MP News: आपको नहीं मिल रहा है वाहन दुर्घटना का क्लेम, तो कोर्ट का यह फैसला आपके लिए है

रतलाम – पब्लिक वार्ता,
जयदीप गुर्जर। MP News: रतलाम में न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में वाहन दुर्घटना के पीड़ितों और उनके परिजनों को राहत देते हुए कहा है कि दुर्घटना के छह महीने बाद भी क्लेम किया जा सकता है। न्यायालय के इस फैसले से उन लोगों को बड़ी राहत मिली है जो समय सीमा के कारण क्लेम नहीं कर पा रहे थे। अब वे छह महीने बाद भी मुआवजे के लिए आवेदन कर सकेंगे।

न्यायालय के प्रथम सदस्य, एमएसीसी (मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण) आदित्य रावत ने एक विशेष मामले पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। मामला प्रेमशंकर शर्मा की 22 जनवरी 2022 को हुई एक सड़क दुर्घटना से जुड़ा था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। इस दुर्घटना के बाद, उनकी पत्नी आशा शर्मा ने 26 अप्रैल 2023 को बीमा क्लेम दायर किया। इस क्लेम पर बीमा कंपनी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के संशोधन के अनुसार क्लेम की अवधि दुर्घटना के 6 महीने के भीतर होनी चाहिए। लेकिन आशा शर्मा ने दुर्घटना के एक साल से अधिक समय बाद क्लेम दायर किया था।

बीमा कंपनी की आपत्ति के बावजूद न्यायाधीश आदित्य रावत ने बीमा कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया और क्लेम को सुनवाई योग्य माना। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि मोटर यान अधिनियम (मोटर व्हीकल एक्ट) एक कल्याणकारी कानून है, जिसका उद्देश्य दुर्घटना से पीड़ित परिवारों की मदद करना है। न्यायालय ने यह भी कहा कि सिर्फ देर से क्लेम दाखिल करने के आधार पर पीड़ित पक्ष को सुनवाई का अवसर दिए बिना मुआवजे के आवेदन को रद्द करना उचित नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में आवेदिका एक गृहिणी हैं और उन्हें इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं थी, इसलिए विलंब को नजरअंदाज करना न्यायोचित है।

इस मामले में आवेदिका की ओर से एडवोकेट देवेंद्र सिरधाना गुर्जर ने पैरवी की। उन्होंने बताया कि न्यायालय का यह निर्णय उन सभी परिवारों के लिए राहत लेकर आया है जो दुर्घटना की समय सीमा के कारण क्लेम नहीं कर पा रहे थे। वर्ष 2019 के मोटर व्हीकल एक्ट संशोधन में क्लेम दाखिल करने की अवधि छह महीने निर्धारित की गई थी, जिससे कई लोग जानकारी के अभाव में इस सीमा का पालन नहीं कर पाते थे। इस फैसले के बाद, दुर्घटना में घायल या मृतकों के परिजन छह महीने बाद भी मुआवजे का दावा कर सकते हैं, जो उनके लिए एक बड़ी राहत है।

गैरजिम्मेदारी और हादसा : नई सड़क पर सीवरेज के खोदे गढ्ढे से गिरकर बूजुर्ग हुआ घायल, रहवासियों ने किया चक्काजाम

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। सीवरेज, पाइप, रिपेयर के नाम पर तो कभी निर्माण के नाम पर नई सड़क को खोदना और छोड़ देना, रतलाम शहर में आम बात हो गई है। टैंकर कॉलोनी में सीवरेज के लिए नई सड़क खोद देने से मंगलवार को एक बुजुर्ग घायल हो गए। इसके बाद आक्रोशित रहवासियों ने चक्काजाम कर दिया। दूसरी ओर गांधीनगर से लेकर बिरियाखेड़ी तक कई इलाकों में सड़क बनाने के लिए महीनों से खुदी हुई सड़क लोगों को घायल कर रही है। सड़क निर्माण से पहले पूरे करने वाले कार्यों को बाद में करना कई सवाल खड़े करता है। ऐसे में जिम्मेदार निगम इंजीनियर और ठेकेदार का ध्यान कहां रहता है यह भी विचार करने वाली बात है।

नगर निगम की बिना ठोस प्लानिंग और योजना के तात्कालिक निर्माण लोगों के लिए लंबे समय से सरदर्द बने हुए हैं। इसी के चलते मंगलवार को टैंकर रोड पर रहवासियों ने जमकर आक्रोश जताया। रहवासी कमल पांचाल ने बताया कि टैंकर कॉलोनी में करीब 8 सालों की मांग के बाद हाल ही में सड़क निर्माण हुआ था। लेकिन सड़क बनाने के 3-4 महीने बाद ही सीवरेज लाइन डालने के नाम पर सड़क खोदकर खराब कर दी गई है। खोदी गई सड़क को ठीक से रिपेयर तक नहीं किया गया है जिसके कारण गड्ढ़े और गिट्टी के ढ़ेर पार करके निकलना पड़ता है। ऐेसे में आए दिन लोग गिरते रहते हैं। क्षेत्रवासी उजास शर्मा ने बताया मंगलवार दोपहर को सड़क से गुजर रहे क्षेत्र के ही रहवासी बुजुर्ग बद्रीलाल प्रजापत घायल हो गए। सिर से बहते खून के चलते उन्हें परिवार और पड़ोस के लोगों ने जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। वहीं घटना के बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने सड़क पर चक्काजाम कर दिया। ट्रैफिक रुकने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पंहुची। खबर लिखे जाने तक कोई भी निगम का जिम्मेदार रहवासियों से चर्चा करने नहीं पहुंचा था।