अंदाज अपना – अपना : प्रचार के बाद बजरंग पर पहुंचे पारस दादा, युवाओं के साथ ली चाय की चुस्की और सेल्फी

केंद्रीय चुनाव कार्यालय का हुआ उदघाटन…

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। विधानसभा चुनाव के नामांकन दाखिल होते ही प्रत्याशी जनता के बीच अपने – अपने अंदाज में पहुंच रहे है। यही नजारा रतलाम शहर में भी देखने को मिला। रतलाम में शाम होते ही चाय के शौकीनों का जमावड़ा लगता है। शनिवार को स्टेशन रोड पर शहर की फेमस बजरंग चाय पर कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा अचानक पहुंचे। यहां उन्होंने पहुंचते ही अपने लिए व समर्थकों के लिए चाय का आर्डर दिया। सकलेचा को देखकर हर कोई हैरत में भी पड़ गया।

बजरंग चाय पर युवाओं ने सकलेचा के साथ चाय पी और सेल्फी भी ली। इस दौरान करीब 30मिनट तक सकलेचा ने युवाओं से शहर के मुद्दों के बारे में चर्चा की। आपको बता दे की शहर में धीरे धीरे चुनावी रंग परवान चढ़ते नजर आ रहा है। प्रत्याशी अपने- अपने अंदाज में चुनाव प्रचार के लिए जुट गए है।

चाय का आर्डर देते कांग्रेस प्रत्याशी पारस दादा

कांग्रेस प्रत्याशी पारस दादा सकलेचा के केंद्रीय चुनाव कार्यालय  लक्कड़ पीठा (यूको बैंक के सामने) पर खोला गया। जिसका शुभारंभ वरिष्ठ अभिभाषक शांतिलाल मालवीय के हाथों किया गया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस को भारी बहुमतों से रतलाम शहर और मध्य प्रदेश में विजय दिलाने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर  युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष मयंक जाट, नगर निगम नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा, राजकुमार जैन लाला, विनोद मिश्रा मामा, संदीप शुक्ला, जोएब आरिफ, राकेश झालानी, पीयूष बाफना, पुनीत शर्मा, धर्मेंद्र मंडवारिया, सतीश पुरोहित, अनिल झालानी सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

कार्यालय का उद्घाटन करते कांग्रेस पदाधिकारी व प्रत्याशी

“दादा” का दम : स्कूटर पर सवार होकर नामांकन दाखिल करने पहुंचे पारस सकलेचा, बड़ी संख्या में शामिल हुए कांग्रेस कार्यकर्ता

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। विधानसभा चुनाव में शहर के कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा (दादा) शुक्रवार को रैली के रूप में नामांकन दाखिल करने पहुंचे। इस दौरान सकलेचा युवा नेता मयंक जाट के साथ स्कूटर पर सवार दिखाई दिए। रैली में बड़ी संख्या समर्थक व कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। वहीं नामांकन दाखिल करने से पहले कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा ने कालिका माता मंदिर, साहू बावड़ी स्थित हनुमान मंदिर, ऊँकाला गणेश जी सहित कई देवालयों पर पहुंच कर दर्शन किए व आशीर्वाद प्राप्त किया।

नामांकन दाखिल करते सकलेचा व अन्य

कांग्रेस प्रत्याशी सकलेचा की नामांकन रैली शुक्रवार सुबह 10 बजे बाजना बस स्टैंड से शुरू हुई जो शहर के विभन्न मार्गों से होते हुए नवीन कलेक्टोरेट पहुंची। नामांकन रैली के दौरान शहर में जगह – जगह स्वागत भी हुआ। कलेक्टोरेट पहुंचकर सकलेचा ने रिटर्निंग अधिकारी व शहर एसडीएम संजीव केशव पांडे के समक्ष अपना नामांकन फॉर्म जमा कराया। मीडिया से चर्चा में सकलेचा ने कहा की हमारे तीन प्रमुख मुद्दे है जिनमें पहला है राज्य सरकार की असफलता, कुप्रबंधन और कुशासन, दूसरा वर्तमान शहर विधायक की जो राजनीति है उसमें सेवा व श्रम की जगह पैसे और बाहुबल का महत्व है और तीसरा नगर निगम है। आज शहर की सड़कों में गड्ढे ढूंढना आसान है पर सड़क ढूंढना मुश्किल है। इसके अलावा शहर में और भी कई मुद्दे है जिनको लेकर कांग्रेस मैदान में उतरेगी और निश्चित ही जीत हासिल करेगी।

नामांकन जमा करने के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी पारस सकलेचा के साथ शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया, युवक कांग्रेस जिलाध्यक्ष मयंक जाट, प्रदेश महासचिव यास्मीन शेरानी, नेता प्रतिपक्ष शांतिलाल वर्मा विशेष रूप से मौजूद थे। रैली में कार्यवाहक अध्यक्ष शैलेंद्रसिंह अठाना, फैय्याज मंसूरी, महामंत्री राजीव रावत, शहर युवक कांग्रेस अध्यक्ष सय्यैद वुसद जैदी, सेवादल अध्यक्ष रजनीकांत व्यास, महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम चाहर, महिला सेवादल अध्यक्ष वेणू शर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थक और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

सबका कटेगा “टिकट” ? : कांग्रेस ने रतलाम शहर से प्रभु को दूर से किया प्रणाम, जावरा में जीवनसिंह शेरपुर को अघोषित कार्यकर्ता बनाकर छोड़ा

टिकट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों में जमकर बवाल, भाजपा ग्रामीण में तो शुरू हुए उपवास

पब्लिक वार्ता – रतलाम,
जयदीप गुर्जर। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के मुकाबलों का दौर अभी शुरू नहीं हुआ है। इससे पहले दोनों ही पार्टियों में अंदरूनी मुकाबले की अग्नि परीक्षा जारी है। भाजपा में संगठन के अच्छे मैनेजमेंट के चलते यह बाहरी स्तर पर कम दिखाई पड़ता है, मगर कांग्रेस में सबकुछ खुली किताब है। हम इधर उधर के फालतू कयास नहीं लगाएंगे जिससे आप भी बोर हो जाए। बात करते है सीधे मुद्दे की। देर रात कांग्रेस ने शहर से पारस सकलेचा को अपना दावेदार घोषित किया। सबकुछ ठीक चल रहा था मगर अचानक ही अज्ञात लोग आते है और पुतला जलाकर रवाना हो जाते है।

गौरतलब है कि मयंक जाट के मैदान छोड़ने के बाद ही बाकी को अपने अपने टिकट की आस जागी थी। ऐसे में प्रकाश प्रभु राठौड़ अपनी पूरी तैयारी में थे। चुनाव नजदीक आते ही इन्होंने रतलाम के मार्केट में अपनी मार्केटिंग शुरू कर दी। सनातनी झंडा उठाकर प्रभुजी ने धार्मिक कार्यक्रमों को करते हुए अपना चेहरा चमकाया। मगर अंत में कांग्रेस ने इनको दूर प्रणाम करते हुए पारस दादा को अपना दावेदार घोषित किया। अब प्रभु राठौड़ जी के निर्दलीय मैदान में उतरने की भी फुसफुसाहट बाजार में शुरू हो रही है। खेर इतनी बड़ी कांग्रेस में शहर में पारस दादा का पुतला किसने जलाया यह दोनों पार्टियों के लिए जांच का विषय है।

ग्रामीण में कांग्रेसियों का विरोध प्रदर्शन

MP के किंग को जावरा में जगह नहीं :
जातीय संगठन करणी सेना से देशभर में चमके जीवनसिंह शेरपुर ने 2023 में राजनीतिक एंट्री की शुरुआत का एलान किया। खेर यह कोई नई बात नहीं है, की कोई सामाजिक संगठन से शुरुआत करते हुए फेम बेस बनाकर राजनीति में आ रहा हो। जीवनसिंह शेरपुर ने भी ठीक वैसा ही किया। मगर राजनीति में आने से पहले से 2018 के चुनाव में जीवनसिंह ने कांग्रेस को अप्रत्यक्ष रूप से पूरा समर्थन दिया। इस बार नगरीय निकाय में भी जीवनसिंह ने यही किया। जिसके बाद जीवनसिंह ने अपनी विधानसभा की तैयारी शुरू की और कांग्रेस से टिकट की लगभग ग्यारंटी भी समझी। मगर समर्थकों में एमपी का किंग कहे जाने वाले जीवनसिंह को कांग्रेस ने जावरा में जगह नहीं दी। जिसके पीछे कारण बेदाग छवि का नहीं होना बताया जा रहा है।

बरहाल जीवनसिंह का कहना है कि वे उनकी मांगों को लेकर अडिग है, इन मांगों को कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में जगह नहीं दी है। जीवनसिंह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने का मन बना चुके है। फिलहाल जीवनसिंह शेरपुर 80 के करीब विधानसभा सीटों पर अपनी तैयारी की बात कह रहे है। ऐसे में अब कहीं और तो नहीं मगर जावरा में त्रिकोणीय मुकाबला जरूर देखने में आ सकता है। जीवनसिंह शेरपुर के समर्थकों का मानना है कि राजपूत समाज के अलावा अन्य समाज भी उनके साथ है।

खेर अब भाजपा की सूची का सभी को बेसब्री से इंतजार है। इस सूची में जावरा, आलोट और रतलाम ग्रामीण की स्थिति स्पष्ट होगी। मौजूदा रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना दिल्ली-भोपाल दौड़ने में लगे है। वहीं पूर्व विधायक मथुरालाल डामर के समर्थकों का मानना है की त्याग व जनता के बीच रहने वाले “बा” को अवसर दिया जाए। ग्रामीण में मथुरालाल डामर की इस बार हवा तेज है। बात यह भी सामने आ रही है कि कई समर्थक इनके टिकट के लिए उपवास तक रख रहे है। लोग पूजा अनुष्ठान कर रहे है।