर के आस पास के कई इलाके में जहरीले नशे का कारोबार वर्षो से चला रहा है। जो मध्यप्रदेश की युवा पीढ़ी को खोखला कर रहा है। गरीब तबके के लोगों को इस अवैध नशे के कारोबार में शामिल किया जाता है। गरीब युवाओं को नशीले पदार्थ को डिलीवर करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। नशा कारोबारियों की गुंडई के कारण लोकल आदमी शिकायत से डरता है। सूत्रों की माने तो बड़े पैमाने पर चल रहे इस कारोबार को राजनीतिक शह के साथ ही विभागीय साठगांठ जान फूंके हुए है। कहा जाता है की इनका खुफिया तंत्र और ऊपर तक परोसा गया पैसा पुलिस तंत्र से ज्यादा सक्रिय है। नारकोटिक्स विभाग की अनदेखी या चुप्पी भी कई सवालों को खड़ा करती है।

मामला फिरौती का : भाजयुमो नेता व कांट्रेक्टर शुभम के समर्थन में आया गुर्जर समाज, 24 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष एवं विंड एनर्जी (पवन चक्की) कांट्रेक्टर शुभम गुर्जर को अवैध वसूली के लिए धमकाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में थाना बिलपांक में 21 जनवरी को एफआईआर दर्ज की गई। जिसके बाद आरोपी पक्ष के कुछ लोगों ने एसपी राहुल कुमार लोढा से मिलकर मामले को झूठा बताकर जांच की मांग की थी। जिसके बाद अब शुभम के समर्थन में गुर्जर समाज उतर आया है। शनिवार दोपहर 1 बजे बड़ी संख्या में समाजजन एसपी ऑफिस पहुंचे। इस दौरान आक्रोशित गुर्जर समाज के लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की। समाजजनों ने आरोपियों की 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी की मांग करते हुए थाना बिलपांक पुलिस पर कार्रवाई ना करने का आरोप लगाया। समाज के लोगों ने एसपी के नाम ज्ञापन एएसपी राकेश खाखा को सौंपा। एएसपी खाखा ने समाजजनों को जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आश्वस्त किया।

Watch वीडियो : गुर्जर समाज ज्ञापन

एडवोकेट देवेंद्र सिराधना ने बताया की उक्त मामले में 6 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी रवि गेहलोत, कुशल गेहलोत और लोकेश गेहलोत की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आरोपियों का पूर्व में आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज है। अब तक गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रही है। साथ ही इससे शुभम गुर्जर की जान को खतरा भी है। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित ना हो इसलिए ज्ञापन के माध्यम से एसपी महोदय को अवगत करवाया गया है। कुछ भी अनहोनी अगर घटित होती है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। आरोपियों की गिरफ्तारी ना होना यह दर्शाता है की उनमें पुलिस कार्रवाई का कोई भय नहीं है।

यह था पूरा मामला
21 जनवरी को जमुनिया (रतलाम) निवासी भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष व पवनच क्कियां लगाने वाली रेन्यू कंपनी के ठेकेदार शुभम गुर्जर ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसमें बताया कि बड़नगर का रवि गेहलोत, कुशल गेहलोत और लोकेश गेहलोत अवैध रूप से हर माह 10 लाख रुपए देने की मांग कर रहे हैं। नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। 18 जनवरी को लोकेश ने कॉल किया और जान से मारने की धमकी दी। कुशल ने भी इसी तरह जान से मारने की धमकी दी। वहीं इसी दिन ये तीनों गाड़ी भरकर साथियों को लेकर मुझे मारने के लिए जमुनिया जीरोपॉइंट पर आए लेकिन मेरे साथियों ने बीच-बचाव किया। भविष्य में कोई बड़ा विवाद नहीं हो इसलिए इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई।

गुंडा चेकिंग अभियान : लिस्टेड गुंडे – बदमाश रात में घर पर है या नहीं, जांचने निकली चारो थानों की पुलिस

बीती रात हुए घटनाक्रम के बाद से पुलिस सतर्क, अब रात में जमावड़ा करना व घूमना पड़ेगा भारी

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। बीती रात शहर में एक के बाद एक तीन घटनाक्रम होने के बाद पुलिस विशेष सतर्कता बरते हुए है। पहला मामला थाना दीनदयाल नगर क्षेत्र के गोशाला रोड पर नमकीन की दुकान लगाने वाले विपिन वाघेला के साथ मारपीट का हुआ जिसमें आरोपी भोला उर्फ जीवन ने अवैध रुपयों की मांग की व दुकानदार की बुढ़ी मां व नोकर को भी पीटा। दूसरा मामला माणक चौक थाना अंतर्गत मालिकुआ व अशोक नगर में हुआ। जहां गंदगी फेंकने को लेकर दो युवकों की झड़प ने सामुदायिक रूप ले लिया। हालांकि बाद में पुलिस ने मामला शांत कर दोनों और से कायमी की। तीसरा एक मामला थाना स्टेशन रोड क्षेत्र का है जहां महू रोड स्थित पेट्रोल पंप पर एक रिटायर्ड पुलिसकर्मी के साथ ही बदमाशों ने मारपीट कर दी। लगातार हुई इन तीनों वारदातों के बाद शहर में पुलिस ने विशेष गुंडा चेकिंग अभियान कि शुरुआत कर दी।

देखे वीडियो : गुंडातत्वो के घरों पर दस्तक देती पुलिस

शनिवार देर रात सीएसपी अभिनव बारंगे स्टेशन रोड थाना क्षेत्र में गुंडा लिस्ट थामे नजर आए। इसके अलावा चारों थानों के टीआई भी अपने – अपने थाना क्षेत्र में लिस्टेड गुंडों के घर पहुंचे। पुलिस ने आपराधिक प्रवत्ति में लिप्त बदमाशों के घर पहुंचकर उनको समझाईश दी। कई बदमाश अपने घर नहीं मिले तो उनके परिजनों को हिदायत दी गई। इसके अलावा नए साल को देखते हुए भी पुलिस की हुड़दंगियों पर अभी से निगाहें है। रात में कई संदिग्धों व वाहनों को रोक कर पुलिस ने तलाशी भी ली।

चेकिंग करते IA थाना प्रभारी राजेंद्र वर्मा

शहर सीएसपी अभिनव बारंगे ने बताया की अधिकांश घटनाएं रात के समय में हो रही है। जिसमें क्षेत्र के पुराने गुंडे ही शामिल होते है। एसपी राहुल कुमार लोढा द्वारा सभी थानों पर गुंडा चेकिंग अभियान के लिए निर्देशित किया गया है। इसी तरह का रात्रि चेकिंग अभियान लगातार जारी रहेगा। जिससे आमजन में सुरक्षा का माहौल बना रहे व अपराधियों में भी पुलिस का ख़ौफ रहे।

समझाईश देती माणकचौक टीआई प्रीति कटारे व हाट की चौकी प्रभारी अनुराग यादव

जनता का ISSUE : इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योगों की मनमानी, सड़कों पर खड़े रहते दर्जनों ट्रक बन रहे राहगीरों की बाधा

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। नगर में संचालित हो रहे उद्योगों की मनमानी इस कदर हावी है की उनके आगे नियम कायदे बोने नजर आ रहे है। ऐसा ही मंजर आजकल इंडस्ट्रियल एरिया में देखने को मिल रहा है। जहां बेधड़क नियम विपरीत सड़कों पर उद्योगों का माल उतारा और चढ़ाया जा रहा है। यहां बड़े – बड़े ट्रक नियम विपरीत सड़कों को घेरे खड़े रहते है। जबकी नियमानुसार उद्योगों को अपने परिसर में इनको खड़ा रखना होता है। इसके अलावा नियमों को ताक पर रखते हुए उद्योगों में आने वाले भारी वाहन ट्रक आदि को सड़कों पर लाइन से खड़ा कर दिया जाता है, जो की कई दिनों तक वहीं खड़े रहते है। धनबल व राजनीतिक रसूख के चलते पुलिस भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं करती। कई उद्योगों ने तो अपने लाभ के लिए सरकारी रास्तों को फेंसिंग या चद्दर डाल कर बंद कर रखा है।

इस तरह उद्योगों के बाहर बेतरतीब खड़े ट्रक

आमतौर पर रेलवे माल गोदाम, रतलाम वायर्स, कटारिया प्लास्टिक, डीपी वायर्स जैसे उद्योगों के बाहर अक्सर जाम देखा जा सकता है। नागरिक जब इन रास्तों से गुजरते है तो ट्रक घण्टों तक साइड नहीं देते जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे मामले में उद्योग महाप्रबंधक मुकेश शर्मा से पब्लिक वार्ता ने सवाल किया तो उनका कहना था की उद्योगों व उनके मालिक को भारी वाहनों व अन्य की पार्किंग व्यवस्था खुद को करना होती है। राहगीर या आमजन परेशान होते है तो यह गलत है, ट्रैफिक नियमों के अनुसार पुलिस कार्रवाई की जा सकती है। औद्योगिक थाना पुलिस के अनुसार उद्योगों को समझाईश दी जाएगी। अगर फिर भी कोई सुधार नहीं होता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

चेतन्य की बढ़ी चमक : इन बड़ी बातों से काश्यप को मिला केबिनेट, सर्वे में टॉप 10 रहे विधायक की पॉलिटिकल कहानी

रतलाम को चहुंमुखी विकास के उच्चतम शिखर पर पहुंचाना – मंत्री काश्यप

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। शहर विधायक चेतन्य काश्यप को कैबिनेट में जगह मिलते ही शहर में जश्न का माहौल था। काश्यप के शपथ ग्रहण करते ही आतिशबाजी कर पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकतार्ओं ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई। मंत्री मंडल में शामिल होने की सूचना के बाद भाजपा जिला संगठन के पदाधिकारी भी भोपाल पहुंचे। गौरतलब है की मध्यप्रदेश के मंत्री मंडल में रतलाम शहर विधानसभा क्षेत्र को डेढ़ दशक बाद प्रतिनिधित्व मिला है। इससे पहले हिम्मत कोठारी यहां से विभिन्न पदों पर मंत्री रहे है। काश्यप को अब विभाग मिलने का इंतजार है, सूत्रों की माने तो उन्हें उद्योग, नगरीय प्रशासन या फिर वित्त की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

नवनियुक्त मंत्री चेतन्य काश्यप ने कहा की इस सम्मान के साथ रतलाम को चहुंमुखी विकास के उच्चतम शिखर पर पहुंचाने और देश के प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनाने का महती दायित्व भी आया है। जिसे पूरी लगन और मेहनत से हमें एक टीम के रूप में काम करके निभाना है । प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री डॉ यादव की आकांक्षाओं और अपेक्षा को पूरा करना हमारा दायित्व है। हम सब एक टोली के रूप में इन दायित्वों का निर्वहन करेंगे और सफल होंगे।

जश्न मनाते रतलामी कार्यकर्ता

मंत्री पद की दौड़ में क्यों रहे आगे?
मंत्री पद की दौड़ में आगे रहने का प्रमुख कारण काश्यप की बेदाग छवि और मजबूत राजनीतिक पकड़ रही। काश्यप की पार्टी के शीर्ष नेताओं से अच्छी बॉन्डिंग होने के साथ ही संघ व उसके अनुसांगिक संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों से भी गहरे संबंध है। दो कार्यकाल में मंत्री बनने की इच्छा हर बार रही लेकिन पार्टी के निर्णय को स्वीकार किया कभी विरोध में नहीं दिखे। प्रदेश के भी सभी नेताओं से घनिष्ठता रही कभी किसी गुट के नहीं कहलाए। काश्यप ने अपने वेतन का त्याग लगातार तीसरे कार्यकाल में भी किया। हालांकि यह निर्णय दूसरे विधायक और सांसदों के लिए असहज जरूर रहा है। विधानसभा क्षेत्र में अत्यंत लोकप्रिय माने जाते है। दो साल के कार्यकाल में जनता से जुड़ा कोई नेगेटिव फेक्टर हाईकमान तक नहीं पहुंचा। पार्टी सर्वे में भी टॉप 10 विधायक बने रहे। अब तक हमेशा से विकास के विषय पर ही राजनीति करते आए। विवादास्पद व सांप्रदायिक मामलों में नहीं बोले ना बोलना पसंद करते है। अपनी टीम को मैनेजमेंट से चलाने में महारत हासिल है हर छोटे मुद्दे और कार्य पर खुद मोनिटरिंग करते है। राजनीति के अलावा समाजसेवा की एक बड़ी भूमिका रही। प्रत्येक वर्ग व जरूरतमंद व्यक्ति को फाउंडेशन से सहायता दिलाने में आगे रहते है। लगातार तीन बार विधायक रहे और तीनों ही बार लीड बढ़ी ना कि घटी।

राजभवन में काश्यप

मंत्री बने काश्यप का अब तक का सफर
रतलाम शहर विधायक चेतन्य काश्यप शुरू से औद्योगिक व सामाजिक जीवन में रहे। वर्ष 2004 से समाजसेवा से राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया। रतलाम विधानसभा में बीते तीन चुनाव में सर्वाधिक मत से जीते। पहले चुनाव में 40, 000 से, दूसरे चुनाव में 43,000 से और तीसरे चुनाव में 60,000 की लीड लेकर जीत दर्ज की। जन सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य व खेल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा। वर्ष 2014 में झाबुआ आदिवासी संसदीय उम्मदीवार के चुनाव संयोजक रहे और आजादी के बाद पहली बार यह सीट भाजपा के खाते में आई। भाजपा के स्वयं सेवी संगठन, प्रकोष्ठ, एनजीओ सेल के राष्ट्रीय संयोजक एवं राष्ट्रीय कार्यसमिति के 6 वर्ष तक सदस्य रहे और म.प्र. में भाजपा के कोषाध्यक्ष भी रहे। वर्ष 2006 में मप्र लोकसभा व विधानसभा परिसिमन के संयोजक रहे। मप्र राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे। अयोध्या में बन रहे श्री राम मंदिर के लिए 1 करोड़ रूपए की निधि अपने परिवार की ओर से प्रदान की। क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष है एवं रतलाम, मंदसौर, नीमच जिलों में 16 स्थान पर खेल चेतना मेला का बड़ा आयोजन 20 वर्षों से कर रहे है। इन्होंने गरीबी से मुक्ति, विकास की युक्ति के रूप में 100 गरीब परिवार को निःशुल्क आवास देकर अहिंसा ग्राम की स्थापना की थी, इस मॉडल से ये प्रदेश में काफी चर्चा में भी आए थे। हाल ही में इनके द्वारा कुपोषण अभियान के तहत पोष्टिक आहार आंगनवाड़ी के माध्यम से पहुंच रहा है। आंकड़ों के अनुसार 1400 बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराया है। विधायकी रहते जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना करवाई। कोराना काल में झाबुआ, मंदसौर, नीमच एवं अन्य क्षेत्रों के हजारों लोगों के लिए यह लाभदायक बना। मालवा क्षेत्र में जैन समाज के प्रमुख व्यक्तित्व है। वर्ल्ड जैन कन्फेडरेशन के चेयरमेन है और जीतो के संस्थापक है। 2004 में बार्सिलोना में विश्व धर्म संसद मे जैन प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व किया। उसमें ‘अपरिग्रह’ दर्शन पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। इंडिया फस्ट फाउंडेशन के ट्रस्टी है, जिसका दिल्ली में शोध संस्थान है।

कौन बनेगा मंत्री : मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को सौंपी लिस्ट, दोपहर तक 28 मंत्री ले सकते है शपथ

रतलाम शहर विधायक काश्यप के पास भी पहुंचा फोन, संघ, भाजपा और बढ़ती लीड देगी साथ?

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। मध्यप्रदेश में मंत्री मंडल को लेकर चल रही सुगबुगाहट अब तेज हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल के मंत्रियों का शपथ ग्रहण आज होगा। सोमवार दोपहर 3:30 बजे मंत्रियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा। राज्यपाल मंगूभाई पटेल सभी नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसी के साथ ही विधायकों के फोन घनघनाने लगे हैं। मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी विधायकों को राजभवन पहुंचने के आदेश दिए गए हैं। सुबह सीएम मोहन यादव ने राज्यपाल को प्रस्तावित सूची सौंपी।

मोहन मंत्रिमंडल में बेदाग छवि, जातीय, क्षेत्रीय, महिला पर फोकस रहेगा। करीब 28 विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। शपथ से पहले सभाकक्ष में 28 कुर्सियां लगाई गई है। रविवार को केंद्रीय नेताओं से मुलाकात के बाद नामों पर अंतिम मुहर लगी थी। शपथ ग्रहण से पहले डॉक्टर मोहन यादव राज्यपाल से मिलने पहुंचे। सुबह 9:30 बजे राज भवन में सीएम और राज्यपाल की मुलाकात हुई। राज्यपाल को मंत्रियों के नाम की सूची सौंपने के बाद डॉक्टर मोहन यादव इंदौर निकल जाएंगे।

बेदाग छवि और संघ में सीधा संपर्क
रतलाम शहर विधायक चेतन्य काश्यप का नाम भी लगभग तय है। सूत्रों के अनुसार उनके पास भी भोपाल से फोन पहुंच चुका है। हालांकि काश्यप पिछले तीन दिनों से रतलाम से बाहर है, माना जा रहा है की वे भोपाल – दिल्ली की दौड़ में लगे थे। काश्यप को प्रदेश में उद्योग नीति या नगरीय प्रशासन विभाग दिया जा सकता है। राजनेता होने के साथ साथ काश्यप को एक सफल उद्यमी के रूप में देखा जाता है। काश्यप तीसरी बार लगातार रतलाम शहर से विधायक है। अब तक के कार्यकाल में उनकी छवि बेदाग रही है। हर बार उनकी जीत का अंतर भी बढ़ा है। भाजपा के बड़े नेताओं से सीधे संपर्क में है। इसके अलावा संघ के अखिल भारतीय पदाधिकारियों से भी संबंध है। यही कारण है कि उनका केबिनेट में नाम फाइनल माना जा रहा है।

इनके नाम लगभग शामिल
विधायक कैलाश विजयवर्गी, प्रहलाद पटेल,राकेश सिंह, तुलसी सिलावट, एदल सिंह कंसाना, अर्चना चटनिस, चेतन कश्यप, हेमंत खंडेलवाल, राकेश शुक्ला मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के प्रद्युमन सिंह तोमर, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी शपथ ले सकते हैं। इसके अलावा चेतन कश्यप, बृजेंद्र प्रताप सिंह, कुंवर सिंह टेकाम,गोविंद सिंह राजपूत, प्रदीप लारिया,राकेश शुक्ला, घनश्याम चंद्रवंशी मंत्री बनाये जा सकते हैं। बुरहानपुर से महिला विधायक और मुरैना जिले से एक विधायक भोपाल के लिए रवाना हुए हैं।

वाह विधायक जी! : एमपी के इस विधायक की चारो और चर्चा, कारण सरकारी वेतन – भत्ते और पेंशन को मना कर देना

सिफारिशों से भी दूर रहते है चेतन्य काश्यप, टोल टैक्स और पुलिस चालान तक भरता है यह विधायक!

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। मध्यप्रदेश के भाजपा विधायक ने सदन में एक अनोखी मिसाल पेश की। चेतन्य काश्यप ने विधायक के तौर पर मिलने वाले वेतन, भत्ते और पेंशन नहीं लेने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि वह अपने खर्चा उठने में सक्षम है इसलिए यह राशि विधानसभा कोष में जमा कर दी जाए। काश्यप तीसरी बार रतलाम शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए हैं और उन्होंने एक बार फिर से विधायक के रूप में सरकार से कोई वेतन, भत्ते और पेंशन नहीं लेने का ऐलान किया है। आपको बता दे इससे पहले के उनके दो कार्यकाल में भी उन्होंने किसी प्रकार का कोई सरकारी लाभ नहीं लिया था।

देखे वीडियो : विधानसभा में अपनी बात रखते काश्यप

बता दें कि प्रत्येक विधायक को प्रति माह लगभग 70 हजार के वेतन भत्ते मिलते हैं। इसके अलावा रेलवे कूपन और हवाई यात्राएं एवं आजीवन पेंशन व चिकित्सा भत्ता जैसी अन्य सुविधाएं मिलती हैं। ऐसे में कश्यप ने सभी सुविधा का त्याग करते हुए कहा कि यह राशि प्रदेश के विकास पर व्यय हो।

राष्ट्र सेवा और जनहित मेरा ध्येय – विधायक काश्यप
विधानसभा में भी उन्होंने पहले ही वक्तव्य में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपना यह निर्णय रख दिया। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जब ईश्वर की कृपा से वे जनहित के कार्य करने में सक्षम हैं, तो उन्हें विधायक के रूप में मिलने वाले वेतन-भत्ते और पेंशन का उपयोग शासन द्वारा जनहित में सीधे किया जाए।
कश्यप ने सदन में कहा कि राष्ट्र सेवा और जनहित मेरा ध्येय है। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए मैं राजनीति में आया हूं। किशोरावस्था से ही समाज सेवा के कार्यों में अग्रसर हूं तथा कई सेवा संस्थानों में प्रकल्पों का संचालन कर रहा हूं। ईश्वर ने इस योग्य बनाया है कि जनसेवा में थोड़ा सा योगदान कर सकूं। इसी तारतम्य में विधायक के रूप में मिलने वाले वेतन-भत्ते एवं पेंशन नहीं लेने का निश्चय किया है। पिछली दो विधानसभा में भी भत्ते नहीं लिए थे। मैं चाहता हूं कि मुझे प्राप्त होने वाले भत्ते एवं पेंशन का राजकीय कोष से आहरण न हो ताकि उस राशि का सदुपयोग प्रदेश के विकास एवं जनहित के कार्य हो सकें।

सिफारिशों से दूरी रखते है काश्यप
आमतौर पर एक राजनेता अपने लिए व कार्यकर्ताओं के लिए सहज ही सिफारिशें करते नजर आते है। मगर रतलाम के विधायक चेतन्य काश्यप का तौर तरीका बाकियों से अलग है। पुलिस थानों पर उनके नाम से की गई सिफारिशों को वो सिरे से इंकार कर देते है। उनके करीबी के अनुसार नियम व कायदे के पक्के विधायक काश्यप किसी कार्यकर्ता की गाड़ी का चालान अगर कट जाए तो वे नाराज कार्यकर्ता को बुलाकर खुद से चालान भरने की बात कहते हुए कार्यकर्ताओं को नियम पालन की नसीहत देकर मना लेते है। यही कारण है की पुलिस के सामने कोई भाजपाई विधायक जी का रोब नहीं दिखा पाता है। यहां तक की उनके नाम से टोल से गाड़ियां तक नहीं छोड़ी जाती है, जिसका कारण है कि वे खुद टोल टैक्स चुकाते है। विधायक काश्यप अपने फाउंडेशन के माध्यम से अनेक सेवा कार्यों को करते आ रहे है। जिससे गरीबों व कई समाज में वंचित लोगों को सहारा व प्रोत्साहन मिला है।

MP में धार्मिक स्थलों के नीचे बिक रहा मांस!,CM Dr. Mohan Yadav के आदेश से बेरोजगारी? – PUBLIC VARTA

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पब्लिक वार्ता/जयदीप गुर्जर : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने खुले में मांस-मछली के विक्रय तथा धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे में मांस विक्रय पर प्रतिबंध के आदेश दिए है। रतलाम में करीब 200 परिवार इससे जुड़े है जिन पर सीधा असर पड़ेगा। गौर करने वाली बात है की नगर निगम पिछले 15 – 20 सालों से लाईसेंस नहीं बना रहा है। वहीं नगर में केवल 34 मांस विक्रेता ही लाइसेंसधारी है।

ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर क्यों लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया रोकी हुई है। इसको लेकर अधिकारियों के पास भी कोई आदेश या जवाब नहीं है। जो 34 लाइसेंस है उनका ही केवल नवीनीकरण किया जा रहा है।

खुले में मांस बेच रहे विक्रेताओं का कहना है कि निगम लाईसेंस नहीं बनाता। हमे हटाने की बजाय कोई एक स्थान सरकार को देना चाहिये। हमारे परिवार का पालन पोषण इसी काम से होता है।
शहर में 100 मीटर के दायरे में मांस विक्रय पर रोक लगानी है। ऐसे में कई मांस की दुकानें धार्मिक स्थलों द्वारा किराए पर दी गई है। जहां मांसाहार की होटले संचालित है। ऐसे में इनको हटाना भी प्रशासन के।लिए बड़ी चुनौती का काम होगा।

डीन की पिटाई! : मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स व डीन के बीच विवाद, डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता पर लगाए शराबखोरी जैसे गंभीर आरोप

कॉलेज के डॉक्टरो ने किया आज से काम बंद का एलान!
क्या है पूरा मामला ?, देखे वीडियो…

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। रतलाम का शासकीय डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडे मेडिकल कॉलेज (GMC) एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां डॉक्टर्स और कॉलेज के डीन के बीच विवाद का मामला सामने आया है। जिन डॉक्टर्स पर मारपीट का आरोप लगा है वो जीएमसी में प्रोफेसर है जो स्टूडेंट्स को पढ़ाते भी है। आपको बता दे कि जीएमसी डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता का विवादों से पुराना नाता रहा है। चाहे वो रतलाम हो या पहले के उनके कार्यकाल वाले अन्य जिले। मंगलवार रात एक ऐसा ही मामला सामने आया। डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता अपनी पत्नी डॉ. रेखा गुप्ता के साथ औद्योगिक क्षेत्र थाने पहुंचे। जहां डीन ने आरोप लगाया है की डॉक्टर्स ने उनके घर में घुसकर मारपीट की।

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वहीं दूसरी और डॉक्टरों ने भी थाने पहुंचकर डीन के खिलाफ आवेदन दिया है। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने डीन पर शराब के नशे में रहने के गंभीर आरोप लगाए है। साथ ही आवेदन में बातचीत के दौरान गाली-गलौच व जाति सूचक शब्दों की बात भी कही। हालांकि पुलिस ने मामले में डीन डॉ. गुप्ता की और से एफआईआर दर्ज की है। जिसमें डॉ प्रवीणसिंह बघेल, डॉ शैलेंद्र डावर व डॉ शैलेंद्र चौहान के खिलाफ आईपीसी की धारा 452, 294, 323, 506 व 34 में अपराध दर्ज किया है। वहीं डॉक्टरो की और से पुलिस ने शिकायती आवेदन लिया है। घटना से गुस्साए डॉक्टरों ने बुधवार से हड़ताल की सूचना जारी कर काम बंद करने का एलान कर दिया है। डॉक्टरों ने डीन जितेंद्र गुप्ता को हटाने की मांग शासन के सामने रख दी है। जिससे अब मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

दोनों पक्षों की कहानी, कौन सही कौन गलत?
मामले में एक पक्ष मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का है जो वहां प्रोफेसर भी है और इलाज भी करते है। एसोसिएशन के डॉ. प्रवीण बघेल ने बताया की हमारे साथी एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राहुल मैडा की पत्नी की डिलवरी हुई। उनकी पत्नी के इलाज में लापरवाही व अव्यवस्था बरती जा रही थी। जिसको लेकर वे डीन गुप्ता के पास पहुंचे। जहां डीन ने शराब के नशे में गाली दी और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग किया। इस दौरान उन्होंने महिला डॉ. रंजीता अस्के के साथ भी अभद्रता की। अव्यवस्था व डीन के भेदभावपूर्ण रवैय्ये के कारण राहुल मैडा को उनके 8 घंटे के नवजात शिशु व पत्नी को लेकर निजी अस्पताल जाना पड़ा। एसोसिएशन के लोगों ने यह भी आरोप लगाया की प्राइवेट रूम में शिफ्ट करने के बाद डॉ. राहुल मैडा की पत्नी का इलाज ना करने को लेकर डीन गुप्ता ने नर्सिंग स्टाफ पर दबाव बनाया और अब झूठी एफआईआर करवा रहे है।

थाने में शिकायत करते एसोसिएशन सदस्य

दूसरी और डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता का कहना है की डॉ. राहुल मैडा की पत्नी की डिलवरी हुई थी। विभाग प्रमुख डॉ. सचिन डावर ने खुद की मर्ज़ी से ऐसे वार्ड में शिफ्ट किया जो 1 साल से कोविड के बाद बंद है। जब इसकी जानकारी मिली तो उन्हें गायनिक वार्ड में शिफ्ट होने को कहा गया क्योंकि वो स्थान असुरक्षित है। इतनी ही बात थी जिसके बाद में घर आ गया। में घर पर था तभी बेल बजने पर दरवाजा खोला तो डॉ. प्रवीण बघेल व अन्य लोग आए और मुझे गाली देते हुए मारपीट करने लगे। बीच बचाव करने आई पत्नी के साथ भी उन्होंने अभद्रता की। यह लोग शुरू से मेरे पीछे पड़े है। शराब के नशें में रहने के आरोप गलत है।

थाने में एफआईआर करवाते डीन व उनकी पत्नी