Train Time Table: दिवाली से पहले कई ट्रेनों का मार्ग बदला, पश्चिम और उत्तर मध्य रेलवे में यार्ड रिमॉडलिंग कार्य नूं,

भोपाल – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Train Time Table: पश्चिम और उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न मंडलों में यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के चलते कई महत्वपूर्ण ट्रेनें प्रभावित हो रही हैं। रेलवे प्रशासन द्वारा जारी सूचना के अनुसार, जबलपुर मंडल के कटनी-सिंगरौली खंड में गोंदवाली स्टेशन के यार्ड रिमॉडलिंग कार्य और प्रयागराज मंडल के प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर ब्लॉक के कारण कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया है। इन ट्रेनों में कई प्रमुख गाड़ियां शामिल हैं, जो अलग-अलग तारीखों पर अपने निर्धारित मार्ग से हटकर नए मार्गों से संचालित होंगी।

पश्चिम मध्य रेलवे में प्रभावित ट्रेनें
पश्चिम मध्य रेलवे के रतलाम मंडल से गुजरने वाली निम्नलिखित ट्रेनें परिवर्तित मार्ग से चलेंगी:

1. गाड़ी संख्या 19608 मदार जंक्शन-कोलकाता एक्सप्रेस 21 एवं 28 अक्टूबर को कटनी मुडवारा-सतना-प्रयागराज छिवकी- पं. दीनदयाल उपाध्याय जं. होते हुए चलेगी। 
2. गाड़ी संख्या 19607 कोलकाता-मदार एक्सप्रेस 17 एवं 24 अक्टूबर को गढ़वा रोड-सोननगर-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-प्रयागराज छिवकी होते हुए चलेगी। 
3. गाड़ी संख्या 18009 संतरागाछी-अजमेर एक्सप्रेस 18 एवं 25 अक्टूबर को गढ़वा रोड-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-प्रयागराज छिवकी मार्ग से जाएगी। 
4. गाड़ी संख्या 18010 अजमेर-संतरागाछी एक्सप्रेस 20 एवं 27 अक्टूबर को कटनी मुड़वारा-सतना-प्रयागराज छिवकी मार्ग से चलेगी। 
5. गाड़ी संख्या 19413 अहमदाबाद-कोलकाता एक्सप्रेस 23 अक्टूबर को कटनी मुड़वारा-सतना-प्रयागराज छिवकी मार्ग से चलेगी। 
6. गाड़ी संख्या 19414 कोलकाता-अहमदाबाद एक्सप्रेस 19 एवं 26 अक्टूबर को गढ़वा रोड-पं. दीनदयाल उपाध्याय जं.-प्रयागराज छिवकी मार्ग से जाएगी।

उत्तर मध्य रेलवे में प्रभावित ट्रेनें 
उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल में भी ब्लॉक के कारण कुछ ट्रेनें प्रभावित हुई हैं:

1. गाड़ी संख्या 09067 उधना-बरौनी स्पेशल 17 अक्टूबर को इटावा-कानपुर सेंट्रल-लखनऊ-जंघई-वाराणसी मार्ग से चलेगी। 
2. गाड़ी संख्या 09068 बरौनी-उधना स्पेशल 18 अक्टूबर को वाराणसी-जंघई-लखनऊ-कानपुर सेंट्रल-इटावा मार्ग से संचालित होगी।

विशेष जानकारी:
उक्त ट्रेनें अपने परिवर्तित मार्गों से गुजरते समय कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ठहराव लेंगी। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे इन परिवर्तनों का ध्यान रखें और यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति की जानकारी प्राप्त करें।

मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री: खेतों की डिजिटल रजिस्ट्री से किसानों को मिलेगा योजनाओं का लाभ, जानिए पूरी प्रक्रिया

भोपाल- पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री: मध्य प्रदेश में किसानों के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों को सरकारी योजनाओं का सीधा और पारदर्शी लाभ पहुंचाना है। इस अभियान के अंतर्गत किसान रजिस्ट्री बनाई जा रही है, जिसमें प्रत्येक किसान को एक विशिष्ट किसान आईडी दी जाएगी। यह आईडी आधार कार्ड की तरह काम करेगी, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ डिजिटल माध्यम से मिल सकेगा।

रजिस्ट्री की प्रक्रिया
इस डिजिटल पहल में किसान रजिस्ट्री पोर्टल और मोबाइल ऐप की मदद ली जा रही है। किसानों को इस योजना का लाभ देने के लिए किसान रजिस्ट्री एमपी ऐप और स्थानीय युवाओं के लिए किसान सहायक एमपी ऐप बनाया गया है। इन ऐप्स के माध्यम से किसानों की ई-केवाईसी की जाएगी और उनकी भूमि की जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।

डिजिटल सर्वेक्षण में स्थानीय युवाओं की भागीदारी
राज्य के युवा इस पहल का महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं। डिजिटल फसल सर्वेक्षण के लिए स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो किसानों के खेतों की नाप-जोख करके डेटा इकट्ठा करेंगे। इसके लिए इन युवाओं को बैंक खातों में राशि का भुगतान भी किया जाएगा।

किसान रजिस्ट्री के लाभ
किसान रजिस्ट्री के जरिए किसानों को कई तरह के लाभ मिलेंगे:
– सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ: रजिस्ट्री के बाद किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ सीधे अपने खाते में प्राप्त कर सकेंगे।
– आसान ऋण प्रक्रिया: किसान रजिस्ट्री होने से किसानों को कृषि ऋण लेने में सहूलियत होगी।
– बाजार की जानकारी: किसान अपने उत्पादों के लिए बाजार की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।
– बेहतर मूल्य: कृषि उत्पादों का सही मूल्य मिल सकेगा।

ई-केवाईसी प्रक्रिया
इस डिजिटल प्रक्रिया में किसानों को ई-केवाईसी करनी होगी, जिसमें उनका आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और खसरा खतौनी की जानकारी दर्ज की जाएगी। किसानों की सहमति डिजिटल तरीके से ली जाएगी और उनके सभी खातों को एक साथ जोड़ा जाएगा।

आवश्यक दस्तावेज
किसान रजिस्ट्री के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
– आधार कार्ड
– मोबाइल नंबर
– खसरा खतौनी
– समग्र आईडी

कॉमन सर्विस सेंटर से मदद
किसान रजिस्ट्री के लिए किसान कॉमन सर्विस सेंटर का भी सहारा ले सकते हैं। यहां किसान भू-स्वामी द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान करके रजिस्ट्री करवा सकते हैं।

समाप्ति की तारीख
यह अभियान 30 नवंबर तक पूरा किया जाएगा, ताकि दिसंबर से सभी योजनाओं का लाभ किसान आईडी के माध्यम से मिल सके। यह प्रक्रिया किसानों की मदद और उनकी उपज की बेहतर कीमत सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।

मध्य प्रदेश किसान रजिस्ट्री की इस प्रक्रिया से किसानों के लिए कृषि कार्य और आसान हो जाएगा, और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ प्राप्त करने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होगी।

UP NEWS: मऊ जिला अस्पताल में सांसद और डॉक्टर के बीच तू-तू मैं-मैं, सासंद से कहा- नेतागिरी बाहर करो!, वीडियो वायरल

उत्तर प्रदेश – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। UP NEWS: मऊ जिला अस्पताल में बुधवार को उस समय हंगामा मच गया जब घोसी लोकसभा के सपा सांसद राजीव राय और अस्पताल में तैनात डॉ. सौरभ त्रिपाठी के बीच तीखी बहस हो गई। घटना तब हुई जब सांसद राजीव राय मरीजों की शिकायतों पर औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा कि डॉक्टर सौरभ त्रिपाठी अपने कक्ष से बाहर जाने की तैयारी में थे, जबकि मरीजों को उपचार की आवश्यकता थी। जब सांसद ने डॉक्टर को रोकने का प्रयास किया, तो डॉक्टर त्रिपाठी ने आक्रामक भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा, “नेतागिरी जाओ बाहर करो।”

इस घटना ने सांसद राजीव राय को नाराज कर दिया और दोनों के बीच जमकर बहस हो गई। यह पूरी घटना  कैमरे में कैद हो गई, और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

डॉक्टर पर पहले भी लगे हैं बदसलूकी के आरोप
डॉ. सौरभ त्रिपाठी पहले भी अपने बदसलूकी के लिए चर्चा में रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने अस्पताल में कवरेज करने आए एक पत्रकार के साथ भी दुर्व्यवहार किया था, जिसमें डॉक्टर ने पत्रकार का मोबाइल तोड़ दिया था और हेलमेट से हमला करने का भी आरोप है। इसके बावजूद, डॉक्टर पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

सांसद की नाराजगी और जांच के आदेश
घटना के बाद सांसद राजीव राय ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की और प्रशासन से इस मामले की जांच की मांग की। अस्पताल के सीएमएस डॉ. धनंजय  ने जानकारी दी कि डॉक्टर सौरभ की रिपोर्ट जिलाधिकारी (डीएम) को भेजी जाएगी, और इस मामले की पूरी जांच की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया कि उच्च स्तरीय जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि मामला अब हाई प्रोफाइल हो चुका है।

When to celebrate Diwali?: देशभर में इस दिन मनेगी 2024 की दिवाली, जयपुर की धर्मसभा में हुआ निर्णय

धर्मसभा में 100 से अधिक विद्वान, ज्योतिषाचार्य और धर्माचार्य उपस्थित हुए, गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दीपावली (Diwali 2024) का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को मनाने का निर्णय

जयपुर – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। कब मनाएं दिवाली?: दीपावली पर्व की तिथि को लेकर देशभर में जारी असमंजस के बीच, 15 अक्टूबर 2024 को जयपुर स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के नवीन सभागार में अखिल भारतीय विद्वत परिषद द्वारा एक महत्वपूर्ण धर्मसभा का आयोजन किया गया। धर्मसभा में 100 से अधिक विद्वान, ज्योतिषाचार्य और धर्माचार्य उपस्थित हुए। प्रमुख ज्योतिषाचार्य प्रो. रामपाल शास्त्री की अध्यक्षता में हुई इस धर्मसभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस वर्ष दीपावली (When to celebrate Diwali?) का महापर्व 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को ही मनाया जाएगा। धर्मसभा के अनुसार, यह तिथि शास्त्रसम्मत है और इसी दिन लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) का सही समय है।

धर्मसभा का निर्णय: 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली
धर्मसभा में विद्वानों ने विभिन्न पंचांगों, ज्योतिषीय गणनाओं और शास्त्रीय प्रमाणों का सूक्ष्म अध्ययन किया। गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर 2024 को ही मनाना शास्त्रों के अनुसार उचित और शुभ है। इस दिन प्रदोषकाल में व्यापिनी कार्तिकी अमावस्या का समय रहेगा, जो लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ मानी जाती है।

धर्मसभा के संयोजक प्रो. मोहनलाल शर्मा ने बताया कि विद्वानों ने पंचांगों की गणनाओं और सूर्य सिद्धांत के आधार पर इस निर्णय को अंतिम रूप दिया। उन्होंने कहा, “31 अक्टूबर की रात को पूरी अमावस्या व्यापिनी रहेगी, और शास्त्रों के अनुसार कर्मकाल में तिथि की प्राप्ति आवश्यक होती है। इस कारण 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जानी चाहिए।”

शास्त्रों का समर्थन: प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन का महत्व
धर्मशास्त्रों के अनुसार, प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन को अत्यधिक शुभ और फलदायी माना जाता है। धर्मसभा में इस बात पर जोर दिया गया कि 31 अक्टूबर को प्रदोषकाल के समय व्यापिनी अमावस्या रहेगी, और उसी समय लक्ष्मी पूजन करना शास्त्रों के अनुसार सबसे उचित होगा। धर्मसभा के अध्यक्ष प्रो. रामपाल शास्त्री ने कहा, “दीपावली का पर्व तब तक सही नहीं माना जा सकता जब तक कि वह प्रदोषकाल में व्यापिनी अमावस्या के समय न हो।”

विरोध के स्वर: 1 नवंबर को भी दिवाली के पक्ष में विद्वानों की राय
हालांकि धर्मसभा में 31 अक्टूबर की तिथि को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया, कुछ विद्वानों ने इसका विरोध भी जताया। जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शास्त्री कोसलेंद्रदास सहित अन्य विद्वानों ने तर्क दिया कि 1 नवंबर को सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद अमावस्या रहेगी, जो लक्ष्मी पूजन के लिए अधिक शुभ मानी जाती है।

शास्त्री कोसलेंद्रदास ने कहा, “शास्त्रों में यह स्पष्ट उल्लेख है कि जब दो दिन अमावस्या का योग हो, तो दूसरे दिन अमावस्या को पर्व मनाना चाहिए। इस वर्ष 1 नवंबर को भी अमावस्या सूर्योदय के बाद तक बनी रहेगी, इसलिए 1 नवंबर को दीपावली का पर्व मनाना शास्त्रसम्मत होगा।”

ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश शर्मा ने भी इसी प्रकार का तर्क देते हुए कहा, “दो दिन अमावस्या होने पर शास्त्रों के अनुसार उत्तर वाली अमावस्या (दूसरे दिन) को लक्ष्मी पूजन करना सही होता है। 1 नवंबर को स्वाति नक्षत्र का भी संयोग रहेगा, जिससे लक्ष्मी पूजन का महत्व और बढ़ जाएगा।”

देशभर में विविधता: अलग-अलग राज्यों में अलग तिथियों पर दीपावली
दीपावली पर्व को लेकर देशभर में अलग-अलग पंचांगों के आधार पर विभिन्न तिथियों का निर्धारण किया गया है। अयोध्या के राममंदिर में 1 नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी, जबकि काशी में सौर पंचांग सिद्धांत के अनुसार 31 अक्टूबर को ही पर्व मनाने का निर्णय लिया गया है।

दिल्ली के कुछ पंचांगकर्ता 1 नवंबर को दीपावली मानने के पक्ष में हैं, वहीं राजस्थान के जयविनोदी पंचांग और सर्वेश्वर जयादित्य पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। जयपुर के प्रसिद्ध गोविंद देव जी मंदिर में भी 31 अक्टूबर को ही लक्ष्मी पूजन होगा।

धर्मसभा का उद्देश्य: एकरूपता और धार्मिक अनुशासन की स्थापना
धर्मसभा के निर्णय का उद्देश्य पूरे देश में दीपावली की तिथि को लेकर चल रहे भ्रम को समाप्त करना और सनातन धर्म के अनुयायियों के बीच धार्मिक अनुशासन और एकरूपता को बढ़ावा देना है। धर्मसभा के विद्वानों ने कहा कि शास्त्रों के आधार पर 31 अक्टूबर को दीपावली मनाना सर्वश्रेष्ठ और शुभ है। धर्मसभा का निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि सनातन धर्म के अनुयायी सही समय पर दीपावली का महापर्व मना सकें।

Maharashtra – Jharkhand Election Date: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 23 नवंबर को नतीजे

न्यू दिल्ली – पब्लिक वार्ता,
न्यूज़ डेस्क| Maharashtra – Jharkhand Election Date: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में एक चरण में 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि झारखंड में चुनाव दो चरणों में होंगे। झारखंड में पहले चरण का मतदान 13 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। दोनों राज्यों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेष सुरक्षा
झारखंड के कई जिले नक्सल प्रभावित हैं, जिसकी वजह से वहां चुनाव सुरक्षा एक अहम मुद्दा है। इसीलिए झारखंड में दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया गया है। 2019 के चुनावों में यहां पांच चरणों में मतदान हुआ था, लेकिन इस बार दो चरणों में इसे संपन्न कराया जाएगा।

उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान
चुनाव आयोग ने कई उपचुनावों की तारीखें भी घोषित की हैं। 13 नवंबर को वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव होगा, जो राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, केरल और उत्तराखंड की विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होगा, जबकि उत्तराखंड की केदारनाथ सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव कराया जाएगा।

महाराष्ट्र और झारखंड में बहुमत का आंकड़ा
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, जहां बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है। वहीं, झारखंड में 81 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 42 है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जबकि झारखंड में 5 जनवरी तक नई सरकार का गठन हो जाना चाहिए।

महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा पोलिंग बूथ
महाराष्ट्र में 1 लाख से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। महिला मतदाताओं के लिए विशेष बूथों की व्यवस्था होगी, साथ ही बूथों पर बुजुर्गों और महिलाओं के लिए बैठने की व्यवस्था भी होगी। झारखंड में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है, जहां 1.6 करोड़ महिला वोटर्स और 1.3 करोड़ से अधिक पुरुष मतदाता हैं।

निष्पक्ष चुनाव पर जोर
चुनाव आयोग ने मनी और मसल पावर पर सख्ती से लगाम लगाने की बात कही है। चुनाव के दौरान नकद, नशे और अवैध हथियारों की आवाजाही रोकने के लिए महाराष्ट्र और झारखंड की सीमाओं पर कड़ी चौकसी रखी जाएगी।

23 नवंबर को आएंगे नतीजे
महाराष्ट्र और झारखंड में मतदान के बाद 23 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे।

Train Ticket Rule: ट्रेन का टिकट खोने या फटने पर क्या करें? ट्रेन छूट गई तो? यहां जानें सभी नियम

पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Train Ticket Rule: भारतीय रेलवे  देश की लाइफलाइन मानी जाती है, और इसके माध्यम से प्रतिदिन लाखों लोग अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं। सफर के दौरान कई बार यात्रियों को टिकट खोने या फटने जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि रेलवे ने इस समस्या के समाधान के लिए कुछ सरल प्रक्रियाएं तय की हैं।

टिकट खोने पर क्या करें:
यदि आपका ट्रेन टिकट खो जाता है, तो सबसे पहले आपको रेलवे के आरक्षण केंद्र पर सूचना देनी चाहिए। इसके बाद आपको एक डुप्लीकेट टिकट जारी किया जाएगा। हालांकि, इसके लिए आपको शुल्क देना होगा:
– स्लीपर और सेकेंड क्लास के लिए: 50 रुपये
– अन्य श्रेणियों के लिए: 100 रुपये

इस डुप्लीकेट टिकट से आप अपनी यात्रा आराम से पूरी कर सकते हैं। ध्यान रहे कि आपको टिकट जारी करते समय मिली पर्ची को संभालकर रखना है।

टिकट फटने पर क्या करें:
यदि आपका टिकट फट जाता है या किसी कारण से खराब हो जाता है, तो आपको केवल यात्रा की कुल राशि का 25% भुगतान कर डुप्लीकेट टिकट प्राप्त हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि टिकट की कीमत 100 रुपये है, तो आपको केवल 25 रुपये देना होगा।

वेटिंग टिकट पर डुप्लीकेट टिकट:
वेटिंग टिकट की स्थिति में डुप्लीकेट टिकट जारी नहीं किया जाता है, क्योंकि आपको वेटिंग टिकट पर सीट नहीं मिलती है। ऐसे में आप कोच में यात्रा कर सकते हैं।

खोया टिकट मिलने पर:
अगर डुप्लीकेट टिकट लेने के बाद आपका असली टिकट मिल जाता है, तो आप ट्रेन के छूटने से पहले रेलवे काउंटर पर जाकर डुप्लीकेट टिकट वापस कर सकते हैं और अपना पैसा वापस ले सकते हैं।

ट्रेन छूटने पर:
अगर किसी कारणवश आपकी ट्रेन छूट जाती है, तो आपकी सीट अगले तीन स्टेशनों तक सुरक्षित रहती है और टीटीई द्वारा सीट कैंसिल नहीं की जा सकती।

इन उपायों को जानकर आप ट्रेन यात्रा के दौरान किसी भी असुविधा से बच सकते हैं और अपनी यात्रा को सुगम बना सकते हैं।

MP News: रक्षक बना भक्षक, पुलिसकर्मी ने की युवती से छेड़छाड़, घर तक किया पीछा, धमकाकर थाने में रखा चार घंटे

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: पुलिस को समाज का रक्षक माना जाता है, पर जब वही रक्षक अपनी जिम्मेदारी को भूलकर भक्षक बन जाए, तो आम जनता का विश्वास हिल जाता है। रतलाम में ऐसा ही एक शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसने पूरे जिले को हिला कर रख दिया है। माणक चौक थाना क्षेत्र में तैनात एक पुलिसकर्मी, जिसे महिला सुरक्षा का जिम्मा दिया गया था, ने न केवल युवती से छेड़छाड़ की, बल्कि उसका घर तक पीछा भी किया। यही नहीं, जब युवती और उसका भाई शिकायत करने थाने पहुंचे, तो वहां मौजूद आरोपी पुलिसकर्मी ने न सिर्फ धमकियां दीं बल्कि उन्हें चार घंटे तक थाने में बैठाए रखा। आरोपी आरक्षक का नाम दुर्गेश उर्फ सोनू जाट है। सूत्रों के अनुसार आरक्षक अनुकंपा नियुक्ति पर विभाग में भर्ती हुआ था। शादीशुदा आरोपी दुर्गेश के एक बेटा व एक बेटी है। एएसपी राकेश खाखा के अनुसार आरोपी आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के आदेश दिए है।

घटना का पूरा विवरण
यह मामला 13 अक्टूबर 2024 की शाम का है। 21 वर्षीय पीड़िता अपने घर लौट रही थी, जब साक्षी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने के लिए रुकी। वहां मौजूद आरोपी पुलिसकर्मी दुर्गेश जाट ने अभद्र टिप्पणियां कीं। इसके बाद, जब युवती सब्जी लेने निकली, तो दुर्गेश जाट ने उसका पीछा करना शुरू कर दिया। घर लौटने पर भी आरोपी युवती के घर तक पहुंच गया। जब पीड़िता ने अपने भाई को इस बारे में बताया, तो भाई ने आरोपी को ललकारा, जिस पर पुलिसकर्मी अपनी बाइक छोड़कर भाग गया।

थाने में घटी शर्मनाक घटना
अपनी सुरक्षा की उम्मीद लेकर जब पीड़िता और उसका भाई औद्योगिक थाना पहुंचे, तो वहां पहले से ही आरोपी पुलिसकर्मी मौजूद था। थाने में ही उसने पीड़िता और उसके भाई को गालियां दीं और धमकियां दीं। इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात यह रही कि थाने में एफआईआर दर्ज करने में काफी देरी की गई। पीड़िता और उसके भाई को करीब चार घंटे तक थाने में बैठाए रखा गया, जबकि कानून के रखवाले खुद अपराधी के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकिचा रहे थे। आखिरकार, महिला थाना प्रभारी की उपस्थिति में पीड़िता के बयान दर्ज किए गए और छेड़छाड़ की एफआईआर दर्ज हुई।

आरोपी निलंबित, एसपी ने की कार्रवाई की पुष्टि
रतलाम के एसपी अमित कुमार ने घटना की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई की और आरोपी पुलिसकर्मी दुर्गेश जाट को निलंबित कर दिया। एसपी ने यह भी बताया कि आरोपी के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पीड़िता को न्याय मिले। हालांकि, इस पूरे मामले में पुलिस विभाग की लापरवाही और थाने में पीड़िता के साथ हुए व्यवहार ने सवाल खड़े कर दिए हैं।

पुलिस की छवि पर गहरा धक्का
यह मामला तब सामने आया है, जब पुलिस विभाग “अभिमन्यु अभियान” चला रहा है, जो महिला सुरक्षा और जागरूकता को लेकर शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण अभियान है। इस अभियान के तहत पुलिस लोगों को यह संदेश देने का प्रयास कर रही है कि महिलाएं सुरक्षित हैं, और उन्हें किसी भी तरह की हिंसा या उत्पीड़न से डरने की जरूरत नहीं है। पर जब खुद पुलिसकर्मी ही महिलाओं के प्रति इस तरह का व्यवहार करेंगे, तो समाज में महिला सुरक्षा का संदेश कैसे पहुंचेगा?

न्याय की मांग
रतलाम की इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। जनता और महिला संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषी पुलिसकर्मी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पुलिस विभाग के अंदर फैली इस तरह की भ्रष्ट मानसिकता पर रोक लगाई जाए और ऐसे अपराधियों को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया जाए। यह घटना सिर्फ रतलाम की नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि यदि पुलिस जैसी सुरक्षा एजेंसी में इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी, तो जनता का कानून व्यवस्था पर से विश्वास उठ जाएगा। पुलिस विभाग को अपनी छवि को सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे और यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

Ratlam News: रतलाम में होगा अद्भुत ‘महाशतावधान’ का आयोजन, जैन मुनि देंगे 200 सवालों के क्रमशः उत्तर

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: विज्ञान कहता है कि एक साधारण व्यक्ति एक समय में केवल 5 से 10 चीजें ही याद रख सकता है, लेकिन रतलाम में 20 अक्टूबर को जैन मुनि श्री चंद्रप्रभ चंद्र सागर जी महाराज इस धारणा को चुनौती देंगे। चंपा विहार में आयोजित होने वाले इस अद्वितीय कार्यक्रम ‘महाशतावधान’ में मुनिश्री 2000 से अधिक लोगों के सामने 200 सवालों को एक ही बार सुनकर क्रमशः उनके उत्तर देंगे। यह अद्भुत स्मरण शक्ति का प्रदर्शन आधुनिक विज्ञान के लिए एक आश्चर्यजनक घटना साबित होगी। यह सवाल वहां उपस्थित लोगों के बीच से होंगे।

भारतवर्ष की प्राचीन और वैदिक परंपरा में ऐसी अद्भुत स्मरणशक्ति की कहानियां मिलती हैं, जहां विद्यार्थी गुरु से एक बार सुनकर ही आगम और वेद ग्रंथ याद कर लेते थे। वर्तमान में जब मनुष्य की स्मरण शक्ति कमजोर होती जा रही है और अल्जाइमर एवं पार्किंसंस जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं, ऐसे समय में यह महाशतावधान कार्यक्रम मानवता के लिए एक नई आशा का संचार करेगा।

आचार्य श्री नयचंद्र सागर सुरीश्वर जी महाराज की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यक्रम में मुनिश्री के 10 से अधिक शिष्य ‘शतावधानी’, ‘महाशतावधानी’, ‘अर्धसहस्त्रावधानी’, और ‘सहस्त्रावधानी’ के रूप में अपनी स्मरण शक्ति का प्रदर्शन कर चुके हैं। इनकी अनूठी सरस्वती साधना के जरिए अब तक 50,000 से अधिक विद्यार्थियों ने लाभ उठाया है।

रतलाम में आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के प्रति पूरे भारतवर्ष में उत्साह है। न्यायाधीश, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, और व्यवसायी सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रतलाम पहुँचेंगे। मध्यप्रदेश की जनता भी इस अद्वितीय स्मरण शक्ति के प्रदर्शन को देखने के लिए उत्सुक है, जिससे रतलाम इतिहास का साक्षी बनेगा। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए पूरे शहर में तैयारियां जोरों पर हैं, और इस आयोजन को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं।

Ratlam News: मंत्री चेतन्य काश्यप के घर के बाहर कांग्रेस नेताओं ने की जमकर नारेबाजी, महिला अपराध के विरोध में सौंपा ज्ञापन

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। Ratlam News: मध्यप्रदेश में लगातार अबोध बालिकाओं, छात्राओं और महिलाओं के साथ हो रही बलात्कार और हत्या की घटनाओं के विरोध में आज शहर कांग्रेस कमेटी ने मंत्री चेतन्य काश्यप के निवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के प्रति सरकार की असफलता पर कड़ी नाराजगी जताई।

शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र कटारिया के नेतृत्व में इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें पूर्व विधायक पारस सकलेचा, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा, कार्यवाहक अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह अठाना, महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम चाहर, यास्मीन शेरानी, बसंत पंड्या, सोहेल काजी सहित अन्य वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता शामिल थे।

ज्ञापन में प्रदेश में हो रही अत्याचारों और हत्याओं की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। खासकर, पिछले कुछ महीनों में ग्वालियर, अनुपपुर, टीकमगढ़, राजगढ़, शहडोल, डिंडोरी, जबलपुर, उज्जैन, भोपाल, और अन्य जिलों में अबोध बालिकाओं और महिलाओं के साथ हुई घटनाओं ने पूरे प्रदेश में जनमानस को झकझोर दिया है।

शहर कांग्रेस कमेटी ने ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री और राज्य सरकार से अपील की कि वे इन घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए, ताकि महिलाओं और बालिकाओं का जीवन सुरक्षित हो सके। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं ने प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर शर्मसार कर दिया है, और सरकार की उदासीनता के चलते अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पुलिस प्रशासन से मांग की कि महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएं।

इस मौके पर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अगर सरकार जल्द ही इस दिशा में कठोर कदम नहीं उठाती है, तो कांग्रेस पार्टी जनता के साथ मिलकर और भी बड़े स्तर पर आंदोलन करेगी। विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने के दौरान उपस्थित लोगों में राजीव रावत, कमरूदीन कचवाया, प्रवक्ता जोएब आरीफ, सुजीत उपाध्याय, हितेश पेमल, आशा रावत, रमेश शर्मा, ओम त्रिपाठी, राहुल दुबे, राकेश आचार्य, कविता महावर, नीलोफर खान आदि कार्यकर्ता शामिल थे।

Abhyas Career Institute: रतलाम में NEET विद्यार्थियों के लिए बायो-केम टेस्ट सीरीज का आयोजन

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
न्यूज डेस्क। Abhyas Career Institute: रतलाम में स्थित अभ्यास कैरियर इंस्टिट्यूट ने नीट (NEET) परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए बायोलॉजी और केमिस्ट्री विषयों पर केंद्रित Bio-Chem टेस्ट सीरीज का आयोजन किया है। यह टेस्ट सीरीज 16 अक्टूबर से शुरू होगी, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों की नीट परीक्षा की तैयारी को और भी मजबूत करना है।

अभ्यास कैरियर इंस्टिट्यूट की मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) नीलिमा कुमावत ने बताया कि रतलाम और आसपास के क्षेत्र के कई विद्यार्थी नीट परीक्षा की तैयारी में जुटे हैं। हालांकि, उनमें से कई विद्यार्थी आर्थिक कारणों या अन्य वजहों से कोचिंग इंस्टिट्यूट से जुड़ नहीं पाते, और उन्हें सेल्फ स्टडी या ऑनलाइन माध्यम से तैयारी करनी पड़ती है। इसके चलते, उनकी तैयारी नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षा के लिए उतनी प्रभावी नहीं हो पाती।

नीलिमा कुमावत ने बताया कि इन विद्यार्थियों की इस समस्या के समाधान हेतु ऑफलाइन टेस्ट सीरीज (पेन और पेपर मोड में) आयोजित की जा रही है। इस टेस्ट सीरीज का पैटर्न नीट के वास्तविक परीक्षा पैटर्न के अनुरूप होगा, जिससे विद्यार्थियों को परीक्षा की वास्तविक स्थिति का अनुभव प्राप्त होगा। टेस्ट सीरीज का सिलेबस उन विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जो ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं, ताकि वे अपनी तैयारियों को बेहतर कर सकें।

MD नीलिमा कुमावत का मानना है कि यह टेस्ट सीरीज विद्यार्थियों को नीट परीक्षा के पैटर्न को समझने में मदद करेगी और उन्हें समयबद्ध तरीके से प्रश्न हल करने की रणनीति सिखाएगी। यह टेस्ट सीरीज उनके डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। विद्यार्थी इस टेस्ट सीरीज से जुड़कर अपने नीट की तैयारी को मजबूती दे सकते हैं और अधिक जानकारी के लिए अभ्यास कैरियर इंस्टिट्यूट, शास्त्री नगर, रतलाम से संपर्क कर सकते हैं।